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AICTE के सुधारों को लागू करने वाला हरियाणा पहला राज्य बना
चंडीगढ़। अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद द्वारा तकनीकी क्षेत्र में
शुरू किए गए सुधारों को हरियाणा राज्य में प्रमुखता से लागू किया गया जा
रहा है जिसके कारण प्रदेश की राष्ट्रीय स्तर पर सराहना हो रही है। परिषद
की पहलों को शुरू करने वाला हरियाणा पहला राज्य बन गया है। इसी
कड़ी में तकनीकी शिक्षा विभाग हरियाणा द्वारा नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ
टेक्निकल टीचर्स ट्रेनिंग एंड रिसर्च चंडीगढ़ के सहयोग से एक दिवसीय
वर्कशॉप का आयोजन किया गया जिसमें पोलिटैक्रीक संस्थानों के अध्यापकों को
प्रशिक्षण दिया गया। प्रशिक्षण का मुख्य उद्देश्य पोलिटेक्नीकों में नए
शैक्षणिक सत्र के दौरान आने वाले छात्रों के इंडकशन ट्रेनिंग प्रोग्राम से
अवगत करवाना व जानकारी देना था। वर्कशॉप में करीब 200 प्रतिभागियों ने
हिस्सा लिया। यहां
उल्लेखनीय है कि अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद (एआईसीटीई) ने अकादमिक
सत्र 2018-19 से स्नातक पाठ्यक्रमों के लिए प्रशिक्षण कार्यक्रम अनिवार्य
कर दिया है। इसके बारे में संज्ञान लेते हुए हरियाणा तकनीकी शिक्षा बोर्ड
ने डिप्लोमा स्तर के नए छात्रों के लिए एआईसीटीई द्वारा निर्धारित मानदंडों
पर एक अच्छी तरह से संरचित दो सप्ताह का इंडकशन ट्रेनिंग प्रोग्राम तैयार
किया है जिसमें ओरियंटेशन, वैचारिक ज्ञान को मजबूत करना, कार्यक्रम
उद्देश्यों से परिचित होना, नौकरी के अवसर, खोज, प्लेसमेंट, भविष्य के शोध
और अध्ययन के दायरे, शारीरिक गतिविधि, जीवन कौशल, करियर परामर्श, स्थानीय
और प्रमुख औद्योगिक क्षेत्र की यात्रा और पर्यावरण के बारे में जागरूकता
फैलाने पर जोर दिया जाएगा।
इस अवसर पर वर्कशॉप में हरियाणा तकनीकी शिक्षा बोर्ड के निदेशक के.के कटारिया ने कहा कि पॉलीटेक्निक प्रणाली में नए छात्रों को समायोजित करने के लिए उनको ताजा तकनीक की जानकारी होनी चाहिए। उन्होंने शिक्षकों की भूमिका के महत्व पर प्रकाश डालते हुए कहा कि शिक्षकों को विद्यार्थियों के साथ बेहतर संबंध बनाकर उनके सलाहकार के रूप में काम करना चाहिए।
नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्निकल टीचर्स ट्रेनिंग एंड रिसर्च चंडीगढ़ के निदेशक डॉ. एस.एस पटनायक ने तकनीकी शिक्षा के क्षेत्र में हरियाणा द्वारा किए जा रहे प्रयासों की सराहना की। उन्होंने बताया कि हरियाणा एआईसीटीई की पहलों को लागू करने के लिए आगे आने वाला क्षेत्र का पहला राज्य है। उन्होंने छात्रों के लिए शिक्षण सीखने की प्रक्रिया के साथ प्रेरक दृष्टिकोण के एकीकरण पर प्रकाश डाला।
कार्यशाला में प्रो. वी.के कुकरेजा, प्रो. विधु मोहन, प्रो. पी.के सिंगला व अमनदीप ने भी छात्रों को समझने और उन्हें प्रेरित करने, सार्वभौमिक मानव मूल्यों और नैतिकता का परामर्श देने का सुझाव दिया।
इस अवसर पर वर्कशॉप में हरियाणा तकनीकी शिक्षा बोर्ड के निदेशक के.के कटारिया ने कहा कि पॉलीटेक्निक प्रणाली में नए छात्रों को समायोजित करने के लिए उनको ताजा तकनीक की जानकारी होनी चाहिए। उन्होंने शिक्षकों की भूमिका के महत्व पर प्रकाश डालते हुए कहा कि शिक्षकों को विद्यार्थियों के साथ बेहतर संबंध बनाकर उनके सलाहकार के रूप में काम करना चाहिए।
नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्निकल टीचर्स ट्रेनिंग एंड रिसर्च चंडीगढ़ के निदेशक डॉ. एस.एस पटनायक ने तकनीकी शिक्षा के क्षेत्र में हरियाणा द्वारा किए जा रहे प्रयासों की सराहना की। उन्होंने बताया कि हरियाणा एआईसीटीई की पहलों को लागू करने के लिए आगे आने वाला क्षेत्र का पहला राज्य है। उन्होंने छात्रों के लिए शिक्षण सीखने की प्रक्रिया के साथ प्रेरक दृष्टिकोण के एकीकरण पर प्रकाश डाला।
कार्यशाला में प्रो. वी.के कुकरेजा, प्रो. विधु मोहन, प्रो. पी.के सिंगला व अमनदीप ने भी छात्रों को समझने और उन्हें प्रेरित करने, सार्वभौमिक मानव मूल्यों और नैतिकता का परामर्श देने का सुझाव दिया।
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