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दो करोड़ के गबन पर नपा की प्रधान समेत 9 कर्मियों के खिलाफ एफआईआर
जींद। गत वर्ष नगरपालिका उचाना में विकास कार्य करवाने के लिए 2 करोड़ रूपए की
राशि का गबन किया है । नगरपालिका प्रधान द्वारा यह राशि औपचारिकताएं पूरी किए बिना
ही विकास कार्यो पर खर्च दिखाई गई जबकि इस राशि से कोई विकास का काम हुआ
ही नहीं।
डीसी ने जांच रिपोर्ट के आधार पर नगरपालिका के प्रधान समेत कुछ पार्षदों और नगरपालिका के कुछ कर्मियों के विरूद्ध एफआईआर दर्ज कर तुरंत कार्यवाही करने के लिए कहा है। जींद के नगर पालिका उचाना की प्रधान तथा 9 कर्मियों के विरूद्ध अनियमितता पाए जाने पर उनके विरूद्ध वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक को डीसी विनय सिंह ने एफआईआर दर्ज करने के लिए लिखा है। वर्ष 2016 में नगरपालिका उचाना में विकास कार्य करवाने के लिए 2 करोड़ रूपए की राशि दी गई थी।
नगरपालिका प्रधान द्वारा यह राशि औपचारिकताएं पूरी किए बिना ही विकास कार्यो पर खर्च दिखा दी जबकि इस राशि से कोई विकास का काम नहीं हुआ। डीसी ने जांच रिपोर्ट के आधार पर नगरपालिका के प्रधानए कुछ पार्षदों ए नगरपालिका के कुछ कर्मियों के विरूद्ध एफआईआर दर्ज करने के लिए वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक को तुरंत कार्यवाही करने के लिए कहा हैं। नपा के कर्ता धरताओं के खिलाफ आज उचाना पुलिस थाना में मामला दर्ज हो गया है । नपा से कायदे कानून को ताक पर रख कर दो करोड़ रुपये से अधिक का भुगतान किया गया।
उचाना नपा से हुई दो करोड़ रुपये से अधिक की पेमेंट को लेकर एसडीएम नरवाना डॉ. किरण की अगुवाई में गठित जांच टीम की रिपोर्ट डीसी कार्यालय में जाने के बाद खुद डीसी जींद विनयसिंह ने माना कि पेमेंट को लेकर सब कुछ ऐसे मनमाने तरीके से किया गया है जैसे कोई अपनी खुद की दुकान पर काम करता है। नपा के कर्ताधर्ताओं में हड़कंप मजा हुआ है। प्रधान से लेकर सेवादार तक पर कार्रवाई होगी। दो जनवरी को उपमंडल कार्यालय में हुई नपा की बैठक में पहुंचे केंद्रीय मंत्री बीरेंद्रसिंह ने दो करोड़ रुपये से अधिक की जांच को लेकर डीसी जींद को पंद्रह दिनों तक जांच पूरी करने के निर्देश दिए थे। नपा के आधे से अधिक पार्षदों ने दो करोड़ रुपये से हुई पेमेंट विकास कार्यो की गलत तरीके से करने का संदेह जारी किया था। दो करोड़ रुपये से अधिक हुई पेमेंट में सेवादार से लेकर चेयरपर्सन तक के बयान कलमबंद हो चुके है।
पुलिस अधीक्षक शशांक आनंद ने बताया कि उचाना नगर पालिका से कानून को ताक पर रख कर हुई पेमेंट को लेकर उपायुक्त कार्यालय से पत्र मिला है जिस के आधार पर उचाना थाना प्रभारी को मामला दर्ज करने के आदेश जारी किये गए है। जींद दो करोड़ रुपये से अधिक हुई पेमेंट में सेवादार से लेकर चेयरपर्सन तक के बयान कलमबंद हो चुके है। जिस तरह से पेमेंट नपा से करोड़ों की हुई है उससे यह मामला गबन का लग रहा है। कुछ अधिकारियों से रिपोर्ट कमेटी के सामने यह तक बयान दिए है कि विकास कार्य को लेकर जो पेमेंट के बिल तैयार किए गए वो उनके द्वारा न तो तैयार किए गए है न ही उनके हस्ताक्षर उन पर है। अधिकारियों द्वारा हस्ताक्षरए बिल तैयार न करने के बयानों के बाद ऐसे में उनके हस्ताक्षर किसने उन कागजों पर किए यह भी बड़ा सवाल है।
इतना ही नहीं कुछ अधिकारियों ने तो जांच को अहमियत तक नहीं दी वो जांच में शामिल तक नहीं हुए। जांच कमेटी के समक्ष कैसे कामों की पेमेंट की गई है उसको लेकर टेंडरए एमबी बुक सहित जो दस्तावेज प्रमुख होते है उनको प्रस्तुत नहीं कर पाए। जिससे यह मामला घोटाले का लगता है जिस पर पुलिस अधीक्षक को मामला दर्ज कर जाँच के आदेश दिए गए है।
डीसी ने जांच रिपोर्ट के आधार पर नगरपालिका के प्रधान समेत कुछ पार्षदों और नगरपालिका के कुछ कर्मियों के विरूद्ध एफआईआर दर्ज कर तुरंत कार्यवाही करने के लिए कहा है। जींद के नगर पालिका उचाना की प्रधान तथा 9 कर्मियों के विरूद्ध अनियमितता पाए जाने पर उनके विरूद्ध वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक को डीसी विनय सिंह ने एफआईआर दर्ज करने के लिए लिखा है। वर्ष 2016 में नगरपालिका उचाना में विकास कार्य करवाने के लिए 2 करोड़ रूपए की राशि दी गई थी।
नगरपालिका प्रधान द्वारा यह राशि औपचारिकताएं पूरी किए बिना ही विकास कार्यो पर खर्च दिखा दी जबकि इस राशि से कोई विकास का काम नहीं हुआ। डीसी ने जांच रिपोर्ट के आधार पर नगरपालिका के प्रधानए कुछ पार्षदों ए नगरपालिका के कुछ कर्मियों के विरूद्ध एफआईआर दर्ज करने के लिए वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक को तुरंत कार्यवाही करने के लिए कहा हैं। नपा के कर्ता धरताओं के खिलाफ आज उचाना पुलिस थाना में मामला दर्ज हो गया है । नपा से कायदे कानून को ताक पर रख कर दो करोड़ रुपये से अधिक का भुगतान किया गया।
उचाना नपा से हुई दो करोड़ रुपये से अधिक की पेमेंट को लेकर एसडीएम नरवाना डॉ. किरण की अगुवाई में गठित जांच टीम की रिपोर्ट डीसी कार्यालय में जाने के बाद खुद डीसी जींद विनयसिंह ने माना कि पेमेंट को लेकर सब कुछ ऐसे मनमाने तरीके से किया गया है जैसे कोई अपनी खुद की दुकान पर काम करता है। नपा के कर्ताधर्ताओं में हड़कंप मजा हुआ है। प्रधान से लेकर सेवादार तक पर कार्रवाई होगी। दो जनवरी को उपमंडल कार्यालय में हुई नपा की बैठक में पहुंचे केंद्रीय मंत्री बीरेंद्रसिंह ने दो करोड़ रुपये से अधिक की जांच को लेकर डीसी जींद को पंद्रह दिनों तक जांच पूरी करने के निर्देश दिए थे। नपा के आधे से अधिक पार्षदों ने दो करोड़ रुपये से हुई पेमेंट विकास कार्यो की गलत तरीके से करने का संदेह जारी किया था। दो करोड़ रुपये से अधिक हुई पेमेंट में सेवादार से लेकर चेयरपर्सन तक के बयान कलमबंद हो चुके है।
पुलिस अधीक्षक शशांक आनंद ने बताया कि उचाना नगर पालिका से कानून को ताक पर रख कर हुई पेमेंट को लेकर उपायुक्त कार्यालय से पत्र मिला है जिस के आधार पर उचाना थाना प्रभारी को मामला दर्ज करने के आदेश जारी किये गए है। जींद दो करोड़ रुपये से अधिक हुई पेमेंट में सेवादार से लेकर चेयरपर्सन तक के बयान कलमबंद हो चुके है। जिस तरह से पेमेंट नपा से करोड़ों की हुई है उससे यह मामला गबन का लग रहा है। कुछ अधिकारियों से रिपोर्ट कमेटी के सामने यह तक बयान दिए है कि विकास कार्य को लेकर जो पेमेंट के बिल तैयार किए गए वो उनके द्वारा न तो तैयार किए गए है न ही उनके हस्ताक्षर उन पर है। अधिकारियों द्वारा हस्ताक्षरए बिल तैयार न करने के बयानों के बाद ऐसे में उनके हस्ताक्षर किसने उन कागजों पर किए यह भी बड़ा सवाल है।
इतना ही नहीं कुछ अधिकारियों ने तो जांच को अहमियत तक नहीं दी वो जांच में शामिल तक नहीं हुए। जांच कमेटी के समक्ष कैसे कामों की पेमेंट की गई है उसको लेकर टेंडरए एमबी बुक सहित जो दस्तावेज प्रमुख होते है उनको प्रस्तुत नहीं कर पाए। जिससे यह मामला घोटाले का लगता है जिस पर पुलिस अधीक्षक को मामला दर्ज कर जाँच के आदेश दिए गए है।
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