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राहुल गांधी को जासूसी का संदेह हो तो जांच के लिए दें अपना फोन : राज्यवर्धन सिंह राठौर
नई दिल्ली। भारतीय जनता पार्टी के लोकसभा सांसद और राष्ट्रीय प्रवक्ता राज्यवर्धन सिंह राठौर ने कहा है कि देश मे किसी की इलीगल फोन टैपिंग नहीं हो रही है, यदि राहुल गांधी को कोई शक है तो अपना फोन दे सकते हैं, एजेंसी उसकी जांच कर सत्यता बता देगी। पेगासस सॉफ्टवेयर के जरिये पत्रकारों, नेताओं और अफसरों की जासूसी के सरकार पर लगे आरोपों को राज्यवर्धन सिंह राठौर ने खारिज किया। उन्होंने शुक्रवार को संसद भवन परिसर में मीडिया से बातचीत में कहा कि देश में कहीं भी किसी का अवैध रूप से फोन टैप नहीं किया जा रहा है।
राठौर ने कहा, "जो देश का कानून है, उसी अनुरूप कार्य हो रहा है। देश की कोई एजेंसी किसी भी व्यक्ति का अवैध रूप से फोन टैप नहीं कर रही है।"
राज्यवर्धन सिंह राठौर ने कहा कि अगर किसी भी व्यक्ति को फोन टैप होने का संदेह हो तो वह अपना फोन दे। सबंधित एजेंसी उसकी जांच करेगी और अगर कोई व्यक्ति गलत कार्य करते हुए पकड़ा जाता है तो उसके खिलाफ आईपीसी के तहत कार्रवाई होगी।
बीजेपी के राष्ट्रीय प्रवक्ता ने कहा, मैं इतना कहना चाहूंगा कि अब कांग्रेस नेता राहुल गांधी अपना फोन कब देंगे, ताकि उसके ऊपर इन्वेस्टीगेशन हो सके।
बता दें को 19 जुलाई को संसद के मानसून सत्र के शुरू होने से एक दिन पहले पेगासस मीडिया प्रोजेक्ट नामक कथित खुलासा हुआ था, जिसमें देश के प्रभावशाली व्यक्तियों की जासूसी का दावा किया गया। हलांकि सदन में बोलते हुए आईटी मंत्री ने इन आरोपों को खारिज किया था। बावजूद इसके इस मुद्दे को लेकर पिछले चार दिनों से सदन में हंगामा हो रहा है।
--आईएएनएस
राठौर ने कहा, "जो देश का कानून है, उसी अनुरूप कार्य हो रहा है। देश की कोई एजेंसी किसी भी व्यक्ति का अवैध रूप से फोन टैप नहीं कर रही है।"
राज्यवर्धन सिंह राठौर ने कहा कि अगर किसी भी व्यक्ति को फोन टैप होने का संदेह हो तो वह अपना फोन दे। सबंधित एजेंसी उसकी जांच करेगी और अगर कोई व्यक्ति गलत कार्य करते हुए पकड़ा जाता है तो उसके खिलाफ आईपीसी के तहत कार्रवाई होगी।
बीजेपी के राष्ट्रीय प्रवक्ता ने कहा, मैं इतना कहना चाहूंगा कि अब कांग्रेस नेता राहुल गांधी अपना फोन कब देंगे, ताकि उसके ऊपर इन्वेस्टीगेशन हो सके।
बता दें को 19 जुलाई को संसद के मानसून सत्र के शुरू होने से एक दिन पहले पेगासस मीडिया प्रोजेक्ट नामक कथित खुलासा हुआ था, जिसमें देश के प्रभावशाली व्यक्तियों की जासूसी का दावा किया गया। हलांकि सदन में बोलते हुए आईटी मंत्री ने इन आरोपों को खारिज किया था। बावजूद इसके इस मुद्दे को लेकर पिछले चार दिनों से सदन में हंगामा हो रहा है।
--आईएएनएस
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