Farmers worried about the decline in potato prices in jalandhar-m.khaskhabar.com
×
khaskhabar
Apr 18, 2024 5:57 pm
Location
Advertisement

आलू कीमतों में गिरावट से बढ़ी पंजाब के किसानों की चिंता

khaskhabar.com : शुक्रवार, 12 जनवरी 2018 1:16 PM (IST)
आलू कीमतों में गिरावट से बढ़ी पंजाब के किसानों की चिंता
जालंधर | नई फसल की आवक शुरू होने के साथ आलू के दाम में भारी गिरावट से पंजाब के किसानों की चिंता बढ़ गई है। किसानों को लगता नहीं है कीमतों में पिछले साल के स्तर तक भी सुधार हो पाएगा।

पंजाब वाणिकी विभाग के मुताबिक इस सीजन में करीब 10 फीसदी आलू पंजाब के किसान अब तक बेच पाए हैं लेकिन कीमतें गिरकर 150 से 300 रुपये प्रति क्विंटल के बीच आ गई है।

किसान इस बात को लेकर चिंतित हैं कि इस बार भी आलू की खेती से उन्हें मजदूरी भी वसूल हो पाएगी या नहीं, जबकि मौसम अनुकूल रहने से उत्पादन में बढ़ोतरी की संभावना है।

पंजाब में आलू की करीब 80 फीसदी फसल की आवक फरवरी और मार्च के बीच रहती है।

पिछले साल पंजाब में आलू 10 रुपये प्रति क्विं टल बिका था जिससे किसानों की आंखों से आंसू निकलने लगे थे और वे अपनी फसल सड़कों पर फेंकने लगे थे।

पंजाब सरकार के आंकड़ों के मुताबिक इस साल 25 लाख टन आलू की उपज होने की उम्मीद है।

वाणिकी विभाग में उप निदेशक गुलाब सिंह ने आईएएनएस से बातचीत में कहा, "अगर मौसम अनुकूल रहा और आलू के पौधों पर कीट का प्रभाव नहीं पड़ा तो कुल मिलाकर उपज अच्छी होगी। मौजूदा दर अच्छी नहीं है जैसाकि सुनने में आया है।"

जालंधर के ललियान कलां गांव के आलू उत्पादक किसान गुरिंदर सिंह कांग ने कहा कि किसानों की सबसे बड़ी चिंता है कि उनकी फसल का उन्हें लाभकारी मूल्य मिलेगा या नहीं क्योंकि आवक जोरों पर होने पर कीमतों में और गिरावट आ सकती है।

कांग ने कहा, "न तो ज्यादा कोहरा है कि ब्लाइट का प्रकोप हो। मौसम अच्छी फसल के लिए अनुकूल है। हालांकि किसानों व कारोबारियों में चिंता इस बात की है कि क्या उन्हें उचित भाव मिलेंगे क्योंकि मौजूद दरें तीन रुपये प्रति किलोग्राम से भी कम है।"

पिछले साल अच्छी कीमतें नहीं मिलने के बाबजूद किसानों ने आलू की खेती ज्यादा रकबे में की है क्योंकि उन्होंने पिछले साल बिना बिके कुछ आलू का उपयोग बीज के रूप में किया जिससे लागत थोड़ी कम हो गई।

जालंधर आलू उत्पादक संघ (जेपीसीए) के सचिव जगत गिल थमनवाल ने कहा, "यह बहुत सारे अंगों के काम नहीं करने जैसे हालात हैं। नोटबंदी के बाद कारोबारी ज्यादा परिमाण में कृषि उत्पादों का संग्रह नहीं कर रहे हैं। पहले हमें कोल्ड स्टोरेज पर 14 फीसदी कर देना पड़ता था अब जीएसटी लगने के बाद 28 फीसदी देना पड़ रहा है।"

उन्होंने बताया कि बाघा बोर्डर से पाकिस्तान को आलू का निर्यात करने पर रोक है और समुद्री मार्ग से आलू का निर्यात लागत की दृष्टि से लाभकारी नहीं है।

जेपीसीए के अध्यक्ष गुरुराज निज्जर ने कहा, "हम देश की करीब 33 फीसदी खपत की पूर्ति करते हैं। हम अन्य प्रदेशों को बेहतर गुणवत्ता युक्त बीज मुहैया करवाते हैं।"

प्रदेश के किसानों ने सरकार से न्यूनतम समर्थन मूल्य समेत अन्य सहायता की मांग की है।


आईएएनएस

ये भी पढ़ें - अपने राज्य - शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे

Advertisement
Khaskhabar Punjab Facebook Page:
Advertisement
Advertisement