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'आजादी मार्च' के झटके कराची से इस्लामाबाद तक महसूस किए जाएंगे: मौलाना फजलुर्रहमान

khaskhabar.com : शुक्रवार, 17 जनवरी 2020 7:57 PM (IST)
'आजादी मार्च' के झटके कराची से इस्लामाबाद तक महसूस किए जाएंगे: मौलाना फजलुर्रहमान
रावलपिंडी। पाकिस्तान में इमरान सरकार को सत्ता से हटाने के लिए 'आजादी मार्च' अभियान चला चुके जमीयते उलेमाए इस्लाम (फजल) के नेता मौलाना फजलुर्रहमान ने कहा है कि मदरसा पाठ्यक्रम सुधार और इसके नाम पर धार्मिक शिक्षा नीति में किसी भी बदलाव को स्वीकार नहीं किया जाएगा। रावलपिंडी में एक प्रेस कांफ्रेंस में मौलाना फजल ने यह बात कही। उन्होंने कहा कि 'आजादी मार्च' के झटके कराची से इस्लामाबाद तक महसूस किए जाएंगे।

मौलाना फजल ने इससे पहले इस्लामाबाद में भी कहा था कि मदरसों में सुधार की कवायद निंदनीय है और इसका समाज पर बहुत नकारात्मक असर पड़ेगा। उन्होंने कहा "उनकी पार्टी की केंद्रीय समिति ने शिक्षा मंत्रालय की इस कवायद के खिलाफ पूरे देश में आंदोलन छेड़ने का फैसला किया है।" उन्होंने कहा "मदरसों को आतंकवाद से जोड़ना एक गलत सोच है। मदरसे देश में शिक्षा का प्रसार कर रहे हैं और समाज में शांति की दिशा में काम कर रहे हैं। साथ ही, यह लोकतंत्र के साथ हैं।"

उन्होंने कहा "उनकी पार्टी सरकारी खजाने से मदरसे के विद्यार्थियों को मानद राशि देने का भी विरोध करती है। किसी भी मदरसे के विद्यार्थी धार्मिक शिक्षा के लिए सरकार से धन नहीं लेंगे। यह मदरसों के खिलाफ एक साजिश है।" उन्होंने कहा "अमेरिका और पश्चिमी जगत मदरसों के पाठ्यक्रम में बदलाव चाहते हैं और इसके लिए वे अरबों डॉलर खर्च करने के लिए तैयार हैं।"

फजल ने कहा "जो ताकतें मदरसों के पाठ्यक्रम को विश्व शांति के लिए खतरा बता रही हैं, हम उनसे कहना चाहते हैं कि उन्हीं की नीतियां दुनिया में उग्रवाद के लिए जिम्मेदार हैं।" उन्होंने कहा कि लोग जल्द ही बदलाव देखेंगे। उन्होंने कहा कि वह सरकार के खिलाफ एक और आंदोलन छेड़ेंगे।

(आईएएनएस)

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