Advertisement
लाइमस्टोन के 716 मीलियन टन के भण्डार की खोज, तीन जिलों में चार ब्लाॅक विकसित,ई ऑक्शन से होगी नीलामी
जयपुर। राज्य के खान एवं भूविज्ञान विभाग ने जैसलमेर, नागौर और झुन्झुनू में सीमेंट ग्रेड लाइमस्टोन के 15.30 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र में 716 मीलियन टन भण्डार की खोज कर चार ब्लाॅक विकसित किए हैं।
खान व पेट्रोलियम मंत्री प्रमोद जैन भाया ने यह जानकारी देते हुए बताया कि इससे प्रदेश में बड़ी मात्रा में लाइमस्टोन का खनन होने के साथ ही सीमेंट क्षेत्र में बड़ा निवेश होगा, प्रदेश में राजस्व बढ़ेगा और रोजगार के बेहतर अवसर विकसित होंगे। उन्होंने बताया कि चारों लाइमस्टोन ब्लाॅक्स प्रधान खनिज की श्रेणी के हैं। राज्य में खनिज संपदा के विपुल भण्डार उपलब्ध है।
खान मंत्री भाया ने बताया कि खान व भूविज्ञान विभाग द्वारा किए गए सर्वे के अनुसार इन चारों ब्लाॅकों में एक मोटे अनुमान के अनुसार सीमेंट ग्रेड लाइमस्टोन के 716 मीलियम टन लाइमस्टोन के भण्डार होने का आकलन है। लाइम स्टोन के इन चारों ब्लाॅकों की जल्दी ही भारत सरकार द्वारा प्रधान खनिजों के नीलामी के ऑनलाईन पोर्टल एमएसटीसी पर ई-नीलामी की जाएगी। इस नीलामी में देश-दुनिया में कहीं से भी कोई भी व्यक्ति के हिस्सा लेने की संभावना को देखते हुए प्रतिस्पर्धात्मक दरों पर आॅक्शन होगा और देश-विदेशी निवेशक हिस्सा ले सकेंगे।
प्रमोद जैन भाया ने बताया कि लाइमस्टोन के इतने बड़े भण्डार मिलने से प्रदेश में सीमेंट उद्योग में और अधिक निवेश होगा और इससे स्थानीय स्तर पर भी प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रुप से रोजगार के नए अवसर विकसित होंगे। प्रदेश में नई सीमेंट इण्डस्ट्री के आने या पहले से काम कर रही सीमेंट कंपनियों द्वारा निवेश बढ़ाकर नए प्लांट लगा सकेंगे। इसके साथ ही इन क्षेत्रों के समग्र विकास की राह खुलेगी।
खान एवं पेट्रोलियम विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव डाॅ. सुबोध अग्रवाल ने बताया कि राज्य सरकार द्वारा चारों ब्लाॅकों की ई नीलामी की आवश्यक औपचारिकताएं पूरी कर ली गई है। नीलामी की पारदर्शी व निष्पक्ष ई-ऑक्शन व्यवस्था से प्रतिस्पर्धात्मक राषि प्राप्त होने की संभावना के साथ ही देश-विदेश के निवेशकों के हिस्सा लेने से प्रदेश को अधिक राजस्व प्राप्त हो सकेगा।
डाॅ. अग्रवाल ने बताया कि चार ब्लाॅकों में से दो ब्लाॅक जैसलमेर जिले में पारेवर बी 5.15 वर्ग किलोमीटर क्षेत्रफल का है वहीं जैसलमेर में ही खींया।। ए 3.04 वर्ग किलोमीटर क्षेत्रफल का है। उन्होंने बताया कि इनमें क्रमशः 167.58 और 178.20 मीलियन टन सीमेंट ग्रेड लाइमस्टोन खनिज के भण्डार होने की संभावना है। इसी तरह से नागौर के खींमसर तहसील के टाडास-बेरास गांव के पास 4.23 वर्ग किलोमीटर क्षेत्रफल के 4 जी ।। ए ब्लाॅक में 207.06 मीलियन टन सीमेंट ग्रेड लाइमस्टोन के भण्डार होने की संभावना है। इसी तरह से झुन्झुनू के 2.88 वर्ग किलोमीटर क्षेत्रफल के गोथरा-परसरामपुरा वेस्ट ब्लाॅक से 163.16 मीलियन टन सीमेंट ग्रेड लाइमस्टोन के भण्डार खोजे गए हैं।
एसीएस माइन्स डाॅ. अग्रवाल ने बताया कि राज्य सरकार ने चारों ब्लाॅकों की नीलामी करने की अनुमति जारी कर दी है और अब खान एवं भू-विज्ञान विभाग द्वारा ई- ऑक्शन से इन ब्लाॅकों की नीलामी की जाएगी। उन्होंने बताया कि खान विभाग को ई ऑक्शन की सूचना समाचार पत्रों, विभागीय वेबसाइट पर प्रमुखता से प्रचारित करने के निर्देश दिए गए हैं।
खान व पेट्रोलियम मंत्री प्रमोद जैन भाया ने यह जानकारी देते हुए बताया कि इससे प्रदेश में बड़ी मात्रा में लाइमस्टोन का खनन होने के साथ ही सीमेंट क्षेत्र में बड़ा निवेश होगा, प्रदेश में राजस्व बढ़ेगा और रोजगार के बेहतर अवसर विकसित होंगे। उन्होंने बताया कि चारों लाइमस्टोन ब्लाॅक्स प्रधान खनिज की श्रेणी के हैं। राज्य में खनिज संपदा के विपुल भण्डार उपलब्ध है।
खान मंत्री भाया ने बताया कि खान व भूविज्ञान विभाग द्वारा किए गए सर्वे के अनुसार इन चारों ब्लाॅकों में एक मोटे अनुमान के अनुसार सीमेंट ग्रेड लाइमस्टोन के 716 मीलियम टन लाइमस्टोन के भण्डार होने का आकलन है। लाइम स्टोन के इन चारों ब्लाॅकों की जल्दी ही भारत सरकार द्वारा प्रधान खनिजों के नीलामी के ऑनलाईन पोर्टल एमएसटीसी पर ई-नीलामी की जाएगी। इस नीलामी में देश-दुनिया में कहीं से भी कोई भी व्यक्ति के हिस्सा लेने की संभावना को देखते हुए प्रतिस्पर्धात्मक दरों पर आॅक्शन होगा और देश-विदेशी निवेशक हिस्सा ले सकेंगे।
प्रमोद जैन भाया ने बताया कि लाइमस्टोन के इतने बड़े भण्डार मिलने से प्रदेश में सीमेंट उद्योग में और अधिक निवेश होगा और इससे स्थानीय स्तर पर भी प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रुप से रोजगार के नए अवसर विकसित होंगे। प्रदेश में नई सीमेंट इण्डस्ट्री के आने या पहले से काम कर रही सीमेंट कंपनियों द्वारा निवेश बढ़ाकर नए प्लांट लगा सकेंगे। इसके साथ ही इन क्षेत्रों के समग्र विकास की राह खुलेगी।
खान एवं पेट्रोलियम विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव डाॅ. सुबोध अग्रवाल ने बताया कि राज्य सरकार द्वारा चारों ब्लाॅकों की ई नीलामी की आवश्यक औपचारिकताएं पूरी कर ली गई है। नीलामी की पारदर्शी व निष्पक्ष ई-ऑक्शन व्यवस्था से प्रतिस्पर्धात्मक राषि प्राप्त होने की संभावना के साथ ही देश-विदेश के निवेशकों के हिस्सा लेने से प्रदेश को अधिक राजस्व प्राप्त हो सकेगा।
डाॅ. अग्रवाल ने बताया कि चार ब्लाॅकों में से दो ब्लाॅक जैसलमेर जिले में पारेवर बी 5.15 वर्ग किलोमीटर क्षेत्रफल का है वहीं जैसलमेर में ही खींया।। ए 3.04 वर्ग किलोमीटर क्षेत्रफल का है। उन्होंने बताया कि इनमें क्रमशः 167.58 और 178.20 मीलियन टन सीमेंट ग्रेड लाइमस्टोन खनिज के भण्डार होने की संभावना है। इसी तरह से नागौर के खींमसर तहसील के टाडास-बेरास गांव के पास 4.23 वर्ग किलोमीटर क्षेत्रफल के 4 जी ।। ए ब्लाॅक में 207.06 मीलियन टन सीमेंट ग्रेड लाइमस्टोन के भण्डार होने की संभावना है। इसी तरह से झुन्झुनू के 2.88 वर्ग किलोमीटर क्षेत्रफल के गोथरा-परसरामपुरा वेस्ट ब्लाॅक से 163.16 मीलियन टन सीमेंट ग्रेड लाइमस्टोन के भण्डार खोजे गए हैं।
एसीएस माइन्स डाॅ. अग्रवाल ने बताया कि राज्य सरकार ने चारों ब्लाॅकों की नीलामी करने की अनुमति जारी कर दी है और अब खान एवं भू-विज्ञान विभाग द्वारा ई- ऑक्शन से इन ब्लाॅकों की नीलामी की जाएगी। उन्होंने बताया कि खान विभाग को ई ऑक्शन की सूचना समाचार पत्रों, विभागीय वेबसाइट पर प्रमुखता से प्रचारित करने के निर्देश दिए गए हैं।
ये भी पढ़ें - अपने राज्य - शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
Advertisement
Advertisement
जयपुर
राजस्थान से
सर्वाधिक पढ़ी गई
Advertisement