Haryana Education Minister Prof. Ram Bilas Sharma said that The literature of the Sun poet Pandit Lakhimichand will be immortalized-m.khaskhabar.com
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सूर्य कवि पंडित लखमीचंद के साहित्य को अमर रखा जाएगा: प्रो. रामबिलास

khaskhabar.com : सोमवार, 18 जून 2018 12:47 PM (IST)
सूर्य कवि पंडित लखमीचंद के साहित्य को अमर रखा जाएगा: प्रो. रामबिलास
चंडीगढ़। हरियाणा के शिक्षा मंत्री प्रो. रामबिलास शर्मा ने कहा है कि हरियाणा की संस्कृति देश की सबसे समृद्ध संस्कृति है, जिसके निर्माण में सूर्य कवि पंडित लखमीचंद का विशेष योगदान है। पंडित लखमीचंद की रचनाएं हमेशा प्रासंगिक रहेंगी। उनके साहित्य को अमर रखा जाएगा। पंडित लखमीचंद को भारत रत्न दिलाने के लिए हरियाणा सरकार से प्रस्ताव पारित करवा कर केंद्र सरकार के पास भेजा जाएगा।

शिक्षा मंत्री आज भिवानी जिले के गांव उमरावत में म्हारी संस्कृति म्हारा स्वाभिमान संस्था द्वारा सूर्य कवि पंडित लखमीचंद सांस्कृतिक भवन का शिलान्यास करने के उपरांत समारोह को संबोधित कर रहे थे। यह संस्था द्वारा प्रदेश में पहला पंडित लखमीचंद सांस्कृतिक भवन है। शिक्षा मंत्री ने भवन के निर्माण के लिए 21 लाख रुपए देने की घोषणा की। उन्होंने कहा कि यह घोषणा नहीं बल्कि भवन निर्माण के लिए संस्था के पास 21 लाख रुपए की राशि पहुंच गई है। उन्होंने कहा कि वर्तमान समय में हमारी संस्कृति छिन्न-भिन्न होती जा रही है, जिसको बचाना जरूरी है। उन्होंने कहा कि प्राचीन संस्कृति को बचाने के लिए ऐसे प्रयास होते रहने चाहिए। उन्होंने कहा कि हम सभी मिलकर प्रयास करेंगे, तभी संस्कृति को विकृत होने से बचाया जा सकता है।

उन्होंने कहा कि पंडित लखमीचंद की रचनाएं हमेशा प्रासंगिक रहेंगी। उन्होंने आध्यात्मिक, धार्मिक और वर्तमान समय पर सटीक बैठने वाली रचनाएं रची। उन्होंने अपनी रचनाओं से समाज में व्याप्त बुराईयों पर प्रहार भी प्रहार किया। उनकी रचनाओं को झुठलाया नहीं जा सकता। शिक्षा मंत्री ने कहा कि लखमीचंद सरस्वती पुत्र थे। उनके कंठ में मां सरस्वती का साक्षात वास था। वे ज्ञान के अथाह सागर थे। उन्होंने कहा कि उनकी रचनाओं को जनमानस तक पहुंचाने के लिए प्रदेश में गांव जांटी के पास 50 एकड़ भूमि में पं. लखमीचंद के नाम से विश्वविद्यालय की स्थापना की जा रही है। उन्होंने कहा कि अगले महीने ही अगस्त 2018 में इस विश्वविद्यालय का नींव पत्थर रखा जाएगा। उन्होंने कहा कि वे उन महापुरुषों की अनुयायी हैं, जिन्होंने ऐसी पार्टी का निर्माण किया, जिनके लिए पहले राष्ट्रहित सर्वोपरि है।

कार्यक्रम को संबोधित करते हुए विधायक घनश्याम दास सर्राफ ने गांव उमरावत सहित आसपास क्षेत्र में पेयजल संकट के समाधान करने सहित अनेक मांगे रखी। क्षेत्र की मांगें रखने के साथ-साथ विधायक सर्राफ ने पं. लखमीचदं भवन के लिए फिलहाल 1500 गज जमीन को एक एकड़ में विस्तार कर मुहैया करवाने की घोषणा की। उन्होंने कहा कि पं. लखमीचंद ने अपनी रचनाओं से समाज को सही रास्ता दिखाने का भी काम किया है। उन्होंने कहा कि वे हरियाणा की संस्कृति को बचाने के लिए हर संभव मदद करने को तैयार हैं।

कार्यक्रम के आयोजक संस्था के प्रधान डॉ. सुनील वत्स निठारी ने शिक्षा मंत्री व अन्य सभी मेहमानों का स्वागत व आभार प्रकट किया। उन्होंने कहा कि हरियाणा की प्राचीन संस्कृति को बचाने के लिए उनकी संस्था द्वारा अब तक प्रदेश में 15 हजार कि. मी. की दूरी तय कर लोगों से आह्वान किया जा चुका है। संस्था के मुख्य संरक्षक एवं लोक गायक विकास पाहसौरिया ने अपने भजन के माध्यम से शिक्षा मंत्री का स्वागत किया और संस्था के उद्देश्य का प्रकट किया।

कार्यक्रम में लोक गायक राजेश थुराना, डॉ. मक्खन शर्मा, सतीश सुई, जनक बापोड़ा, सुमित सांकरोड़, विकास पाहसौर, पालेराम, रणबीर बड़वासनिया, संदीप भैंसवाल, सुरेंद्र गिगनाऊ, अमित समचाना, दीपक पाहसौर, नरेंद्र दांगी व अमित मलिक सहित अनेक कलाकारों ने पं. लखमीचंद की रचनाओं की प्रस्तुती दी। इस दौरान प्रसिद्ध लोक गायक पालेराम, रणबीर बड़वासनिया, श्याम लाल भैसरू , दयानंद कसार, सांगी विष्णुदत्त शर्मा व रामेश्वर बेरला सहित अनेक लोक गायको को संस्था द्वारा संस्कृति रत्न से सम्मानित किया गया।


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