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मजबूत इच्छाशक्ति से असंभव कार्य भी संभव : राज्यपाल राम नाईक
लखनऊ। उत्तर प्रदेश के राज्यपाल राम नाईक ने रविवार को यहां कहा कि शरीर में कोई कमी होना दोष नहीं है, क्योंकि यदि एक अंग की शक्ति कम होती है तो मनुष्य के पास दूसरा कोई न कोई गुण विशेष रूप से बढ़ जाता है। उन्होंने कहा कि मजबूत इच्छाशक्ति से असंभव कार्य भी संभव हो सकते हैं।
राज्यपाल राम नाईक यहां नारायण सांस्कृतिक चेतना न्यास व श्री चित्रगुप्त सभा ट्रस्ट नोएडा द्वारा दिव्यांग बच्चों के उत्साहवर्धन के लिए राजभवन में आयोजित 'राज्यपाल से एक मुलाकात कार्यक्रम' में बतौर मुख्यअतिथि बोल रहे थे। इस दौरान लगभग 111 दिव्यांग बच्चे नोएडा से लखनऊ तक का हवाई सफर करके पहुंचे थे।
उन्होंने कहा, "समस्या को सुलझाने के लिए स्वयं रास्ते निकालें। हिम्मत न हारें, संघर्ष करते रहें, क्योंकि निरन्तर आगे बढ़ते रहने वालों को ही सफलता मिलती है। इसीलिए मजबूत इच्छाशक्ति से हर कार्य सम्भव हो सकता है।"
राज्यपाल ने अपने उद्बोधन में दिव्यांग बच्चों का उत्साहवर्धन करते हुए कहा, "भारत सरकार ने दिव्यांगों के सशक्तीकरण के लिए कई नए कानूनों का प्रावधान किया है। उत्तर प्रदेश के लखनऊ में दिव्यांगों के लिए एक विशेष विश्वविद्यालय, डॉ. शकुंतला मिश्रा राष्ट्रीय पुनर्वास विश्वविद्यालय की स्थापना हुई है, जिसमें दिव्यांग और सामान्य बच्चे एक साथ उच्च शिक्षा ग्रहण कर रहे हैं। शिक्षा ही भावी जीवन को नई दिशा दे सकती है।"
नाईक ने कहा, "उत्तर प्रदेश के नागरिकों को गर्व अनुभव करना चाहिए कि वे ऐसे प्रदेश के निवासी हैं, जहां गंगा, यमुना और सरस्वती का संगम है। उत्तर प्रदेश से केवल तीन देश अमेरिका, चीन एवं इण्डोनेशिया आबादी की ²ष्टि से बड़े हैं। यहां से 80 सांसद चुनकर लोकसभा जाते हैं। प्रदेश ने अब तक देश को नौ प्रधानमंत्री दिए हैं और शीघ्र ही शपथ लेने के बाद नरेन्द्र मोदी उत्तर प्रदेश से होने वाले 10वंे प्रधानमंत्री होंगे। उत्तर प्रदेश के नागरिकों को अपनी विरासत पर गर्व होना चाहिए।"
(आईएएनएस)
राज्यपाल राम नाईक यहां नारायण सांस्कृतिक चेतना न्यास व श्री चित्रगुप्त सभा ट्रस्ट नोएडा द्वारा दिव्यांग बच्चों के उत्साहवर्धन के लिए राजभवन में आयोजित 'राज्यपाल से एक मुलाकात कार्यक्रम' में बतौर मुख्यअतिथि बोल रहे थे। इस दौरान लगभग 111 दिव्यांग बच्चे नोएडा से लखनऊ तक का हवाई सफर करके पहुंचे थे।
उन्होंने कहा, "समस्या को सुलझाने के लिए स्वयं रास्ते निकालें। हिम्मत न हारें, संघर्ष करते रहें, क्योंकि निरन्तर आगे बढ़ते रहने वालों को ही सफलता मिलती है। इसीलिए मजबूत इच्छाशक्ति से हर कार्य सम्भव हो सकता है।"
राज्यपाल ने अपने उद्बोधन में दिव्यांग बच्चों का उत्साहवर्धन करते हुए कहा, "भारत सरकार ने दिव्यांगों के सशक्तीकरण के लिए कई नए कानूनों का प्रावधान किया है। उत्तर प्रदेश के लखनऊ में दिव्यांगों के लिए एक विशेष विश्वविद्यालय, डॉ. शकुंतला मिश्रा राष्ट्रीय पुनर्वास विश्वविद्यालय की स्थापना हुई है, जिसमें दिव्यांग और सामान्य बच्चे एक साथ उच्च शिक्षा ग्रहण कर रहे हैं। शिक्षा ही भावी जीवन को नई दिशा दे सकती है।"
नाईक ने कहा, "उत्तर प्रदेश के नागरिकों को गर्व अनुभव करना चाहिए कि वे ऐसे प्रदेश के निवासी हैं, जहां गंगा, यमुना और सरस्वती का संगम है। उत्तर प्रदेश से केवल तीन देश अमेरिका, चीन एवं इण्डोनेशिया आबादी की ²ष्टि से बड़े हैं। यहां से 80 सांसद चुनकर लोकसभा जाते हैं। प्रदेश ने अब तक देश को नौ प्रधानमंत्री दिए हैं और शीघ्र ही शपथ लेने के बाद नरेन्द्र मोदी उत्तर प्रदेश से होने वाले 10वंे प्रधानमंत्री होंगे। उत्तर प्रदेश के नागरिकों को अपनी विरासत पर गर्व होना चाहिए।"
(आईएएनएस)
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