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कांग्रेस ने मानी पाटीदारों की 4 मांगे लेकिन अभी भी बिगड सकती है बात, जानें कैसे
गांधीनगर। गुजरात विधानसभा चुनावों को लेकर राजनीतिक सरगर्मियां तेज हो गई हैं। जहां कांग्रेस पाटीदार नेता हार्दिक पटेल को अपने पक्ष में करने में लगी है। हांलांकि कांग्रेस अपने इस प्रयास में काफी हद तक सफल भी हो रही है लेकिन अभी भी एक पेंच फंसा हुआ है। अगर इस एक मुद्दे पर पाटीदारों और कांग्रेस के बीच सहमति नहीं बनती है तो गुजरात चुनावों में कांग्रेस के लिए परेशानी हो सकती है। ज्ञातव्य है कि हार्दिक के नेतृत्व में कल सोमवार को पाटीदारों के एक दल ने गुजरात कांग्रेस अध्यक्ष भरत सिंह सोलंकी से मुलाकात की। कांग्रेस नेताओं और पाटीदारों की इस बैठक में चार मुद्दों पर तो सहमति बन गई लेकिन एक मुद्दा अभी भी रह गया है।
कांग्रेस ने पाटीदारों की चार मांगे मान ली है लेकिन पांचवी मांग पर अभी भी संशय बना हुआ है। यह पांचवी मांग ही कांग्रेस के लिए गले की हड्डी साबित हो सकती है। दरअसल आरक्षण की बात को लेकर अभी पाटीदारों और कांग्रेस के बीच बात नहीं बन पाई है। इन 4 मांगों को मानने के बाद हार्दिक पटेल का रुख कांग्रेस के प्रति थोडा नरम हुआ है। लेकिन उन्होंने कहा है कि 3 नवंबर को सूरत में होने वाली कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी की जनसभा का वह ना ही समर्थन करेंगे और ना ही विरोध। साथ ही हार्दिक ने कहा है कि आरक्षण के मसले पर कांग्रेस ने जो कानूनी राय का इंतजार करने की बात कही है, वह भी उसका इंतजार करने के लिए तैयार हैं। उन्होंने कहा कि पाटीदार 7 नवंबर तक आरक्षण पर कांग्रेस के प्लान का इंतजार करेंगे।
5 में से इन 4 मुद्दों पर बनी बात:
कल हुई बैठक में कांग्रेस ने पाटीदारों की 4 मांगों को मान लिया है।
पहली मांग: आरक्षण आंदोलन में हिंसा के बाद पाटीदार समाज के लोगों के खिलाफ दर्ज केस वापस होंगे, इसे कांग्रेस ने मान लिया है।
दूसरी मांग: कांग्रेस ने वादा किया है कि आरक्षण आंदोलन के दौरान दर्ज 590 में 290 से वापस लिए जाएंगे। साथ ही राजद्रोह के केस भी वापस होंगे।
तीसरी मांग: पाटीदारों ने मांग की है कि हिंसा पीडित पाटीदार परिवारों को 35 लाख रुपये की आर्थिक मदद दी जाए और उनके परिवार के एक सदस्य को सरकारी नौकरी भी दी जाए। कांग्रेस ने पाटीदारों की इस मांग को भी मान लिया है। साथ ही पाटीदारों ने मांग की है कि आरक्षण आंदोलन के दौरान गोलीबारी और लाठीचार्ज करने वालों के खिलाफ कार्रवाई भी की जाए। इस पर कांग्रेस ने आश्वासन दिया है कि सरकार बने पर इस संबंध में जांच समिति बनाई जाएगी और दोषियों पर कड़ी कार्रवाई होगी।
चौथी मांग:
कांग्रेस ने पाटीदारों की चार मांगे मान ली है लेकिन पांचवी मांग पर अभी भी संशय बना हुआ है। यह पांचवी मांग ही कांग्रेस के लिए गले की हड्डी साबित हो सकती है। दरअसल आरक्षण की बात को लेकर अभी पाटीदारों और कांग्रेस के बीच बात नहीं बन पाई है। इन 4 मांगों को मानने के बाद हार्दिक पटेल का रुख कांग्रेस के प्रति थोडा नरम हुआ है। लेकिन उन्होंने कहा है कि 3 नवंबर को सूरत में होने वाली कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी की जनसभा का वह ना ही समर्थन करेंगे और ना ही विरोध। साथ ही हार्दिक ने कहा है कि आरक्षण के मसले पर कांग्रेस ने जो कानूनी राय का इंतजार करने की बात कही है, वह भी उसका इंतजार करने के लिए तैयार हैं। उन्होंने कहा कि पाटीदार 7 नवंबर तक आरक्षण पर कांग्रेस के प्लान का इंतजार करेंगे।
5 में से इन 4 मुद्दों पर बनी बात:
कल हुई बैठक में कांग्रेस ने पाटीदारों की 4 मांगों को मान लिया है।
पहली मांग: आरक्षण आंदोलन में हिंसा के बाद पाटीदार समाज के लोगों के खिलाफ दर्ज केस वापस होंगे, इसे कांग्रेस ने मान लिया है।
दूसरी मांग: कांग्रेस ने वादा किया है कि आरक्षण आंदोलन के दौरान दर्ज 590 में 290 से वापस लिए जाएंगे। साथ ही राजद्रोह के केस भी वापस होंगे।
तीसरी मांग: पाटीदारों ने मांग की है कि हिंसा पीडित पाटीदार परिवारों को 35 लाख रुपये की आर्थिक मदद दी जाए और उनके परिवार के एक सदस्य को सरकारी नौकरी भी दी जाए। कांग्रेस ने पाटीदारों की इस मांग को भी मान लिया है। साथ ही पाटीदारों ने मांग की है कि आरक्षण आंदोलन के दौरान गोलीबारी और लाठीचार्ज करने वालों के खिलाफ कार्रवाई भी की जाए। इस पर कांग्रेस ने आश्वासन दिया है कि सरकार बने पर इस संबंध में जांच समिति बनाई जाएगी और दोषियों पर कड़ी कार्रवाई होगी।
चौथी मांग:
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