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नौकरी देने की नीति में बदलाव की जरूरत: जयराम ठाकुर
धर्मशाला। शीतकालीन सत्र के अंतिम दिन करुणामूलक आधार पर नौकरी देने की नीति में बदलाव करने की मांग पर सीएम जयराम ठाकुर ने कहा कि सरकार जो लोग बहुत ही गरीब होते हैं उन्हें भी करुणामूलक आधार पर नौकरी देने का प्रावधान है, फिलहाल इस नीति में बदलाव की जरूरत सरकार महसूस कर रही है और इस में कुछ परिवर्तन आगामी वित्तीय वर्ष में करने की पूरी कोशिश करेंगे।
सीएम ने कहा कि प्रदेश में मौजूदा एक्ट के तहत करुणामूलक आधार पर किसी का भी मौलिक अधिकार नहीं है कि उन्हें नौकरी मिलनी ही चाहिए। नौकरी पाने वाले को भविष्य में भागदौड़ न करनी पड़े इसका भी ध्यान रखा जाएगा। अत्यंत गरीब व्यक्ति को इसमें नौकरी मिलनी चाहिए लेकिन वो कौन होगा ये तय करना होगा। इससे पहले ज्वालामुखी से विधायक रमेश धवाला ने सदन में करुणामूलक आधार पर नौकरी देने का मुद्दा उठाया था।
विधायक के सवाल पर सीएम ने कहा कि करुणामूलक आधार पर नौकरी पाने के लिए सरकार के समक्ष 5153 आवेदन आए थे और 2095 आवेदकों को नौकरी दी गई है। नगरोटा बगवां से विधायक अरुण कुमार ने भी इस मुद्दे को सदन में उठाया। विधायक ने 50 साल की आयु सीमा और मानवीय संवेदनाओं को ध्यान में रखते हुए ठोस नीति बनाने की मांग की।
सीएम ने कहा कि प्रदेश में मौजूदा एक्ट के तहत करुणामूलक आधार पर किसी का भी मौलिक अधिकार नहीं है कि उन्हें नौकरी मिलनी ही चाहिए। नौकरी पाने वाले को भविष्य में भागदौड़ न करनी पड़े इसका भी ध्यान रखा जाएगा। अत्यंत गरीब व्यक्ति को इसमें नौकरी मिलनी चाहिए लेकिन वो कौन होगा ये तय करना होगा। इससे पहले ज्वालामुखी से विधायक रमेश धवाला ने सदन में करुणामूलक आधार पर नौकरी देने का मुद्दा उठाया था।
विधायक के सवाल पर सीएम ने कहा कि करुणामूलक आधार पर नौकरी पाने के लिए सरकार के समक्ष 5153 आवेदन आए थे और 2095 आवेदकों को नौकरी दी गई है। नगरोटा बगवां से विधायक अरुण कुमार ने भी इस मुद्दे को सदन में उठाया। विधायक ने 50 साल की आयु सीमा और मानवीय संवेदनाओं को ध्यान में रखते हुए ठोस नीति बनाने की मांग की।
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