Advertisement
गोबिंद सागर में प्रवासी पक्षियों ने दी दस्तक, पक्षी प्रेमी खुश
बिलासपुर। बिलासपुर जिले में लगभग 80 किलोमीटर के दायरे में फैली गोबिंद सागर झील इन दिनों प्रवासी पक्षियों की दस्तक से गुलजार हो उठी है। सूदूर प्रदेशों से आने वाले हजारों की तादाद में साईबेरियन डक्स ने गोबिंद सागर में अपना डेरा जमा लिया है। हालांकि बीते वर्षों में ये मेहमान पक्षी अक्तूबर माह में अपनी दस्तक दे देते थे लेकिन इस बार प्रवासी परिंदों ने दिसंबर माह में पहुंचे हैं। यही नहीं गोबिंदसागर झील के साथ-साथ घुमारवीं की सीर खड्ड में भी प्रवासी परिंदों ने इन दिनों अपना डेरा जमाया हुआ है।
प्रकृति के नजारे, झील का उपयुक्त वातावरण व क्षेत्र की आवोहवा इन पक्षियों को इस कद्र भाती है कि मार्च-अप्रैल तक इनकी अठखेलियां पक्षी प्रेमियों के लिए आकर्षण का केंद्र बन जाती है। इन पक्षियों की चहचहाट से गोबिंदसागर के अलावा नयना देवी का क्षेत्र भी इनकी अठखेलियों से गुंजायमान हो जाता है। नयनादेवी व गोबिंदसागर के किनारे इनके घरौंदे से चहचहाट इस कद्र उठती है कि मानो प्रकृति ने विशेष प्रयोजन हेतु इन्हें यहां आने का संदेश दिया हो। बिलासपुर से भाखड़ा के बीच लंबे-चौड़े जलाशय में टापुओं की भरमार है। प्रवासी पक्षियों की अठखेलियां इन हरे-भरे टापुओं को कुछ समय तक आबाद कर जाती हैं परंतु उनके जाते ही यह रौनक भी दम तोडकर अपने अस्तित्व की रक्षा में विकल्प तलाशती है। बेशक पूरी झील पर अधिकार भाखड़ा-ब्यास प्रबंधन बोर्ड का ही क्यों न हो।
पर्यटक व सामान्य लोग इस बात को लेकर हैरान हैं कि सुदूर देशों के परिंदों को हजारों मील लंबे रास्ते तय करके बिलासपुर की गोबिंद सागर झील में आते हैं लेकिन इन प्रवासी पक्षियों की सुरक्षा के नाम पर सरकार या वाईल्ड लाईफ विभाग ने आज तक कोई प्रयास नहीं किये। जिस कारण इन मेहमान पक्षियों को शिकारी तबके के लोग शाम के समय मार डालते हैं। सूचना यह भी है कि इन मेहमान पक्षियों को मारकर यहां के मांस बाजार में भी उंचे दामों पर बेचा जाता रहा है जिससे प्रतिवर्ष यहां आने वाली विभिन्न प्रजातियों में से केवल साईबेरियन डक्स ही यहां पर पिछले कुछ वर्षों से आ रही हैं।
पक्षी प्रेमियों का कहना है कि बाहरी प्रदेशों से आने वाले यह प्रवासी पक्षी बहुत ही कोमल मिजाज के होते हैं और अपने साथियों की जुदाई इनसे सहन नहीं होती जिस कारण यह हमेशा ही सुरक्षित स्थानों पर जाते हैं। साईबेरियन डक्स के अलावा ब्रहमिन डक्स, विजार्ड, डाईविंग डक्स, विजू फ्लाई नामक रंगबिरंगे प्रवासी पक्षी इस बार देखने को नहीं मिल रहे हैं। बहरहाल नन्हीं साईबेरियन डक्स के कारण गोबिंंदसागर इस समय और अधिक खूबसूरत हो उठी है जिसे देखने रोजाना सैंकडों की तादाद में लोग झील के किनारों पर पंहुच रहे हैं।
प्रकृति के नजारे, झील का उपयुक्त वातावरण व क्षेत्र की आवोहवा इन पक्षियों को इस कद्र भाती है कि मार्च-अप्रैल तक इनकी अठखेलियां पक्षी प्रेमियों के लिए आकर्षण का केंद्र बन जाती है। इन पक्षियों की चहचहाट से गोबिंदसागर के अलावा नयना देवी का क्षेत्र भी इनकी अठखेलियों से गुंजायमान हो जाता है। नयनादेवी व गोबिंदसागर के किनारे इनके घरौंदे से चहचहाट इस कद्र उठती है कि मानो प्रकृति ने विशेष प्रयोजन हेतु इन्हें यहां आने का संदेश दिया हो। बिलासपुर से भाखड़ा के बीच लंबे-चौड़े जलाशय में टापुओं की भरमार है। प्रवासी पक्षियों की अठखेलियां इन हरे-भरे टापुओं को कुछ समय तक आबाद कर जाती हैं परंतु उनके जाते ही यह रौनक भी दम तोडकर अपने अस्तित्व की रक्षा में विकल्प तलाशती है। बेशक पूरी झील पर अधिकार भाखड़ा-ब्यास प्रबंधन बोर्ड का ही क्यों न हो।
पर्यटक व सामान्य लोग इस बात को लेकर हैरान हैं कि सुदूर देशों के परिंदों को हजारों मील लंबे रास्ते तय करके बिलासपुर की गोबिंद सागर झील में आते हैं लेकिन इन प्रवासी पक्षियों की सुरक्षा के नाम पर सरकार या वाईल्ड लाईफ विभाग ने आज तक कोई प्रयास नहीं किये। जिस कारण इन मेहमान पक्षियों को शिकारी तबके के लोग शाम के समय मार डालते हैं। सूचना यह भी है कि इन मेहमान पक्षियों को मारकर यहां के मांस बाजार में भी उंचे दामों पर बेचा जाता रहा है जिससे प्रतिवर्ष यहां आने वाली विभिन्न प्रजातियों में से केवल साईबेरियन डक्स ही यहां पर पिछले कुछ वर्षों से आ रही हैं।
पक्षी प्रेमियों का कहना है कि बाहरी प्रदेशों से आने वाले यह प्रवासी पक्षी बहुत ही कोमल मिजाज के होते हैं और अपने साथियों की जुदाई इनसे सहन नहीं होती जिस कारण यह हमेशा ही सुरक्षित स्थानों पर जाते हैं। साईबेरियन डक्स के अलावा ब्रहमिन डक्स, विजार्ड, डाईविंग डक्स, विजू फ्लाई नामक रंगबिरंगे प्रवासी पक्षी इस बार देखने को नहीं मिल रहे हैं। बहरहाल नन्हीं साईबेरियन डक्स के कारण गोबिंंदसागर इस समय और अधिक खूबसूरत हो उठी है जिसे देखने रोजाना सैंकडों की तादाद में लोग झील के किनारों पर पंहुच रहे हैं।
[@ Punjab election- इस विधानसभा में नहीं पहुंची अभी तक 50 महिला विधायक भी ]
Advertisement
Advertisement
बिलासपुर
हिमाचल प्रदेश से
सर्वाधिक पढ़ी गई
Advertisement