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शहरों से गांव लौटे 67 लाख प्रवासी मजदूरों को 25 तरह के कामों से सरकार ने जोड़ा
नई दिल्ली। दिल्ली, महाराष्ट्र, गुजरात आदि राज्यों से बड़े पैमाने पर यूपी, बिहार, मध्य प्रदेश जैसे राज्यों में लौटे दो तिहाई प्रवासियों को मोदी सरकार रोजगार अभियान से जोड़ने में सफल रही है। ऐसा शनिवार को भाजपा ने दावा किया है। इन प्रवासियों को कुल 25 कार्यो से जोड़ा गया है।
जून में शुरू हुई प्रधानमंत्री गरीब कल्याण रोजगार योजना के तहत लौटे प्रवासियों को कई कार्यो से जोड़कर उन्हें रोजगार उपलब्ध कराया जा रहा है। सरकार इस योजना के तहत 50 हजार करोड़ का बजट देने की बात कह चुकी है।
भाजपा ने शनिवार को ट्वीट कर कहा है कि प्रधानमंत्री गरीब कल्याण रोजगार योजना के माध्यम से रोजगार देकर प्रवासियों की सहायता की जा रही है। लगभग 67 लाख प्रवासी कामगारों को उपलब्ध कराया जा रहा रोजगार। योजना के तहत चुने गए छह राज्यों के कुल 116 जिलों में लौटे प्रवासियों में दो-तिहाई को रोजगार दिया गया है।
प्रधानमंत्री गरीब कल्याण रोजगार योजना के तहत बिहार, उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, राजस्थान, ओडिशा, झारखंड के कुल 116 जिलों में उत्तर प्रदेश के 31, बिहार के 32 और मध्य प्रदेश के 24 जिलों में प्रवासियों को 25 तरह के रोजगार से जोड़ने में सरकार ने सफलता हासिल की है। दावा है कि कुल 67 लाख प्रवासी अब तक इस अभियान से जुड़ चुके हैं। यह आंकड़ा महानगरों से लौटे प्रवासियों का करीब दो तिहाई है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गांवों में लौटे प्रवासियों की मदद से ग्रामीण अर्थव्यवस्था और बुनियादी ढांचे को मजबूत करने के मकसद से बीते 20 जून को इस योजना की शुरुआत की थी। इसमें प्रवासी मजदूरों को 25 तरह के काम पाने के लिए किसी तरह का आवेदन करने की जरूरत नहीं होती है। राज्य और केंद्र सरकारों को खुद मजदूरों को चुनकर 125 दिनों तक रोजगार उपलब्ध कराना है।
ये कार्य करने में जुटे प्रवासी मजदूर
प्रधानमंत्री गरीब कल्याण रोजगार अभियान के तहत जो 25 कार्य चुने गए हैं, वह सभी गांवों के बुनियादी ढांचे को मजबूत करने वाले हैं। इनमें सामुदायिक स्वच्छता परिसर का निर्माण, ग्राम पंचायत भवन, राष्ट्रीय राजमार्ग, जल संरक्षण, कुओं का निर्माण, वृक्षारोपण, बागवानी, आंगनबाड़ी, ग्रामीण आवास, ग्रामीण सड़क और सीमा सड़क निर्माण कार्य, रेलवे, श्यामा प्रसाद मुखर्जी मिशन, पीएम कुसुम योजना, भारत नेट के तहत फाइबर ऑप्टिक केबल बिछाना, जल जीवन मिशन, पीएम ऊर्जा गंगा प्रोजेक्ट, आजीविका के लिए कौशल विकास केंद्रों के माध्यम से प्रशिक्षण, जिला खनिज निधि के तहत कार्य, खेतों में तालाबों का निर्माण, पशु शेड, बकरी का शेड, पोल्ट्री शेड, केंचुओ खाद यूनिट तैयार करने जैसे कार्य शामिल हैं।
खास बात है कि इस योजना को धरातल पर उतारने के लिए मोदी सरकार ने 12 मंत्रालयों को जिम्मेदारी दी है। ग्रामीण विकास, पंचायती राज, पर्यावरण, सड़क परिवहन एवं राजमार्ग, खान, पेयजल और स्वच्छता, रेलवे, पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस, नई और नवीकरणीय ऊर्जा, सीमा सड़क, दूरसंचार और कृषि मंत्रालयों को इस मोर्चे पर लगाया गया है।
--आईएएनएस
जून में शुरू हुई प्रधानमंत्री गरीब कल्याण रोजगार योजना के तहत लौटे प्रवासियों को कई कार्यो से जोड़कर उन्हें रोजगार उपलब्ध कराया जा रहा है। सरकार इस योजना के तहत 50 हजार करोड़ का बजट देने की बात कह चुकी है।
भाजपा ने शनिवार को ट्वीट कर कहा है कि प्रधानमंत्री गरीब कल्याण रोजगार योजना के माध्यम से रोजगार देकर प्रवासियों की सहायता की जा रही है। लगभग 67 लाख प्रवासी कामगारों को उपलब्ध कराया जा रहा रोजगार। योजना के तहत चुने गए छह राज्यों के कुल 116 जिलों में लौटे प्रवासियों में दो-तिहाई को रोजगार दिया गया है।
प्रधानमंत्री गरीब कल्याण रोजगार योजना के तहत बिहार, उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, राजस्थान, ओडिशा, झारखंड के कुल 116 जिलों में उत्तर प्रदेश के 31, बिहार के 32 और मध्य प्रदेश के 24 जिलों में प्रवासियों को 25 तरह के रोजगार से जोड़ने में सरकार ने सफलता हासिल की है। दावा है कि कुल 67 लाख प्रवासी अब तक इस अभियान से जुड़ चुके हैं। यह आंकड़ा महानगरों से लौटे प्रवासियों का करीब दो तिहाई है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गांवों में लौटे प्रवासियों की मदद से ग्रामीण अर्थव्यवस्था और बुनियादी ढांचे को मजबूत करने के मकसद से बीते 20 जून को इस योजना की शुरुआत की थी। इसमें प्रवासी मजदूरों को 25 तरह के काम पाने के लिए किसी तरह का आवेदन करने की जरूरत नहीं होती है। राज्य और केंद्र सरकारों को खुद मजदूरों को चुनकर 125 दिनों तक रोजगार उपलब्ध कराना है।
ये कार्य करने में जुटे प्रवासी मजदूर
प्रधानमंत्री गरीब कल्याण रोजगार अभियान के तहत जो 25 कार्य चुने गए हैं, वह सभी गांवों के बुनियादी ढांचे को मजबूत करने वाले हैं। इनमें सामुदायिक स्वच्छता परिसर का निर्माण, ग्राम पंचायत भवन, राष्ट्रीय राजमार्ग, जल संरक्षण, कुओं का निर्माण, वृक्षारोपण, बागवानी, आंगनबाड़ी, ग्रामीण आवास, ग्रामीण सड़क और सीमा सड़क निर्माण कार्य, रेलवे, श्यामा प्रसाद मुखर्जी मिशन, पीएम कुसुम योजना, भारत नेट के तहत फाइबर ऑप्टिक केबल बिछाना, जल जीवन मिशन, पीएम ऊर्जा गंगा प्रोजेक्ट, आजीविका के लिए कौशल विकास केंद्रों के माध्यम से प्रशिक्षण, जिला खनिज निधि के तहत कार्य, खेतों में तालाबों का निर्माण, पशु शेड, बकरी का शेड, पोल्ट्री शेड, केंचुओ खाद यूनिट तैयार करने जैसे कार्य शामिल हैं।
खास बात है कि इस योजना को धरातल पर उतारने के लिए मोदी सरकार ने 12 मंत्रालयों को जिम्मेदारी दी है। ग्रामीण विकास, पंचायती राज, पर्यावरण, सड़क परिवहन एवं राजमार्ग, खान, पेयजल और स्वच्छता, रेलवे, पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस, नई और नवीकरणीय ऊर्जा, सीमा सड़क, दूरसंचार और कृषि मंत्रालयों को इस मोर्चे पर लगाया गया है।
--आईएएनएस
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