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सरकार का सभी जिलों में ग्राम स्तरीय मृदा परीक्षण परियोजना स्थापना का लक्ष्य
चंडीगढ़। केन्द्र सरकार ने राष्ट्रीय सतत कृषि मिशन (एनएमएसए) के मृदा स्वास्थ्य प्रबंधन घटक के तहत स्थानीय उद्यमियों द्वारा ग्राम स्तर पर मृदा परीक्षण परियोजनाओं की स्थापना की एक नई अवधारणा शुरू की है।
एक सरकारी प्रवक्ता ने आज यहां यह जानकारी देते हुए बताया कि प्रदेश में यह योजना केन्द्र और राज्य सरकार द्वारा 60:40 के अनुपात में भागीदारी आधार पर लागू की जाएगी। संशोधित दिशानिर्देशों के अनुसार, सांसद आदर्श ग्राम योजना (एसएजीवाई) के तहत आने वाले गांवों को प्राथमिकता दी जाएगी। परियोजना की कुल लागत पांच लाख रुपये निर्धारित की गई है जिसमें से सभी श्रेणियों के उद्यमियों को मृदा परीक्षण प्रयोगशाला के लिए 75 प्रतिशत सहायता का प्रावधान है। उन्होंने बताया कि विज्ञान विषय के साथ मैट्रिक में द्वितीय श्रेणी वाले 18 से 45 वर्ष के आयु वर्ग के उद्यमी ग्राम स्तरीय मृदा परीक्षण परियोजना (वीएलएसटीपी) की स्थापना के लिए पात्र होंगे।
उन्होंने बताया कि लाभार्थी का चयन संबंधित जिले के उपायुक्त की अध्यक्षता वाली जिला स्तरीय कार्यकारी समिति (डीएलईसी) द्वारा किया जाएगा। अब तक कैथल, हिसार, फतेहाबाद और सोनीपत जिलों से 19 प्रस्ताव प्राप्त हुए हैं जो सरकार के स्तर पर विचाराधीन हैं। उन्होंने बताया कि प्रदेश के प्रत्येक जिले में ग्राम स्तरीय मृदा परीक्षण परियोजना (वीएलएसटीपी) की स्थापना का लक्ष्य निर्धारित किया गया है और उपायुक्तों को 30 जून,2018 तक प्रस्ताव जमा करवाने के निर्देश जारी किए गए हैं ताकि इन्हें आगे केन्द्र सरकार को भेजा जा सके।
एक सरकारी प्रवक्ता ने आज यहां यह जानकारी देते हुए बताया कि प्रदेश में यह योजना केन्द्र और राज्य सरकार द्वारा 60:40 के अनुपात में भागीदारी आधार पर लागू की जाएगी। संशोधित दिशानिर्देशों के अनुसार, सांसद आदर्श ग्राम योजना (एसएजीवाई) के तहत आने वाले गांवों को प्राथमिकता दी जाएगी। परियोजना की कुल लागत पांच लाख रुपये निर्धारित की गई है जिसमें से सभी श्रेणियों के उद्यमियों को मृदा परीक्षण प्रयोगशाला के लिए 75 प्रतिशत सहायता का प्रावधान है। उन्होंने बताया कि विज्ञान विषय के साथ मैट्रिक में द्वितीय श्रेणी वाले 18 से 45 वर्ष के आयु वर्ग के उद्यमी ग्राम स्तरीय मृदा परीक्षण परियोजना (वीएलएसटीपी) की स्थापना के लिए पात्र होंगे।
उन्होंने बताया कि लाभार्थी का चयन संबंधित जिले के उपायुक्त की अध्यक्षता वाली जिला स्तरीय कार्यकारी समिति (डीएलईसी) द्वारा किया जाएगा। अब तक कैथल, हिसार, फतेहाबाद और सोनीपत जिलों से 19 प्रस्ताव प्राप्त हुए हैं जो सरकार के स्तर पर विचाराधीन हैं। उन्होंने बताया कि प्रदेश के प्रत्येक जिले में ग्राम स्तरीय मृदा परीक्षण परियोजना (वीएलएसटीपी) की स्थापना का लक्ष्य निर्धारित किया गया है और उपायुक्तों को 30 जून,2018 तक प्रस्ताव जमा करवाने के निर्देश जारी किए गए हैं ताकि इन्हें आगे केन्द्र सरकार को भेजा जा सके।
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