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पूर्व सीएम प्रेम कुमार धूमल ने जन्मदिन पर काटा केक

हमीरपुर । हिमाचल प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री प्रेम कुमार धूमल के 75 वें जन्मदिन पर भाजपा कार्यकर्ताओं और समर्थकों ने शुभकामनाएं देते हुए उनके स्वस्थ्य व दीर्घायु जीवन की कामना की । इस मौके पर पूर्व सीएम प्रेम कुमार धूमल ने कहा कि आज देश में हर जवान जब वह ड्यूटी पर हो या फिर रिटायर होकर अपने घर पर होता है तो कम से कम सुकून की जिंदगी जीता है और यह सब कुछ जवान की तनख्वाह में बढ़ोतरी हो या फिर एक ऐतिहासिक कदम वन रैंक वन पेंशन जिसे भारतीय जनता पार्टी ने संभव कर दिखाया है।
उन्होंने कहा कि वन रैंक वन पेंशन के कारण जो फौजी किसी समय 1000 पेंशन पर आया था। आज उसकी पेंशन 50,000 के लगभग है, जितनी उन्हें तनख्वाह मिलती थी, उससे 10 गुना ज्यादा उन्हें पेंशन मिल रही है। 2014 से पहले नरेंद्र मोदी ने सुजानपुर के चौगान से यह ऐलान किया था कि सरकार बनते ही सबसे पहले वन रैंक वन पेंशन फौजी भाइयों के लिए लागू किया जाएगा और जब 2014 में भारतीय जनता पार्टी की सरकार बनी तो मोदी ने जो कहा था। प्रधानमंत्री बनते ही वन रैंक वन पेंशन लागू कर दिया था, यह सब संभव हो पाया है तो सिर्फ मोदी सरकार की वजह से हो पाया है अटल द्वारा फौजियों को सम्मान देना शुरू किया गया और मोदी ने उस मान-सम्मान को शिखर पर पहुंचाया है। कांग्रेस का एक कार्यकाल ऐसा भी रहा था कि जब कांग्रेस सरकार ने जवानों की रविवार दिन की तनख्वाह काटने का प्रस्ताव लाया गया था, जिसे देशवासियों के विरोध के कारण वापस लेना पड़ा था और आज फिर कांग्रेस पार्टी ने मेनिफेस्टो में देशद्रोह जैसे कानूनों को खत्म करने का एलान कर रहे हैं। जनता और जवान दोनों जानते हैं कि कांग्रेस की नैया डूब चुकी है और जनता भी इनकी बातों में और बहकावे में नहीं आने वाली है।
उन्होंने कहा कि वन रैंक वन पेंशन के कारण जो फौजी किसी समय 1000 पेंशन पर आया था। आज उसकी पेंशन 50,000 के लगभग है, जितनी उन्हें तनख्वाह मिलती थी, उससे 10 गुना ज्यादा उन्हें पेंशन मिल रही है। 2014 से पहले नरेंद्र मोदी ने सुजानपुर के चौगान से यह ऐलान किया था कि सरकार बनते ही सबसे पहले वन रैंक वन पेंशन फौजी भाइयों के लिए लागू किया जाएगा और जब 2014 में भारतीय जनता पार्टी की सरकार बनी तो मोदी ने जो कहा था। प्रधानमंत्री बनते ही वन रैंक वन पेंशन लागू कर दिया था, यह सब संभव हो पाया है तो सिर्फ मोदी सरकार की वजह से हो पाया है अटल द्वारा फौजियों को सम्मान देना शुरू किया गया और मोदी ने उस मान-सम्मान को शिखर पर पहुंचाया है। कांग्रेस का एक कार्यकाल ऐसा भी रहा था कि जब कांग्रेस सरकार ने जवानों की रविवार दिन की तनख्वाह काटने का प्रस्ताव लाया गया था, जिसे देशवासियों के विरोध के कारण वापस लेना पड़ा था और आज फिर कांग्रेस पार्टी ने मेनिफेस्टो में देशद्रोह जैसे कानूनों को खत्म करने का एलान कर रहे हैं। जनता और जवान दोनों जानते हैं कि कांग्रेस की नैया डूब चुकी है और जनता भी इनकी बातों में और बहकावे में नहीं आने वाली है।
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