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गौरी लंकेश की हत्या की गई बंदूक की तुलना भगवान विष्णु के सुदर्शन चक्र से की
बेंगलुरु। पत्रकार गौरी लंकेश की हत्या की जांच कर रहे अधिकारियों ने बताया कि हत्या में प्रयोग की गई बंदूक को नष्ट नहीं की गई है। हत्या के आरोप में पकडे गए आरोपियों अधिकारियों को बताया कि वह बंदूक अभी तक सुरक्षित है क्योंकि वह हमारे लिए बहुत शुभ है। वह हिन्दू विरोधी ताकतों को खत्म करने में काम आएगी। हत्या के आरोपियों ने उस बंदूक की तुलना भगवान विष्णु के सुदर्शन चक्र से की है। हिन्दू ग्रंथों में बताया गया है कि सुदर्शन चक्र राक्षसों को मारने के लिए काम आया था।
उल्लेख है कि फॉरेंसिक जांच में सामने आया था कि एमएम कलबुर्गी और गौरी लंकेश की हत्या में 7.65 मिमी की एक ही बंदूक का प्रयोग किया गया है। हत्या की साजिश के आरोप में दबोचे गए अमोल काले, अमित देग्वेकर ने पूछताछ करने पर अधिकारियों को यह जानकारी दी है। अभी तक एसआईटी ने वह बंदूक को बरामद नहीं कर पाई है। हाल ही में महाराष्ट्र एटीएस ने तीन और लोगों को दबोचा है।
उनके पास से भारी मात्रा में हथियार जब्त किए थे। इनमें 11 देसी पिस्टल भी शामिल हैं। पुलिस ने इसमें से पांच पिस्टलों को फॉरेंसिक जांच के लिए भेजने का फैसला किया है। इससे पता चल जाएगा कि इनमें से किसी का इस्तेमाल कलबुर्जी, गौरी लंकेश या पानसारे की हत्या में इस्तेमाल तो नहीं की है।
उल्लेख है कि फॉरेंसिक जांच में सामने आया था कि एमएम कलबुर्गी और गौरी लंकेश की हत्या में 7.65 मिमी की एक ही बंदूक का प्रयोग किया गया है। हत्या की साजिश के आरोप में दबोचे गए अमोल काले, अमित देग्वेकर ने पूछताछ करने पर अधिकारियों को यह जानकारी दी है। अभी तक एसआईटी ने वह बंदूक को बरामद नहीं कर पाई है। हाल ही में महाराष्ट्र एटीएस ने तीन और लोगों को दबोचा है।
उनके पास से भारी मात्रा में हथियार जब्त किए थे। इनमें 11 देसी पिस्टल भी शामिल हैं। पुलिस ने इसमें से पांच पिस्टलों को फॉरेंसिक जांच के लिए भेजने का फैसला किया है। इससे पता चल जाएगा कि इनमें से किसी का इस्तेमाल कलबुर्जी, गौरी लंकेश या पानसारे की हत्या में इस्तेमाल तो नहीं की है।
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