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गांधीजी के 150वीं जयन्ती वर्ष के कार्यक्रम अब वर्ष 2021 तक
जयपुर । मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के
विचारों को जन-जन तक पहुंचाने के लिए उनकी 150वीं जयन्ती वर्ष के
कार्यक्रमों को एक वर्ष और बढ़ाकर 2 अक्टूबर, 2021 तक जारी रखने का निर्णय
लिया है। साथ ही, ग्राम स्तर पर साक्षरता मिशन के तहत शुरू किए गए महात्मा
गांधी वाचनालयों और पुस्तकालयों को फिर से खोलने और इनमें गांधीजी से जुड़ा
साहित्य उपलब्ध कराने का भी निर्णय लिया है। उन्होंने कहा कि हम गांधीवादी चिन्तकों, विचारकों और सामाजिक कार्यकर्ताओं
के साथ ही आमजन के सहयोग से राजस्थान प्रदेश को गांधीमय बनाएंगे। उन्होंने
कहा कि इसके लिए समर्पित कार्यकर्ताओं और विशेषज्ञों की एक टीम तैयार की
जाएगी, जो फुल-टाइम यह कार्य कर सकेगी।
स्कूलों में होंगी गांधावादी विचारकों की विशेष कक्षाएंमुख्यमंत्री ने कहा कि गांधीजी अपने आप में एक बड़ा विषय है और आज के समय में उनके विचारों की प्रासंगिकता अधिक बढ़ गई है। गांधीजी के विचार लोगों तक पहुंचाने के लिए योजनाबद्ध तरीके से काम करने की आवश्यकता है। हम प्रयास करेंगे कि नई पीढ़ी को बचपन से ही गांधी दर्शन के बारे में जानकारी मिले और वे इससे प्रेरणा ले सकें। उन्होंने कहा कि इसके लिए स्कूलों में गांधीवादी विचारकों और विशेषज्ञों की विशेष कक्षाएं आयोजित कराई जाएंगी।
शान्ति एवं अहिंसा प्रकोष्ठ बनेगा विभाग गहलोत ने कहा कि गांधीजी के सत्य, अहिंसा और शान्ति के सिद्धान्तों को राज्य सरकार की कार्यप्रणाली में समाहित करने एवं इनका व्यापक प्रचार-प्रसार करने के लिए राज्य सरकार ने प्रदेश में शान्ति एवं अहिंसा प्रकोष्ठ का गठन किया है। राजस्थान देश में एकमात्र राज्य है, जिसने इस तरह का प्रकोष्ठ स्थापित किया है। हम इसे और मजबूत बनाने के लिए प्रकोष्ठ को राज्य सरकार के एक विभाग के रूप में स्थापित करेंगे।
सोशल मीडिया से जन-जन तक पहुंचाएंगे गांधीजी के विचारमुख्यमंत्री ने कहा कि आज के दौर में सोशल मीडिया और सूचना तकनीक का बहुत महत्व है। ऎसे में गांधीजी के विचारों को किताबों के साथ-साथ सोशल मीडिया माध्यमों से सुगमता पूर्वक प्रसारित किया जाए। उन्होंने कहा कि गांधीजी के जीवन दर्शन, उनकी जीवनी और वाड्ःमय को फेसबुक, इंस्टाग्राम, यूट्यूब सहित विभिन्न सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म के माध्यम से प्रचारित-प्रसारित किया जाए।
स्कूलों में होंगी गांधावादी विचारकों की विशेष कक्षाएंमुख्यमंत्री ने कहा कि गांधीजी अपने आप में एक बड़ा विषय है और आज के समय में उनके विचारों की प्रासंगिकता अधिक बढ़ गई है। गांधीजी के विचार लोगों तक पहुंचाने के लिए योजनाबद्ध तरीके से काम करने की आवश्यकता है। हम प्रयास करेंगे कि नई पीढ़ी को बचपन से ही गांधी दर्शन के बारे में जानकारी मिले और वे इससे प्रेरणा ले सकें। उन्होंने कहा कि इसके लिए स्कूलों में गांधीवादी विचारकों और विशेषज्ञों की विशेष कक्षाएं आयोजित कराई जाएंगी।
शान्ति एवं अहिंसा प्रकोष्ठ बनेगा विभाग गहलोत ने कहा कि गांधीजी के सत्य, अहिंसा और शान्ति के सिद्धान्तों को राज्य सरकार की कार्यप्रणाली में समाहित करने एवं इनका व्यापक प्रचार-प्रसार करने के लिए राज्य सरकार ने प्रदेश में शान्ति एवं अहिंसा प्रकोष्ठ का गठन किया है। राजस्थान देश में एकमात्र राज्य है, जिसने इस तरह का प्रकोष्ठ स्थापित किया है। हम इसे और मजबूत बनाने के लिए प्रकोष्ठ को राज्य सरकार के एक विभाग के रूप में स्थापित करेंगे।
सोशल मीडिया से जन-जन तक पहुंचाएंगे गांधीजी के विचारमुख्यमंत्री ने कहा कि आज के दौर में सोशल मीडिया और सूचना तकनीक का बहुत महत्व है। ऎसे में गांधीजी के विचारों को किताबों के साथ-साथ सोशल मीडिया माध्यमों से सुगमता पूर्वक प्रसारित किया जाए। उन्होंने कहा कि गांधीजी के जीवन दर्शन, उनकी जीवनी और वाड्ःमय को फेसबुक, इंस्टाग्राम, यूट्यूब सहित विभिन्न सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म के माध्यम से प्रचारित-प्रसारित किया जाए।
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