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आईएएस एसोसिएशन का साहित्यिक कार्यक्रम
जयपुर। शासन सचिव, विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग तथा आईएएस ऎसोसिएशन की साहित्यिक सचिव मुग्धा सिन्हा ने शुक्रवार को बताया कि आईएएस ऎसोसिएशन, के तत्वाधान में झालाना डूंगरी संस्थानिक क्षेत्र स्थित टेक्नोहब में पार्थ सारथी सेन शर्मा आई.ए.एस द्वारा लिखित पुस्तक ‘‘लखनऊ डायरिज ऑफ लव एवं लॉगिंग’’ पर शनिवार को 11 बजे संवाद कार्यक्रम आयोजित किया जाएगा। उन्होंने बताया कि प्रमुख शासन सचिव, कार्मिक विभाग रोली सिंह लेखक शर्मा से उनकी पुस्तक पर चर्चा में भाग लेंगी।
सिन्हा ने बताया कि लखनऊ डायरी समय की कसौटी पर खरा उतरते हुए प्यार, दोस्ती, लालसा और रिश्तों की पड़ताल करती है। कहानी दिनेश, फिरोज और राहुल के जीवन के इर्द-गिर्द घूमती है और कैसे उनकी यात्रा एक-दूसरे के साथ और लखनऊ शहर से ही जुड़ी हुई है। उन्होंने बताया कि शर्मा की यह कृति लखनऊ शहर के प्रति सम्मान है जो शहर को विभिन्न आयामों के साथ देखने के साथ-साथ उसके विकास की गाथा को अनूठे ढंग से बयां करती है। लेखन के शौकीन शर्मा प्रारम्भ से ही विभिन्न समाचार पत्रों एवं पत्रिकाओं में लेख, यात्रानामा एवं अपने विचारनामा लिख रहे हैं।
उन्होंने बताया कि शर्मा द्वारा वर्ष 2011 में यात्रानामा ‘‘ ए पैसेज अक्रॉस यूरोप’’ 2015 में उपन्यास ‘‘लव साइड बाय साइड’’ का प्रकाशन करवाया है। उन्होंने बताया कि ब्रिटेन, यूरोप, टर्की, मोरक्को तथा भारत की यात्रा के संस्मरणों को वर्ष 2016 में प्रकाशित यात्रानामा ‘‘एवरी मायल ए मेमॉरी’’ पिरोया है। इन सभी पुस्तकों का हिन्दी में भी अनुवाद हो चुका है।
सिन्हा ने बताया कि लखनऊ डायरी समय की कसौटी पर खरा उतरते हुए प्यार, दोस्ती, लालसा और रिश्तों की पड़ताल करती है। कहानी दिनेश, फिरोज और राहुल के जीवन के इर्द-गिर्द घूमती है और कैसे उनकी यात्रा एक-दूसरे के साथ और लखनऊ शहर से ही जुड़ी हुई है। उन्होंने बताया कि शर्मा की यह कृति लखनऊ शहर के प्रति सम्मान है जो शहर को विभिन्न आयामों के साथ देखने के साथ-साथ उसके विकास की गाथा को अनूठे ढंग से बयां करती है। लेखन के शौकीन शर्मा प्रारम्भ से ही विभिन्न समाचार पत्रों एवं पत्रिकाओं में लेख, यात्रानामा एवं अपने विचारनामा लिख रहे हैं।
उन्होंने बताया कि शर्मा द्वारा वर्ष 2011 में यात्रानामा ‘‘ ए पैसेज अक्रॉस यूरोप’’ 2015 में उपन्यास ‘‘लव साइड बाय साइड’’ का प्रकाशन करवाया है। उन्होंने बताया कि ब्रिटेन, यूरोप, टर्की, मोरक्को तथा भारत की यात्रा के संस्मरणों को वर्ष 2016 में प्रकाशित यात्रानामा ‘‘एवरी मायल ए मेमॉरी’’ पिरोया है। इन सभी पुस्तकों का हिन्दी में भी अनुवाद हो चुका है।
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