In the DeviLal family, no one goes against each other in the field-m.khaskhabar.com
×
khaskhabar
Apr 20, 2024 2:06 am
Location
Advertisement

Haryana Assembly Elections- देवीलाल परिवार में एक-दूसरे के खिलाफ कोई नहीं उतरता मैदान में

khaskhabar.com : मंगलवार, 08 अक्टूबर 2019 3:34 PM (IST)
Haryana Assembly Elections-  देवीलाल परिवार में एक-दूसरे के खिलाफ कोई नहीं उतरता मैदान में
निशा शर्मा
चंडीगढ़ । पूर्व उप प्रधानमंत्री स्व. देवीलाल का परिवार इस समय हरियाणा में कई राजनीतिक पार्टियों में सक्रिय है, मौके-बेमौके एक-दूसरे के खिलाफ ताने भी कसते रहते हैं, लेकिन चुनावी मैदान में कभी एक-दूसरे के खिलाफ जोर आजमाइश नहीं उतरते ।
सिरसा जिले की ऐलनाबाद सीट से देवीलाल के पोते और पूर्व मुख्यमंत्री ओमप्रकाश चौटाला के बेटे व विधानसभा में विपक्ष के नेता रहे अभय सिंह चौटाला एक बार फिर इंडियन नेशनल लोकदल (इनेलो) के टिकट पर किस्मत आजमा रहे हैं । पिछले चुनाव में उन्होंने यहां से भाजपा के उम्मीदवार पवन बेनीवाल को ग्यारह हजार से ज्यादा वोटों से हराया था. इस बार चौटाला के खिलाफ भाजपा ने यहां से फिर बेनीवाल को ही मौका दिया है ।
देवीलाल के छोटे बेटे और पूर्व मंत्री रणजीत सिंह रानियां से कांग्रेस की टिकट पर चुनाव लड़ते रहे हैं, लेकिन इस बार पार्टी ने उन्हें टिकट देने से इनकार कर दिया । इससे नाराज रणजीत सिंह ने सिरसा जिले के रानियां क्षेत्र से बतौर आज़ाद उम्मीदवार मैदान में उतरने का फैसला किया है । टिकट कटने के बाद रणजीत सिंह ने इनेलो सुप्रीमो ओमप्रकाश चौटाला से मुलाकात की थी और ऐसा लग रहा था कि वे इनेलो में शामिल हो जाएंगे, लेकिन अपने बड़े भाई चौटाला का आशीर्वाद हासिल करने के बाद वे बतौर आज़ाद उम्मीदवार ही मैदान में उतरे ।
जनता दल के 1989 में केंद्र में सत्ता में आने के बाद विश्वनाथ प्रताप सिंह सरकार में जब देवीलाल उप प्रधानमंत्री बन गए, तब उनकी जगह मुख्यमंत्री की कुर्सी के लिए चौटाला और रणजीत सिंह के बीच बड़ी रस्साकसी चली थी. आखिर में मुख्यमंत्री पद की शपथ चौटाला ने ली और रणजीत सिंह कैबिनेट मंत्री के तौर पर मंत्रिमंडल में शामिल किये गए. थोड़े अर्से बाद उन्होंने मंत्री पद से इस्तीफा दे दिया और परिवार का साथ छोड़ कांग्रेस में शामिल हो गए. उन्होंने कांग्रेस टिकट पर कई चुनाव लड़े, लेकिन जीत नहीं पाए ।
इनेलो चौटाला के दोनों बेटों अजय सिंह और अभय सिंह के बीच शुरु हुए संघर्ष के परिणामस्वरूप दोफाड़ हो गई. इनेलो की कमान अभय चौटाला के हाथ आई और अजय सिंह के बेटे पूर्व सांसद दुष्यं चौटाला ने जननायक जनता पार्टी (जेजेपी) का गठन कर लिया । दुष्यंत अब जहां जींद जिले के उचनाकलां क्षेत्र से मैदान में उतरे हैं, वहीं पिछले चुनाव में वे सिरसा जिले की डबवाली सीट से जीत कर विधानसभा में पहुंची उनकी मां नैना सिंह चौटाला इस बार भिवानी जिले की बाढड़ा सीट से चुनाव लड़ रही हैं ।
आदित्य चौटाला, जो देवीलाल के पोते और स्व. जगदीश के बेटे हैं, को भाजपा ने सिरसा जिले की डबवाली सीट से टिकट दिया है । मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने उन्हें बोर्ड की चेयरमैन भी बनाया हुआ था । डबवाली की मौजूदा विधायक नैना ने इस बार भले ही अपनी सीट बदल ली हो, लेकिन यहां से किस्मत आजमाने का मौका फिर भी देवीलाल परिवार के सदस्य आदित्य देवीलाल को ही मिला है । देखना यह है कि एक-दूसरे के सामने ताल ठोकने से बचते रहे देवीलाल परिवार के कितने सदस्य चुनाव जीत कर इस बार विधानसभा में पहुचते हैं ।


ये भी पढ़ें - अपने राज्य - शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे

Advertisement
Khaskhabar Haryana Facebook Page:
Advertisement
Advertisement