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अमरिंदर-सिद्धू विवाद पर पुरी बोले, असलियत बाहर आ गई है
चंडीगढ़। केंद्रीय मंत्री और अमृतसर से भाजपा उम्मीदवार हरदीप सिंह पुरी ने पंजाब के मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह और उनके कैबिनेट मंत्री नवजोत सिंह सिद्धू के बीच चल रही जुबानी जंग पर मंगलवार को कहा कि 'असलियत बाहर आ गई है।'
उन्होंने ट्वीट किया, "समूचे प्रचार अभियान का मतलब यह निकाला जा सकता है कि वे एक-दूसरे के साथ सहज नहीं हैं। अब असलियत बाहर आ गई है।"
ट्वीट के साथ पुरी ने एक पोस्ट टैग किया, जिसमें बताया गया है कि स्थानीय निकाय मंत्री नवजोत सिंह सिद्धू किस तरह अपनी पार्टी के लोगों की नाराजगी झेल रहे हैं।
खबरों के मुताबिक, कैबिनेट मंत्री साधू सिंह धरमसोत ने सिद्धू से कहा था कि अगर वह अमरिंदर सिंह के साथ काम नहीं कर सकते तो कैबिनेट से इस्तीफा दे दें।
उन्होंने यह घुड़की तब दी, जब एक दिन पहले मुख्यमंत्री ने सार्वजनिक रूप से कहा कि सिद्धू ने उन पर और पार्टी नेतृत्व पर बेवक्त टिप्पणी कर चुनाव के समय कांग्रेस की छवि को नुकसान पहुंचाया है।
अमरिंदर ने यहां संवाददाताओं के साथ अनौपचारिक बातचीत में कहा था, "अगर वह सच्चे कांग्रेसी हैं तो उन्हें अपनी शिकायतें पंजाब में मतदान से ठीक पहले प्रकट करने के बजाय कोई बेहतर मौका चुनना चाहिए था।"
सिद्धू ने अपनी पत्नी नवजोत कौर को चंडीगढ़ से टिकट न दिए जाने के लिए मुख्यमंत्री को जिम्मेदार ठहराया था।
चुनाव प्रचार के दौरान उन्होंने सवाल उठाकर अपनी ही सरकार को घेरने का प्रयास भी किया था। उन्होंने सवाल उठाया था कि वर्ष 2015 में गुरुग्रंथ साहिब को अपवित्र किए जाने और पुलिस फयारिंग की घटनाओं के सिलसिले में पूर्व मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल और उनके बेटे व पूर्व उपमुख्यमंत्री सुखबीर सिंह बादल के खिलाफ आपराधिक मामला क्यों नहीं दर्ज करवाया गया।
अमरिंदर ने कहा था, "यह सिर्फ उनका चुनाव नहीं, बल्कि समूची कांग्रेस का चुनाव था। सिद्धू के खिलाफ कर्रवाई का फैसला तो हाईकमान को लेना है, लेकिन एक पार्टी के रूप में कांग्रेस अनुशासनहीनता बर्दाश्त नहीं करेगी।"
--आईएएनएस
उन्होंने ट्वीट किया, "समूचे प्रचार अभियान का मतलब यह निकाला जा सकता है कि वे एक-दूसरे के साथ सहज नहीं हैं। अब असलियत बाहर आ गई है।"
ट्वीट के साथ पुरी ने एक पोस्ट टैग किया, जिसमें बताया गया है कि स्थानीय निकाय मंत्री नवजोत सिंह सिद्धू किस तरह अपनी पार्टी के लोगों की नाराजगी झेल रहे हैं।
खबरों के मुताबिक, कैबिनेट मंत्री साधू सिंह धरमसोत ने सिद्धू से कहा था कि अगर वह अमरिंदर सिंह के साथ काम नहीं कर सकते तो कैबिनेट से इस्तीफा दे दें।
उन्होंने यह घुड़की तब दी, जब एक दिन पहले मुख्यमंत्री ने सार्वजनिक रूप से कहा कि सिद्धू ने उन पर और पार्टी नेतृत्व पर बेवक्त टिप्पणी कर चुनाव के समय कांग्रेस की छवि को नुकसान पहुंचाया है।
अमरिंदर ने यहां संवाददाताओं के साथ अनौपचारिक बातचीत में कहा था, "अगर वह सच्चे कांग्रेसी हैं तो उन्हें अपनी शिकायतें पंजाब में मतदान से ठीक पहले प्रकट करने के बजाय कोई बेहतर मौका चुनना चाहिए था।"
सिद्धू ने अपनी पत्नी नवजोत कौर को चंडीगढ़ से टिकट न दिए जाने के लिए मुख्यमंत्री को जिम्मेदार ठहराया था।
चुनाव प्रचार के दौरान उन्होंने सवाल उठाकर अपनी ही सरकार को घेरने का प्रयास भी किया था। उन्होंने सवाल उठाया था कि वर्ष 2015 में गुरुग्रंथ साहिब को अपवित्र किए जाने और पुलिस फयारिंग की घटनाओं के सिलसिले में पूर्व मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल और उनके बेटे व पूर्व उपमुख्यमंत्री सुखबीर सिंह बादल के खिलाफ आपराधिक मामला क्यों नहीं दर्ज करवाया गया।
अमरिंदर ने कहा था, "यह सिर्फ उनका चुनाव नहीं, बल्कि समूची कांग्रेस का चुनाव था। सिद्धू के खिलाफ कर्रवाई का फैसला तो हाईकमान को लेना है, लेकिन एक पार्टी के रूप में कांग्रेस अनुशासनहीनता बर्दाश्त नहीं करेगी।"
--आईएएनएस
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