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राज्यपाल ने देश की पहली डिजीटल साईन लैंगवेज लैब का उद्घाटन किया
चंडीगढ़। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की डिजिटल इंडिया मुहिम से श्रवण एवं वाणी निशक्त जनों को जोड़ने के उद्देश्य से सोमवार को हरियाणा के राज्यपाल सत्यदेव नारायण आर्य ने गुरुग्राम के श्रवण एवं वाणी निशक्त जन कल्याण केंद्र में देश की पहली डिजीटल साईन लैंगवेज लैब का उद्घाटन किया।
देश की अपनी तरह की इस पहली डिजिटल साईन लैंगवेज लैब में स्कूल का पूरा पाठयक्रम श्रवण निशक्त विद्यार्थियों को पढ़ाया जाएगा। यह लैब नवीनतम तकनीक का उपयोग करके बनाई गई है और इसका प्रबंधन पूरी श्रवण निशक्त जन टीम द्वारा किया जाएगा। केवल वाईस ओवर तथा सब टाईटलों के लिए इंटरपे्रटर का प्रयोग किया जाएगा।
लैब का उद्घाटन करने उपरांत राज्यपाल ने केंद्र में संचालित किए जा रहे अर्ली इंटरवेंशन प्रोजैक्ट, रोबोटिक्स लैब, कंप्यूटराईज्ड एंब्रोएड्री लैब आदि आधुनिक सुविधाओं के साथ-साथ कल्याण केंद्र के बच्चों द्वारा तैयार उत्पादों व पेंटिंग आदि की लगाई गई प्रदर्शनी का अवलोकन किया। उन्होंने समाज के प्रबुद्धजनों तथा साधन संपन्न लोगों से अपील की कि वे श्रवण एवं वाणी निशक्त जन केंद्र जैसी संस्थाओं में प्रशिक्षण की आधुनिक सुविधाएं जुटाने तथा इन विशेष बच्चों को स्वावलंबी बनाने में आर्थिक रूप से मदद करें।
उन्होंने कहा कि अन्न का दान करने वाला अन्नदाता कहलाता है और धन का दान देने वाले धनदाता व विद्या का दान देने वाले को विद्यादाता कहा जाता है, उसी प्रकार निशक्त जन की सेवा करने वाले को भगवान का दूसरा रूप माना जाता है। उन्होंने अपने स्वैच्छिक कोष से गुरुग्राम के इस कल्याण केंद्र को 10 लाख रुपये की राशि देने की घोषणा भी की।
देश की अपनी तरह की इस पहली डिजिटल साईन लैंगवेज लैब में स्कूल का पूरा पाठयक्रम श्रवण निशक्त विद्यार्थियों को पढ़ाया जाएगा। यह लैब नवीनतम तकनीक का उपयोग करके बनाई गई है और इसका प्रबंधन पूरी श्रवण निशक्त जन टीम द्वारा किया जाएगा। केवल वाईस ओवर तथा सब टाईटलों के लिए इंटरपे्रटर का प्रयोग किया जाएगा।
लैब का उद्घाटन करने उपरांत राज्यपाल ने केंद्र में संचालित किए जा रहे अर्ली इंटरवेंशन प्रोजैक्ट, रोबोटिक्स लैब, कंप्यूटराईज्ड एंब्रोएड्री लैब आदि आधुनिक सुविधाओं के साथ-साथ कल्याण केंद्र के बच्चों द्वारा तैयार उत्पादों व पेंटिंग आदि की लगाई गई प्रदर्शनी का अवलोकन किया। उन्होंने समाज के प्रबुद्धजनों तथा साधन संपन्न लोगों से अपील की कि वे श्रवण एवं वाणी निशक्त जन केंद्र जैसी संस्थाओं में प्रशिक्षण की आधुनिक सुविधाएं जुटाने तथा इन विशेष बच्चों को स्वावलंबी बनाने में आर्थिक रूप से मदद करें।
उन्होंने कहा कि अन्न का दान करने वाला अन्नदाता कहलाता है और धन का दान देने वाले धनदाता व विद्या का दान देने वाले को विद्यादाता कहा जाता है, उसी प्रकार निशक्त जन की सेवा करने वाले को भगवान का दूसरा रूप माना जाता है। उन्होंने अपने स्वैच्छिक कोष से गुरुग्राम के इस कल्याण केंद्र को 10 लाख रुपये की राशि देने की घोषणा भी की।
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