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आप सीएम पद की दौड़ में भगवंत मान को टक्कर दे रहे हैं हरपाल सिंह चीमा
नई दिल्ली। आम आदमी पार्टी (आप) अपने मुख्यमंत्री पद का उम्मीदवार मंगलवार को ऐलान कर देगी। इस रेस में भगवंत मान सबसे आगे हैं जबकि पंजाब विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष हरपाल सिंह चीमा भी दौड़ में हैं। हालांकि पिछले सप्ताह तक कयास लगाए जा रहे थे कि आप के राष्ट्रीय संयोजक और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल इस रेस में शामिल हैं लेकिन केजरीवाल ने साफ कर दिया है कि वह दौड़ से बाहर हैं। केजरीवाल ने कहा, ''मैं पंजाब के मुख्यमंत्री पद की दौड़ से बाहर हूं। सीएम पद के लिए उम्मीदवार के नाम की घोषणा जनता की रायशुमारी मिलने के बाद की जाएगी।''
हालांकि इस बीच भगवंत मान लगभग सभी पैमानों पर मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार बनाने के लिए उपयुक्त नेता निकल कर सामने आए। सबसे बड़ी बात यह है कि पिछले पांच सालों में पार्टी ने पंजाब में अनेक झंझट और विरोध का सामना किया। सहयोगी एच.एस. फुलका, सुच्चा सिंह छोटेपुर, सुखपाल खैरा जैसे अनेक नेताओं के पार्टी छोड़ने के बाद भी मान पार्टी और केजरीवाल के प्रति निष्ठावान बने हुए हैं।
मान ने पंजाब के बाहर भी आम आदमी पार्टी के लिए लगातार बड़ी भूमिका निभाई है। वे पार्टी के एकमात्र ऐसे सांसद है जो दूसरी बार लोकसभा चुनाव जीतकर पहुंचे हैं। साल 2019 के लोकसभा चुनाव में वो आम आदमी पार्टी के देशभर में अकेले नेता थे, जो दोबारा जीत कर लोकसभा पहुंचे। मान ने अब तक पार्टी के शीर्ष नेतृत्व का कभी विरोध नहीं किया है। यही वजह है कि अरविंद केजरीवाल ने भी सीएम पद के लिए उन्हें अपनी पसंद बताया है।
केजरीवाल ने पंजाब में कहा, भगवंत मान मेरे छोटे भाई हैं। वे आप पार्टी के बड़े नेता हैं। मैंने कहा था कि भगवंत मान को मुख्यमंत्री बनाया जाना चाहिए, लेकिन उन्होंने कहा कि पहले लोगों से पूछना चाहिए। उन्होंने कहा कि बंद दरवाजों में मुख्यमंत्री पद के दावेदार के नाम पर फैसला करने का चलन बंद होना चाहिए।
दिल्ली के मुख्यमंत्री ने कहा, मेरी व्यक्तिगत पसंद महत्वपूर्ण नहीं है। पंजाब के लोगों द्वारा चुने गए नाम की घोषणा पार्टी के मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार के रूप में की जाएगी।
वहीं भगवंत मान ने अपनी सीएम पद की दावेदारी पर कहा, मैं पार्टी का एक वफादार सिपाही हूं। मुझे जो भी कर्तव्य दिया जाएगा, मैं उसे निभाऊंगा। अगर मुझे दीवारों पर पोस्टर चिपकाने या किसी चौक पर पार्टी का चुनाव चिह्न् लहराने के लिए कहा जाता है, तो मैं खुशी-खुशी ऐसा करूंगा। मेरे लिए पंजाब महत्वपूर्ण है, केजरीवाल ने मुझ पर बहुत भरोसा किया है।
गौरतलब है कि भगवंत मान के पक्ष में उनका प्रभावी और मनोरंजक वक्ता होना भी पाया गया। राजनीति में आने से पहले वे बड़े हास्य कलाकार रहे हैं। पंजाब की जनता में एक नेता से अलग भी उनकी एक पहचान है। मान आप की पंजाब इकाई के एकमात्र ऐसे नेता हैं, जिनके जमीन और सोशल मीडिया पर बड़े पैमाने पर चाहने वाले हैं। अपनी वाकपटुता का वो खुलकर अपने भाषण के दौरान भी इस्तेमाल करते हैं। वे आम आदमी पार्टी में पंजाब के अकेले ऐसे नेता हैं, जिनके बूते सभाओं में भीड़ खींची जा सकती है।
हालांकि पंजाब विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष हरपाल सिंह चीमा भी मुख्यमंत्री पद के लिए अपनी दावेदारी पेश करते रहे हैं। पंजाब विधानसभा से बाहर भी चीमा आप पार्टी के तमाम मुद्दों को मजबूती से उठाते रहे हैं। चीमा ने रविवार को कहा कि पार्टी का मुख्यमंत्री पंजाब की जनता तय करेगी। लाखों की संख्या में पंजाब की जनता द्वारा आम आदमी पार्टी का मुख्यमंत्री बनाने के लिए मिल रही प्रतिक्रिया यह साबित करती है कि पंजाब के लोगों ने इस बार आम आदमी पार्टी को मौका देने का पूरा मन बना लिया है।
गौरतलब है कि पंजाब में विधानसभा के चुनाव 14 फरवरी की बजाए 20 फरवरी को होंगे। चुनाव आयोग ने सोमवार को इसका ऐलान किया। (आईएएनएस)
हालांकि इस बीच भगवंत मान लगभग सभी पैमानों पर मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार बनाने के लिए उपयुक्त नेता निकल कर सामने आए। सबसे बड़ी बात यह है कि पिछले पांच सालों में पार्टी ने पंजाब में अनेक झंझट और विरोध का सामना किया। सहयोगी एच.एस. फुलका, सुच्चा सिंह छोटेपुर, सुखपाल खैरा जैसे अनेक नेताओं के पार्टी छोड़ने के बाद भी मान पार्टी और केजरीवाल के प्रति निष्ठावान बने हुए हैं।
मान ने पंजाब के बाहर भी आम आदमी पार्टी के लिए लगातार बड़ी भूमिका निभाई है। वे पार्टी के एकमात्र ऐसे सांसद है जो दूसरी बार लोकसभा चुनाव जीतकर पहुंचे हैं। साल 2019 के लोकसभा चुनाव में वो आम आदमी पार्टी के देशभर में अकेले नेता थे, जो दोबारा जीत कर लोकसभा पहुंचे। मान ने अब तक पार्टी के शीर्ष नेतृत्व का कभी विरोध नहीं किया है। यही वजह है कि अरविंद केजरीवाल ने भी सीएम पद के लिए उन्हें अपनी पसंद बताया है।
केजरीवाल ने पंजाब में कहा, भगवंत मान मेरे छोटे भाई हैं। वे आप पार्टी के बड़े नेता हैं। मैंने कहा था कि भगवंत मान को मुख्यमंत्री बनाया जाना चाहिए, लेकिन उन्होंने कहा कि पहले लोगों से पूछना चाहिए। उन्होंने कहा कि बंद दरवाजों में मुख्यमंत्री पद के दावेदार के नाम पर फैसला करने का चलन बंद होना चाहिए।
दिल्ली के मुख्यमंत्री ने कहा, मेरी व्यक्तिगत पसंद महत्वपूर्ण नहीं है। पंजाब के लोगों द्वारा चुने गए नाम की घोषणा पार्टी के मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार के रूप में की जाएगी।
वहीं भगवंत मान ने अपनी सीएम पद की दावेदारी पर कहा, मैं पार्टी का एक वफादार सिपाही हूं। मुझे जो भी कर्तव्य दिया जाएगा, मैं उसे निभाऊंगा। अगर मुझे दीवारों पर पोस्टर चिपकाने या किसी चौक पर पार्टी का चुनाव चिह्न् लहराने के लिए कहा जाता है, तो मैं खुशी-खुशी ऐसा करूंगा। मेरे लिए पंजाब महत्वपूर्ण है, केजरीवाल ने मुझ पर बहुत भरोसा किया है।
गौरतलब है कि भगवंत मान के पक्ष में उनका प्रभावी और मनोरंजक वक्ता होना भी पाया गया। राजनीति में आने से पहले वे बड़े हास्य कलाकार रहे हैं। पंजाब की जनता में एक नेता से अलग भी उनकी एक पहचान है। मान आप की पंजाब इकाई के एकमात्र ऐसे नेता हैं, जिनके जमीन और सोशल मीडिया पर बड़े पैमाने पर चाहने वाले हैं। अपनी वाकपटुता का वो खुलकर अपने भाषण के दौरान भी इस्तेमाल करते हैं। वे आम आदमी पार्टी में पंजाब के अकेले ऐसे नेता हैं, जिनके बूते सभाओं में भीड़ खींची जा सकती है।
हालांकि पंजाब विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष हरपाल सिंह चीमा भी मुख्यमंत्री पद के लिए अपनी दावेदारी पेश करते रहे हैं। पंजाब विधानसभा से बाहर भी चीमा आप पार्टी के तमाम मुद्दों को मजबूती से उठाते रहे हैं। चीमा ने रविवार को कहा कि पार्टी का मुख्यमंत्री पंजाब की जनता तय करेगी। लाखों की संख्या में पंजाब की जनता द्वारा आम आदमी पार्टी का मुख्यमंत्री बनाने के लिए मिल रही प्रतिक्रिया यह साबित करती है कि पंजाब के लोगों ने इस बार आम आदमी पार्टी को मौका देने का पूरा मन बना लिया है।
गौरतलब है कि पंजाब में विधानसभा के चुनाव 14 फरवरी की बजाए 20 फरवरी को होंगे। चुनाव आयोग ने सोमवार को इसका ऐलान किया। (आईएएनएस)
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