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पूर्व CBI निदेशक आलोक वर्मा ने कहा,मेरे खिलाफ भ्रष्टाचार के आरोप झूठे
आलोक वर्मा ने गुरुवार रात कहा कि मैंने संस्था की अखंडता बनाए रखने की कोशिश की और अगर मौका मिला तो कानूनी नियमों को बनाए रखने के लिए फिर से ऐसा करूंगा।" उन्होंने कहा कि सीबीआई भ्रष्टाचार से निपटने वाली एक प्रमुख जांच एजेंसी है, एक ऐसी संस्था है जिसकी स्वतंत्रता को संरक्षित और सुरक्षित किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि इसे बिना किसी बाहरी प्रभावों यानी दखलअंदाजी के कार्य करना चाहिए। मैंने संस्था की साख बनाए रखने की कोशिश की है, जबकि इसे नष्ट करने के प्रयास किए जा रहे हैं।
उन्होंने सरकार व सीवीसी के 23 अक्टूबर के आदेशों का जिक्र करते हुए कहा कि इसे केंद्र सरकार और सीवीसी के 23 अक्टूबर, 2018 के आदेशों में देखा जा सकता है जो बिना किसी अधिकार क्षेत्र के दिए गए थे। सरकार व सीवीसी के 23 अक्टूबर के आदेश में आलोक वर्मा को उनके अधिकारों से वंचित कर उन्हें छुट्टी पर भेज दिया गया था। समिति की बैठक के तुंरत बाद आलोक वर्मा को 31 जनवरी तक के लिए अग्निशमन सेवा, नागरिक सुरक्षा और होम गार्ड का महानिदेशक नियुक्त कर दिया गया। आलोक वर्मा का कार्यकाल 31 जनवरी को समाप्त हो रहा है। सरकार ने अगले निदेशक की नियुक्ति तक सीबीआई के अतिरिक्त निदेशक एम.नागेश्वर राव को अंतरिम निदेशक के रूप में जिम्मेदारी सौंपी।
-आईएएनएस
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