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किसानों ने डी.सी कार्यालय समक्ष दिया धरना
फरीदकोट। भारतीय किसान यूनियन एक्ता सिद्वूपुर ने डिप्टी कमिशनर कार्यालय
समक्ष किसानी मांगों को मनवाने के लिएं विशाल धरना दिया गया , जिसमें
जिलेभर के किसानों ने शमूलीयत की । धरने को संम्बोधित करते हुएं जिला
प्रधान जगजीत सिंह डल्लेवाला ने सरकार पर दोष लगाते हुएं कहा कि हरसीजन में
आलू उत्पादक किसानों को व्यापारियों की और से सरकारी मिलीभुगत से लूटा
जाता है ।
उन्होंने कहा कि जब किसान आलू की फसल बेचने के लिएं कोल्ड स्टोरर्ज में लाने की तैयारी करते है तो व्यापारियों की और से पहले ही स्टोर बुक कर लिएं जाते है, जबकि यह स्टोर किसानों की फसल संभालने के लिएं बनाएं जाते है।उन्होंने कहा कि व्यापारियों की उक्त प्रकिया से किसानों को खराब होने के डर से अपनी आलूओं की फसल कोढियों के भाव बेचनी पडती है। किसान नेता गुरलाल सिंह मल्ला व सुरेद्र सिंह मौड ने कहा कि केंद्र की और से गेहू की खरीद को ले कर पंजाब से सोताला सलूक करते हुएं खरीद प्रबंधों में से राज्य को बाहर रखा गया है, जबकि पंजाब देश के अन्न भंडार में 60 फीसदी हिस्सा डालता है। किसान नायब सिंह ,बलजिंदर सिंह ,गुरचरण सिंह ने कहा कि सतलुज यमुना लिंक नहर बनाने का मुख्य मकसद पंजाब सरकार की और से हरियाणा को पानी देना है, जिसको पंजाब के किसान कभी बरदाशत नही करेगें ।
उक्त मौके किसानों ने आवारा पशूओं कारण होते फसलों्र के नुकसान के लिएं भी जिला प्रशासन व पंजाब सरकार को जिम्मेवार ठहराया । किसान नेता चरणजीत सिंह,सुखमंदर सिंह,राजेद्र सिंह ने कहा कि करोडों रूपएं टैक्स उगराने के बावजूद सरकार इस समस्या का मकुम्मल हल नही कर सकती, जिसका नतीजा किसान अपनी फसलों की बरबादी के रूप में भुगत रहे है। किसान नेता मेजर सिंह ,गुरप्रीतसिंह , सुरजीत सिंह ,बोहड सिंह ,तोता सिंह ,जगसीर सिंह ,बखतोर सिंह ,कुलवंत सिंह ,मेजर सिंह ,गुरादित्त सिंह आदि ने कहा कि अगर किसानों की मांगोंं का हल करते हुएं उनकी फसलों का सही मुल्य ना दिया गया तो आने वाले समय मेंं वह संघर्षके राह चलने पर मजबूर होगें।
उन्होंने कहा कि जब किसान आलू की फसल बेचने के लिएं कोल्ड स्टोरर्ज में लाने की तैयारी करते है तो व्यापारियों की और से पहले ही स्टोर बुक कर लिएं जाते है, जबकि यह स्टोर किसानों की फसल संभालने के लिएं बनाएं जाते है।उन्होंने कहा कि व्यापारियों की उक्त प्रकिया से किसानों को खराब होने के डर से अपनी आलूओं की फसल कोढियों के भाव बेचनी पडती है। किसान नेता गुरलाल सिंह मल्ला व सुरेद्र सिंह मौड ने कहा कि केंद्र की और से गेहू की खरीद को ले कर पंजाब से सोताला सलूक करते हुएं खरीद प्रबंधों में से राज्य को बाहर रखा गया है, जबकि पंजाब देश के अन्न भंडार में 60 फीसदी हिस्सा डालता है। किसान नायब सिंह ,बलजिंदर सिंह ,गुरचरण सिंह ने कहा कि सतलुज यमुना लिंक नहर बनाने का मुख्य मकसद पंजाब सरकार की और से हरियाणा को पानी देना है, जिसको पंजाब के किसान कभी बरदाशत नही करेगें ।
उक्त मौके किसानों ने आवारा पशूओं कारण होते फसलों्र के नुकसान के लिएं भी जिला प्रशासन व पंजाब सरकार को जिम्मेवार ठहराया । किसान नेता चरणजीत सिंह,सुखमंदर सिंह,राजेद्र सिंह ने कहा कि करोडों रूपएं टैक्स उगराने के बावजूद सरकार इस समस्या का मकुम्मल हल नही कर सकती, जिसका नतीजा किसान अपनी फसलों की बरबादी के रूप में भुगत रहे है। किसान नेता मेजर सिंह ,गुरप्रीतसिंह , सुरजीत सिंह ,बोहड सिंह ,तोता सिंह ,जगसीर सिंह ,बखतोर सिंह ,कुलवंत सिंह ,मेजर सिंह ,गुरादित्त सिंह आदि ने कहा कि अगर किसानों की मांगोंं का हल करते हुएं उनकी फसलों का सही मुल्य ना दिया गया तो आने वाले समय मेंं वह संघर्षके राह चलने पर मजबूर होगें।
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