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विद्यालय प्रवेशोत्सव का पहला चरण आज से, मंत्री ने लिखा जनप्रतिनिधियों को पत्र
जयपुर। राज्य के विद्यालयों में दो चरणों में होने वाले प्रवेशोत्सव
के अंतर्गत नामांकन और ठहराव में सहयोग के लिए शिक्षा राज्य मंत्री
वासुदेव देवनानी ने जन प्रतिनिधियों को व्यक्तिशः पत्र लिखा है।
प्रवेशोत्सव का पहला चरण गुरुवार से प्रारम्भ हो रहा है।
देवनानी ने जनप्रतिनिधियों को लिखे अपने पत्र में आह्वान किया है कि राजकीय विद्यालयों में अपने-अपने क्षेत्र में आयुनुरूप कक्षाओं में विद्यार्थियों के प्रवेश के लिए वे अभिभावकों को प्रेरित करें। उन्होंने प्रमुख, पंचायत समिति प्रधान, सरपंचों से शत प्रतिशत नामांकन और ठहराव में सक्रिय सहयोग की अपील करते हुए कहा है कि हम सभी मिलकर यह सुनिश्चित करें कि एक भी बच्चा विद्यालय प्रवेश से वंचित नही रहे तथा प्रदेश में सभी को शिक्षा मिले।
उन्होंने कहा कि जिन पंचायतों में शत प्रतिशत बच्चों का नामांकन होगा, उन्हें उजियारी पंचायत के रूप में सम्मानित किया जाएगा। ओडीएफ की तर्ज पर उन्हें ड्रॉपआउट फ्री घोषित किया जाएगा।
शिक्षा राज्य मंत्री ने जनप्रतिनिधियों को लिखे पत्र में कहा है कि प्रवेशोत्सव के दौरान नामांकन के लिए घर-घर सर्वे कर रहे शिक्षकों को वे सहयोग दें और प्रयास करें कि क्षेत्र का एक भी बच्चा विद्यालय शिक्षा से वंचित नही रहे। उन्होंने कहा कि शिक्षा के अधिकार के तहत 6 से 14 आयुवर्ग का हर बालक विद्यालय जाए, यह हम सभी का दायित्व है। उन्होंने आयुनुरूप बच्चों को पास की आंगनवाड़ी या विद्यालय भेजे जाने के लिए प्रेरित करने में सभी के सहयोग की अपने पत्र में अपील की है।
देवनानी ने जनप्रतिनिधियों को लिखे अपने पत्र में आह्वान किया है कि राजकीय विद्यालयों में अपने-अपने क्षेत्र में आयुनुरूप कक्षाओं में विद्यार्थियों के प्रवेश के लिए वे अभिभावकों को प्रेरित करें। उन्होंने प्रमुख, पंचायत समिति प्रधान, सरपंचों से शत प्रतिशत नामांकन और ठहराव में सक्रिय सहयोग की अपील करते हुए कहा है कि हम सभी मिलकर यह सुनिश्चित करें कि एक भी बच्चा विद्यालय प्रवेश से वंचित नही रहे तथा प्रदेश में सभी को शिक्षा मिले।
उन्होंने कहा कि जिन पंचायतों में शत प्रतिशत बच्चों का नामांकन होगा, उन्हें उजियारी पंचायत के रूप में सम्मानित किया जाएगा। ओडीएफ की तर्ज पर उन्हें ड्रॉपआउट फ्री घोषित किया जाएगा।
शिक्षा राज्य मंत्री ने जनप्रतिनिधियों को लिखे पत्र में कहा है कि प्रवेशोत्सव के दौरान नामांकन के लिए घर-घर सर्वे कर रहे शिक्षकों को वे सहयोग दें और प्रयास करें कि क्षेत्र का एक भी बच्चा विद्यालय शिक्षा से वंचित नही रहे। उन्होंने कहा कि शिक्षा के अधिकार के तहत 6 से 14 आयुवर्ग का हर बालक विद्यालय जाए, यह हम सभी का दायित्व है। उन्होंने आयुनुरूप बच्चों को पास की आंगनवाड़ी या विद्यालय भेजे जाने के लिए प्रेरित करने में सभी के सहयोग की अपने पत्र में अपील की है।
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