Guidelines for the third party to make separate bids for Scheduled Castes-m.khaskhabar.com
×
khaskhabar
Apr 20, 2024 1:39 am
Location
Advertisement

अनुसूचित जातियों के लिए तृतीय पक्ष की अलग से बोली करवाने के दिशा-निर्देश

khaskhabar.com : रविवार, 17 जून 2018 4:58 PM (IST)
अनुसूचित जातियों के लिए तृतीय पक्ष की अलग से बोली करवाने के दिशा-निर्देश
चंडीगढ़ । पंजाब के ग्रामीण विकास एवं पंचायत मंत्री स. तृप्त राजिन्दर सिंह बाजवा ने अनुसूचित वर्ग से सबन्धित विकास कार्यों को पहली प्राथमिकता देने के आदेश जारी किये हैं। स. बाजवा ने स बन्धित सरकारी अधिकारियों को हुक्म देते हुए कहा कि राज्य सरकार की तरफ से गाँवों में अनुसूचित जातियों से स बन्धित कार्यों को प्राथमिकता के आधार पर मुक मल किया जाये। उन्होंने कहा कि गाँवों में जब भी विकास कार्यों के लिए आया अनुदान व्यय किया जाए तो अनुसूचित वर्ग से स बन्धित क्षेत्र, धर्मशाला, शमशानघाट, जल सप्लाई और सिवरेज आदि कार्यों को पहली प्राथमिकता देना यकीनी बनाया जाये।

ग्रामीण विकास एवं पंचायत मंत्री ने बताया कि उनके ध्यान में आया है कि गाँवों के विकास कार्यों के लिए अनुदान खर्च किए जाते समय अनुसूचित जातियों से स बन्धित कार्यों/क्षेत्रों को अक्सर ही अनेदखा किया जाता रहा है, जिस कारण समाज का यह सबसे कमज़ोर वर्ग जीवन की प्राथमिक ज़रूरतों से वंचित रह रहा है।

स. बाजवा ने कहा कि गाँवों में धर्मशालाओं का निर्माण समय पर यकीनी बनाया जाये और इनको खुला-डुला और आधुनिक सहूलतों से लैस करने के लिए विशेष ध्यान दिया जाये जिससे गरीब और जरूरतमंद लोग अपने सभी सामाजिक समागम यहाँ कर सकें और अनावश्यक खर्चे से बच सकें। उन्होंने कहा कि यदि धर्मशाला तंग जगह में बनी हुई हो तो पंचायत अपनी या अपनी ज़मीन का किसी से अदला-बदली करके धर्मशाला का निर्माण किसी खुली जगह में करवाने का फ़ैसला भी कर सकती है।

पंचायत मंत्री ने स्पष्ट किया कि अनुसूचित जातियों से स बन्धित विकास कार्यों के मुक मल होने के बाद ही गाँव के अन्य विकास कार्य शुरू किये जाएँ।

स. बाजवा ने आगे कहा कि पंचायती ज़मीनों को ठेके /चकोते पर देते समय अनुसूचित जातियों को दी जाने वाली तीसरे हिस्से ज़मीन की बोली अलग करवाने के लिए बाकायदा तौर पर गाँव में ढींढौरा /मुनादी करवाई जाये और स बन्धित गाँव के गुरूद्वारे /मंदिरों के लाउड स्पीकर के द्वारा सुबह शाम सूचना दी जाये। इस ज़मीन की बोली में सिफऱ् स बन्धित गाँव के निवासी अनुसूचित जाति वर्ग के लोग ही हिस्सा लें। उन्होंने कहा कि अनुसूचित जातियों के कोटे में से बोली के द्वारा ठेके पर दी गई ज़मीन लेने वाले लोगों को इस ज़मीन पर ख़ुद ही खेती करने की अपील भी की। उन्होंने स्पष्ट किया कि यदि ठेके पर ली गई ज़मीन को आगे किसी अन्य व्यक्ति को खेती करने के लिए दिया गया तो यह बोली रद्द कर दी जायेगी।

ये भी पढ़ें - अपने राज्य - शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे

Advertisement
Khaskhabar Punjab Facebook Page:
Advertisement
Advertisement