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किसानों की आर्थिक दशा सुधरने हेतु किसान बाजार सहायक हैं - डॉ अमरीक सिंह
पठानकोट।
जिला प्रशासन की पहलकदमी से शुरू किसान बाजार अब सप्ताह में तीन दिन विभिन
स्थानों पर लगाए जाते हैं। रविवार को इंदिरा कालोनी स्थित खेतीबाड़ी के
दफ्तर में, शुक्रवार को रामलीला ग्राउंड के चिल्ड्रन पार्क में और शनिवार
को सैली रोड स्थित ट्रक स्टैंड पर।
यह जानकारी देते मुख्य खेतीबाड़ी अफसर कम नोडल अफसर डॉ अमरीक सिंह ने बताया की विभाग के इस प्रयास का उपभोक्ता और किसानों पर व्यापक प्रभावशाली परिवर्तन देखने में आ रहे हैं। उन्होंने बताया की अब किसान अपने खेतों में छोटे छोटे क्यारे बना कर विभिन फसलों सब्जियों का उत्पादन कर रहे हैं। बातचीत करने पर इन किसान बाज़ारों में भाग लेने वाले किसानों ने बताया की पहले उन्हें अपने उत्पाद के मंडीकरण के लिए बिचौलियों और आढ़तियों पर निभर रहना पड़ता था लेकिन अब उनका खपतकार के साथ सीधा संबंद बन गया है । जिससे उनको उनके उत्पाद का वाजिव दाम मिल जाता है वह भी नकद में । अब उनको बिचौलिओं पर निर्भरता ख़त्म हो गयी है।
इसके साथ उपभोक्ता भी इस बात से खुश है की उसे ताज़ी सब्जी फल और दालें उचित मूल्य पर मिल जाती है। डॉ अमरीक सिंह ने बताया की किसान बाजार की सफलता इस बात पर भी निर्भर करती है की उपभोक्ता का उत्पाद उचित दाम पर सही लेबलिंग एवं सही लिफ़ाफबन्दी करके उपभोक्ता तक पहुंचाई जाए। एक जागरूक उपभोगता मधु मोहन ने बताया की यदि सरकार ने किसानों की आर्थिक दशा दशा सुधारनी है तो उसको ऐसे किसान बाजार हर गावं हर कस्बे और हर शहर में खोलने चाहिए।
यह जानकारी देते मुख्य खेतीबाड़ी अफसर कम नोडल अफसर डॉ अमरीक सिंह ने बताया की विभाग के इस प्रयास का उपभोक्ता और किसानों पर व्यापक प्रभावशाली परिवर्तन देखने में आ रहे हैं। उन्होंने बताया की अब किसान अपने खेतों में छोटे छोटे क्यारे बना कर विभिन फसलों सब्जियों का उत्पादन कर रहे हैं। बातचीत करने पर इन किसान बाज़ारों में भाग लेने वाले किसानों ने बताया की पहले उन्हें अपने उत्पाद के मंडीकरण के लिए बिचौलियों और आढ़तियों पर निभर रहना पड़ता था लेकिन अब उनका खपतकार के साथ सीधा संबंद बन गया है । जिससे उनको उनके उत्पाद का वाजिव दाम मिल जाता है वह भी नकद में । अब उनको बिचौलिओं पर निर्भरता ख़त्म हो गयी है।
इसके साथ उपभोक्ता भी इस बात से खुश है की उसे ताज़ी सब्जी फल और दालें उचित मूल्य पर मिल जाती है। डॉ अमरीक सिंह ने बताया की किसान बाजार की सफलता इस बात पर भी निर्भर करती है की उपभोक्ता का उत्पाद उचित दाम पर सही लेबलिंग एवं सही लिफ़ाफबन्दी करके उपभोक्ता तक पहुंचाई जाए। एक जागरूक उपभोगता मधु मोहन ने बताया की यदि सरकार ने किसानों की आर्थिक दशा दशा सुधारनी है तो उसको ऐसे किसान बाजार हर गावं हर कस्बे और हर शहर में खोलने चाहिए।
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