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दिल्ली पुलिस में भर्ती हुए 'गोल्डन र्रिटीवर',पोस्टिंग मिलते ही करने लगेंगे 'शिकार'
पानी में तैरना इनका शौक नहीं, बल्कि जन्मजात मिली
ईश्वरीय देन है।
इन्हें अपनी सुंदरता का भी घमंड नहीं होता। यह सिर्फ काम और ईमानदारी में
विश्वास रखते हैं। बहादुरी इनकी रग-रग में भरी है। जरूरत है तो इन्हें
सिर्फ अपने मालिक के एक इशारे भर की। मालिक के इशारों पर नाचने-चलने में यह
खुद को गौरवान्वित महसूस करते हैं न कि खुद की हिकारत समझते हैं।
अनुशासन में रहना इनका जन्मजात गुण है। इनकी उत्पत्ति का मूल स्थान 1900
शताब्दी के मध्य में स्कॉटलैंड में जाना जाता है। व्यवहार निभाने में यह
बेहद कुशल हैं। अगर इनके कुल-खानदान-वंश की खूबियां तलाशने चलिये तो उनकी
भरमार है।
जमाने की भागमभाग वाली जिदंगी में नेत्रहीन इंसान को रास्ता पार कराने की
फुर्सत हमें-आपको भले न हो।
'गोल्डन-र्रिटीवर' में मगर यह भी गजब की क्वालिटी है कि वो सड़क पार कराने से लेकर नेत्रहीन व्यक्ति के साथ-साथ चलकर, उसको उसकी मंजिल पर सुरक्षित पहुंचा सकते हैं। छानबीन करने और सूंघने की भी इनमें गजब की क्षमता होती है। जमीन के अंदर काफी गहराई तक सूंघने की इनकी क्षमता का कायल इंसान भी है।
इसके बाद भी इनकी चुस्ती-फुर्ती का आलम यह होता है कि सामने उड़ती चिड़िया को भी अगर यह मुंह में दबोचने की सोच लें, तो फिर वो बच नहीं सकती है। शिकार करने के इनके इसी गुण की कायल फुर्तीली चील भी कही जाती है।
दिल्ली पुलिस के विशेष आयुक्त (अपराध) सतीश गोलचा ने बताया कि जहां तक मेरी जानकारी में है अब तक गोल्डन-र्रिटीवर की भर्ती केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल (CISF), स्पेशल प्रोटक्शन ग्रुप (SPG) और नेशनल सिक्योरिटी गार्ड (एनएसजी) में ही हुआ करती थी। राज्य पुलिस में दिल्ली के अलावा और इनकी किस-किस पुलिस ने भर्ती की है, कह पाना फिलहाल मुश्किल है।
'गोल्डन-र्रिटीवर' में मगर यह भी गजब की क्वालिटी है कि वो सड़क पार कराने से लेकर नेत्रहीन व्यक्ति के साथ-साथ चलकर, उसको उसकी मंजिल पर सुरक्षित पहुंचा सकते हैं। छानबीन करने और सूंघने की भी इनमें गजब की क्षमता होती है। जमीन के अंदर काफी गहराई तक सूंघने की इनकी क्षमता का कायल इंसान भी है।
इसके बाद भी इनकी चुस्ती-फुर्ती का आलम यह होता है कि सामने उड़ती चिड़िया को भी अगर यह मुंह में दबोचने की सोच लें, तो फिर वो बच नहीं सकती है। शिकार करने के इनके इसी गुण की कायल फुर्तीली चील भी कही जाती है।
दिल्ली पुलिस के विशेष आयुक्त (अपराध) सतीश गोलचा ने बताया कि जहां तक मेरी जानकारी में है अब तक गोल्डन-र्रिटीवर की भर्ती केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल (CISF), स्पेशल प्रोटक्शन ग्रुप (SPG) और नेशनल सिक्योरिटी गार्ड (एनएसजी) में ही हुआ करती थी। राज्य पुलिस में दिल्ली के अलावा और इनकी किस-किस पुलिस ने भर्ती की है, कह पाना फिलहाल मुश्किल है।
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