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हरियाणा ने फसल मुआवजा बढ़ाकर 15,000 रुपये किया
चंडीगढ़। हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने सोमवार को फसल मुआवजे को 12,000 रुपये से बढ़ाकर 15,000 रुपये करने और इस राशि से कम के मुआवजे के स्लैब में 25 प्रतिशत की वृद्धि करने की घोषणा की। उन्होंने ये घोषणाएं करनाल में 263 करोड़ रुपये के परिव्यय से निर्मित एक आधुनिक सहकारी चीनी मिल के शुभारंभ के अवसर पर की।
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार देशभर में सबसे ज्यादा फसल मुआवजा दे रही है और किसानों से अपनी फसल का बीमा कराने का आह्वान किया।
दो दिन पहले सरकार ने घोषणा की थी कि दो एकड़ जमीन वाले किसान को फसल बीमा प्रीमियम नहीं देना होगा, जबकि पांच एकड़ वाले किसानों के लिए सरकार ने आधा प्रीमियम देने का फैसला किया है।
कहा गया है कि जिनके पास पांच एकड़ से अधिक जमीन है, उन्हें फसल का बीमा खुद कराना होगा।
खट्टर ने कहा कि करनाल चीनी मिल की क्षमता बढ़ा दी गई है और करनाल और उसके आसपास के किसानों को अपना गन्ना कहीं और नहीं ले जाना पड़ेगा, क्योंकि जरूरत पड़ी तो मिल और चलेगी।
उन्होंने कहा कि हरियाणा में गन्ने का रेट देश में सबसे ज्यादा है और उन्होंने किसानों को आश्वासन दिया कि गन्ने का रेट सबसे ऊंचा रहेगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य में 11 सहकारी चीनी मिलें हैं। मिलों को हो रहे नुकसान को कम करने के लिए सरकार लगातार प्रयास कर रही है। मिलों में बिजली उत्पादन संयंत्र और इथेनॉल संयंत्र स्थापित किए जा रहे हैं।
उन्होंने कहा, "सरकार चीनी मिलों के विस्तार में 660 करोड़ रुपये का निवेश कर रही है। धीरे-धीरे सभी सहकारी चीनी मिलों में बिजली उत्पादन संयंत्र और इथेनॉल संयंत्र स्थापित किए जाएंगे। इससे चीनी मिलों की आय बढ़ेगी और नुकसान कम होगा।" (आईएएनएस)
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार देशभर में सबसे ज्यादा फसल मुआवजा दे रही है और किसानों से अपनी फसल का बीमा कराने का आह्वान किया।
दो दिन पहले सरकार ने घोषणा की थी कि दो एकड़ जमीन वाले किसान को फसल बीमा प्रीमियम नहीं देना होगा, जबकि पांच एकड़ वाले किसानों के लिए सरकार ने आधा प्रीमियम देने का फैसला किया है।
कहा गया है कि जिनके पास पांच एकड़ से अधिक जमीन है, उन्हें फसल का बीमा खुद कराना होगा।
खट्टर ने कहा कि करनाल चीनी मिल की क्षमता बढ़ा दी गई है और करनाल और उसके आसपास के किसानों को अपना गन्ना कहीं और नहीं ले जाना पड़ेगा, क्योंकि जरूरत पड़ी तो मिल और चलेगी।
उन्होंने कहा कि हरियाणा में गन्ने का रेट देश में सबसे ज्यादा है और उन्होंने किसानों को आश्वासन दिया कि गन्ने का रेट सबसे ऊंचा रहेगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य में 11 सहकारी चीनी मिलें हैं। मिलों को हो रहे नुकसान को कम करने के लिए सरकार लगातार प्रयास कर रही है। मिलों में बिजली उत्पादन संयंत्र और इथेनॉल संयंत्र स्थापित किए जा रहे हैं।
उन्होंने कहा, "सरकार चीनी मिलों के विस्तार में 660 करोड़ रुपये का निवेश कर रही है। धीरे-धीरे सभी सहकारी चीनी मिलों में बिजली उत्पादन संयंत्र और इथेनॉल संयंत्र स्थापित किए जाएंगे। इससे चीनी मिलों की आय बढ़ेगी और नुकसान कम होगा।" (आईएएनएस)
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