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बाड़मेर रिफायनरी पर सितंबर तक साढ़े चार हजार करोड़ व्यय

khaskhabar.com : शुक्रवार, 30 अक्टूबर 2020 2:07 PM (IST)
बाड़मेर रिफायनरी पर सितंबर तक साढ़े चार हजार करोड़ व्यय
जयपुर । प्रदेश के अतिरिक्त मुख्य सचिव माइन्स एवं पेट्रोलियम डॉ. सुबोध अग्रवाल ने बताया है कि एसपीसीएल राजस्थान रिफायनरी (एचआरआरएल) की इकाइयों में आधारभूत संरचनाओं के काम में तेजी आई है वहीं रिफायनरी परियोजना में 4654 करोड़ रु. के काम पूरे हो चुके हैं। रिफायनरी के मुख्य वेयर हाउस का निर्माण कार्य पूरा हो चुका है। क्षेत्र में 63.42 किलोमीटर सडक का निर्माण होना है जिसमें से 58.42 किलोमीटर सडक का निर्माण कार्य हो गया है, 78.52 किमी ड्रेनेज निर्माण पूरा हो गया है। सभी इकाइयों के प्रोसेस लाइसेंसर का काम पूरा कर लिया गया है वहीं रिफायनरी में आधारभूत संरचना के अधिकांश्‍ कार्यों में तेजी आई है।

डॉ. अग्रवाल ने बताया कि रिफायनरी राजस्थान सरकार का ड्रिम प्रोजेक्ट है और यही कारण है कि राज्य सरकार और रिफायनरी प्रबंधन का संयुक्त प्रयास है कि रिफायनरी परियोजना का कार्य निर्धारित समय सीमा अक्टूबर, 22 तक पूरा कर मार्च, 23 तक व्यावसायिक उत्पादन आरंभ कर दे। उन्होंने कहा कि कोविड-19 के कारण प्रभावित कार्य को तय समय सीमा में पूरा करने की रिफायनरी प्रबंधन द्वारा रणनीति तय की गई है।

एसीएस माइन्स एवं पेट्रोलियम डॉ. सुबोध अग्रवाल वीडियो कान्फ्रेसिंग के माध्यम से एसपीसीएल राजस्थान रिफायनरी की बोर्ड मीटिंग में रिफायनरी परियोजना की प्रगति और रोडमेप के अनुसार तय समय सीमा में कार्य पूरा कराने के सभी बिन्दुओं पर चर्चा कर रहे थे। उन्होंने बताया कि एचपीसीएल और राजस्थान सरकार के इस संयुक्त उद्यम की खास बात यह है कि यहां रिफायनरी और पेट्रोकेमिकल काम्पलेक्स दोनों एकीकृत रुप से बन रहे हैं। रिफायनरी में बीएस vi मानक के उत्पाद का उत्पादन होगा। डॉ. अग्रवाल ने कहा कि एसपीसीएल आरआर को तय समय सीमा में रिफायनरी का काम पूरा कर उत्पादन शुरु करने के काम को चुनौती के रुप में लेते हुए आगे बढ़ना होगा। उन्होंने रिफायनरी के अब तक के कार्य प्रगति पर संतोष व्यक्त किया।

एसीएस डॉ. अग्रवाल ने बताया कि रिफायनरी में 9 रिफायनरी व 4 पेट्रोकेमिकल सहित 13 प्रोसेस इकाइयां स्थापित होंगी जिसकी बेसिक डिजाइन इंजीनियरिंग का कार्य पूरा करा लिया गया है। रिफायनरी के मुख्य वेयर हाउस का निर्माण कार्य पूरा हो चुका है। क्षेत्र में 58.42 किलोमीटर सडक का निर्माण कार्य हो गया है, 78.52 किमी ड्रेनेज निर्माण पूरा हो गया है। रिफायनरी साइट पर ही 20950 घनमीटर के जलाश्‍य का निर्माण हो गया है और नाचना व टाउनशीप जलाशय का काम प्रगति पर है। इसी तरह से बाड़मेर क्रूड ऑयल पाइप लाइन प्राकृतिक गैस एवं पानी की पाइप लाइन बिछाने के सर्वे का काम पूरा हो गया है वहीं आयातीत अरब मिक्स क्रूड ऑयल पाइप लाइन बिछाने का सर्वे कार्य जारी है। बांगूडी से रिफायनरी तक पानी की पाइप लाइन बिछाने का काम लगभग पूरा हो गया है।


एचआरआरएल के सीएमडी एमके सुराणा ने परियोजना के महत्व को रेखांकित करते हुए बताया कि बाड़मेर रिफायानरी देष की सबसे बड़ी और महत्वाकांक्षी परियोजनाओं में से एक है। उन्होंने बताया कि 43129 करोड़ रु. की लागत से तैयार हो रही रिफायनरी के लिए सितंबर माह के अंत तक 4654 करोड़ रु. के विभिन्न निर्माण व अन्य कार्यों के 22 हजार 495 करोड़ रु. के क्रयादेश दिए जा चुके हैं।
सीएमडी सुराणा ने बताया कि रिफायनरी में साढ़े चार हजार करोड़ से अधिक का कार्य कराए जा चुके हैं। रिफायनरी में सभी क्षेत्रों में कार्य ने गति पकड़ी ली हैं। प्रबंधन द्वारा चुनौती के रुप में लेते हुए काम किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि कोरोना लॉकडाउन के कारण परियोजना कार्य प्रभावित हुआ है पर इसे तय समय सीमा में पूरा करने के हर संभव प्रयास किए जा रहे हैं। बैठक में एचआरआरएल के निदेशक मंडल के सदस्यों ने हिस्सा लिया।

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