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आईएएफ ने सुखोई-30 से ब्रह्मोस का दूसरा परीक्षण किया
नई दिल्ली। भारतीय वायुसेना ने बुधवार को सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल के एयर-लांच संस्करण का दूसरा परीक्षण किया। इस मिसाल को सुखोई-30 एमकेआई लड़ाकू विमान से दागा गया।
आईएएफ ने एक बयान में कहा कि मिसाइल ने निर्धारित मार्ग से होते हुए सीधे लक्ष्य को भेद दिया।
भारतीय नौसेना के पोत ने एक समुद्री लक्ष्य पर दागी गई मिसाइल पर नजर रखा। सुखोई-30 से ब्रह्मोस का पहला परीक्षण 22 नवंबर, 2017 को किया गया था।
वायुसेना ने कहा कि भारत-रूस के संयुक्त उत्पाद, इस मिसाइल का एकीकरण एक जटिल काम था और विमान में कई बदलाव किए जाने की जरूरत थी। आईएएफ ने सॉफ्टवेयर बदलाव किया, जबकि हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड ने मेकेनिकल और इलेक्ट्रिकल बदलाव किए।
ब्रह्मोस का एयर-लांच संस्करण एक 2.5 टन कर क्रूज मिसाइल है, जो 300 किलोमीटर दूरी तक मार कर सकती है।
--आईएएनएस
आईएएफ ने एक बयान में कहा कि मिसाइल ने निर्धारित मार्ग से होते हुए सीधे लक्ष्य को भेद दिया।
भारतीय नौसेना के पोत ने एक समुद्री लक्ष्य पर दागी गई मिसाइल पर नजर रखा। सुखोई-30 से ब्रह्मोस का पहला परीक्षण 22 नवंबर, 2017 को किया गया था।
वायुसेना ने कहा कि भारत-रूस के संयुक्त उत्पाद, इस मिसाइल का एकीकरण एक जटिल काम था और विमान में कई बदलाव किए जाने की जरूरत थी। आईएएफ ने सॉफ्टवेयर बदलाव किया, जबकि हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड ने मेकेनिकल और इलेक्ट्रिकल बदलाव किए।
ब्रह्मोस का एयर-लांच संस्करण एक 2.5 टन कर क्रूज मिसाइल है, जो 300 किलोमीटर दूरी तक मार कर सकती है।
--आईएएनएस
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