High Court Damnation the police, The Case of Communist Thinkers-m.khaskhabar.com
×
khaskhabar
Apr 20, 2024 5:20 am
Location
Advertisement

HC ने मीडिया बीफ्रिंग पर महाराष्ट्र पुलिस को फटकारा, कम्युनिस्ट चिंतकों का मामला

khaskhabar.com : सोमवार, 03 सितम्बर 2018 6:14 PM (IST)
HC ने मीडिया बीफ्रिंग पर महाराष्ट्र पुलिस को फटकारा, कम्युनिस्ट चिंतकों का मामला
मुंबई। महाराष्ट्र सरकार को असहज स्थिति में डालते हुए बंबई उच्च न्यायालय ने सोमवार को जानना चाहा कि पुलिस पांच मानवाधिकार कार्यकर्ताओं की गिरफ्तारी पर मीडिया को क्यों संबोधित कर रही है, जबकि मामला विचाराधीन है। न्यायमूर्ति एस.एस.शिंदे व न्यायमूर्ति मृदुला भटकर की खंडपीठ ने कहा कि पुलिस ऐसा कैसे कर सकती है? मामला विचाराधीन है। अदालत ने एक जनहित याचिका (पीआईएल) पर सुनवाई करते हुए यह बात कही।

याचिकाकर्ता सतीश एस. गायकवाड़ ने राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) से घटना की जांच व पुणे पुलिस से इसकी जांच रोकने की मांग को लेकर एक पीआईएल दाखिल की है। गायकवाड़ खुद को एक जनवरी कोरेगांव-भीमा जातिगत दंगों का पीडि़त बताते हैं। अदालत ने पुलिस के कार्य को ‘गलत’ करार देते हुए कहा कि जब सर्वोच्च न्यायालय मामले को देख रहा है तो पुलिस दस्तावेजों के बारे में कैसे बता सकती है, जिसे इस मामले में साक्ष्य के रूप में प्रस्तुत किया जा सकता है। सरकारी अभियोजक दीपक ठाकरे ने अदालत को भरोसा दिया कि वह इस मुद्दे पर संबंधित पुलिस अधिकारियों से चर्चा करेंगे और उनसे जवाब मांगेंगे।

अदालत ने मामले की अगली सुनवाई 7 सितंबर को तय की है। पुलिस ने जून में सुधीर धावले, रोना विल्सन, सुरेंद्र गडलिंग, शोमा सेन व महेश राउत को गिरफ्तार किया था। अगस्त में छापे के दौरान पी. वरवर राव, वरनॉन गोंजाल्वेस, अरुण फरेरा, सुधा भारद्वाज व गौतम नवलखा को गिरफ्तार किया गया। दूसरे चरण की 28 अगस्त की गिरफ्तारी को लेकर एक जनहित याचिका पर सर्वोच्च न्यायालय ने 29 अगस्त को सुनवाई की।

इसके दो दिन बाद 31 अगस्त को महाराष्ट्र के अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक परम बीर सिंह ने मुंबई में एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित किया। इसमें उन्होंने दस्तावेज दिखाए और दोहराया कि पांच गिरफ्तार कार्यकर्ताओं ने प्रतिबंधित भाकपा (माओवादी) के साथ मिलकर कथित तौर पर ‘केंद्र सरकार को उखाड़ फेंकने और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के शासन को खत्म करने के लिए उनकी राजीव गांधी के तर्ज पर हत्या को अंजाम देने’ की साजिश रची। पुलिस के मीडिया के संबोधन की वकीलों, कार्यकर्ताओं व प्रतिष्ठित व्यक्तियों व यहां तक कि शिवसेना ने निंदा की है।


ये भी पढ़ें - अपने राज्य / शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे

Advertisement
Khaskhabar.com Facebook Page:
Advertisement
Advertisement