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कांग्रेस की सरकार बनते ही 10 दिन में होगा किसानों का कर्ज माफ:राहुल
रायपुर/पंखाजूर। कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने यहां शुक्रवार को कहा कि छत्तीसगढ़ में खनिज, वन और प्राकृतिक संपदा की कोई कमी नहीं है, लेकिन छत्तीसगढ़िया यानी यहां के निवासियों को इसका फायदा नहीं मिल पाता, जबकि छत्तीसगढ़ में 15 साल से भाजपा की सरकार है और केंद्र में पिछले साढ़े चार साल से नरेंद्र मोदी की सरकार है।
राहुल ने वादा दोहराते हुए कहा कि छत्तीसगढ़ में कांग्रेस की सरकार बनते ही
10 दिनों में किसानों का कर्ज माफ होगा और बकाया बोनस भी मिलेगा।
पखांजूर में चुनावी जनसभा को संबोधित करते हुए राहुल ने कहा कि यहां के निवासियों को खनिज संपदा का फायदा इसलिए नहीं मिल पाता, क्योंकि प्रधानमंत्री मोदी और मुख्यमंत्री रमन सिंह कोई भी काम अपने चुनिंदा उद्योगपति मित्रों से पूछे बिना नहीं करते। कांग्रेस प्रमुख ने कहा कि यूपीए के शासनकाल में मनरेगा योजना को चलाने के लिए एक वर्ष में 35 हजार करोड़ रुपये खर्च होता था। इतने पैसों से लाखों परिवारों की रोजी-रोटी चलती थी, लेकिन प्रधानमंत्री मोदी ने अपने चुनिंदा उद्योगपति मित्रों को फायदा पहुंचाने के लिए इससे कहीं ज्यादा 3 लाख 50 हजार करोड़ रुपये का कर्ज माफ कर दिया, जबकि दूसरी ओर छत्तीसगढ़ सहित देश के कई राज्यों में कर्ज से दबे किसान लगातार आत्महत्या कर रहे थे, लेकिन मोदी ने गरीब किसानों का कर्ज माफ करना जरूरी नहीं समझा। जितना कर्ज उद्योगपतियों का माफ किया गया है, उतने पैसों में कई साल तक मनरेगा योजना चलाई जा सकती थी।
पखांजूर में चुनावी जनसभा को संबोधित करते हुए राहुल ने कहा कि यहां के निवासियों को खनिज संपदा का फायदा इसलिए नहीं मिल पाता, क्योंकि प्रधानमंत्री मोदी और मुख्यमंत्री रमन सिंह कोई भी काम अपने चुनिंदा उद्योगपति मित्रों से पूछे बिना नहीं करते। कांग्रेस प्रमुख ने कहा कि यूपीए के शासनकाल में मनरेगा योजना को चलाने के लिए एक वर्ष में 35 हजार करोड़ रुपये खर्च होता था। इतने पैसों से लाखों परिवारों की रोजी-रोटी चलती थी, लेकिन प्रधानमंत्री मोदी ने अपने चुनिंदा उद्योगपति मित्रों को फायदा पहुंचाने के लिए इससे कहीं ज्यादा 3 लाख 50 हजार करोड़ रुपये का कर्ज माफ कर दिया, जबकि दूसरी ओर छत्तीसगढ़ सहित देश के कई राज्यों में कर्ज से दबे किसान लगातार आत्महत्या कर रहे थे, लेकिन मोदी ने गरीब किसानों का कर्ज माफ करना जरूरी नहीं समझा। जितना कर्ज उद्योगपतियों का माफ किया गया है, उतने पैसों में कई साल तक मनरेगा योजना चलाई जा सकती थी।
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