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किसान फाने नहीं जलाए, गौशालाओं को चारे के लिए दें-डीसी
फतेहाबाद। उपायुक्त
डॉ. हरदीप सिंह ने जिलावासियों से आग्रह करते हुए कहा कि पर्यावरण को
बचाना हम सबका कत्र्तव्य बनता है। प्रत्येक व्यक्ति इस ओर विशेष
ध्यान दें। प्रदूषण न होने दे। उन्होंने कहा कि आगामी समय में गेहूं की
फसल कटाई का सीजन शुरू होने जा रहा है।
कुछ किसान एवं नागरिक अज्ञातवश फसल कटाई के बाद खेत में बचे हुए फानों व अवशेषों को आग लगा देते हैं, जिससे पर्यावरण प्रदूषित होता है। उन्होंने बताया कि फसल कटाई के बाद फसल के फाने व अवशेष जलाने से जहरीली गैसों का उत्सर्जन होता है। इसके अलावा मिट्टी में मौजूद मित्र कीटों की कमी के कारण जमीन की उपजाऊ शक्ति भी घट जाती है। गेहूं के फाने जलाने से पशुओं के चारे में भी कमी होती है।
डॉ. हरदीप सिंह ने बताया कि जिला प्रशासन के द्वारा प्रदूषण नियंत्रक बोर्ड के सहयोग से पर्यावरण जागरूकता कार्यक्रमों का आयोजन समय-समय पर किया जाता है। इसके अलावा विभिन्न सार्वजनिक स्थानों जैसे बस अड्डा, हस्पताल, जिला सचिवालय, अनाज मंडी में गेहूं के फाने न जलाने की अपील के बैनर व होर्डिग्स लगाए जाते हैं। उन्होंने बताया कि इसके अलावा प्रशासन द्वारा गेहूं की फसल कटाई के बाद बचे हुए अवशेषों को जलाने पर भी पूर्णतया: प्रतिबंध रहेगा।
यदि कोई भी व्यक्ति फाने या बचे हुए फसली अवशेष जलाता पाया जाता है, तो जिला प्रशासन दोषी व्यक्ति से पर्यावरण को होने वाले नुकसान की भरपाई हेतु जुर्माने व अन्य कानूनी कार्यवाही का भागीदार होगा। उपायुक्त ने किसानों से अपील की कि वे फसल कटाई के बाद गेहूं के बचे हुए अवशेषों को न जलाएं और अपनी नजदीकी नंदीशाला व गौशालाओं में इसे चारे के लिए दें, जो पुण्य का कार्य भी है।
कुछ किसान एवं नागरिक अज्ञातवश फसल कटाई के बाद खेत में बचे हुए फानों व अवशेषों को आग लगा देते हैं, जिससे पर्यावरण प्रदूषित होता है। उन्होंने बताया कि फसल कटाई के बाद फसल के फाने व अवशेष जलाने से जहरीली गैसों का उत्सर्जन होता है। इसके अलावा मिट्टी में मौजूद मित्र कीटों की कमी के कारण जमीन की उपजाऊ शक्ति भी घट जाती है। गेहूं के फाने जलाने से पशुओं के चारे में भी कमी होती है।
डॉ. हरदीप सिंह ने बताया कि जिला प्रशासन के द्वारा प्रदूषण नियंत्रक बोर्ड के सहयोग से पर्यावरण जागरूकता कार्यक्रमों का आयोजन समय-समय पर किया जाता है। इसके अलावा विभिन्न सार्वजनिक स्थानों जैसे बस अड्डा, हस्पताल, जिला सचिवालय, अनाज मंडी में गेहूं के फाने न जलाने की अपील के बैनर व होर्डिग्स लगाए जाते हैं। उन्होंने बताया कि इसके अलावा प्रशासन द्वारा गेहूं की फसल कटाई के बाद बचे हुए अवशेषों को जलाने पर भी पूर्णतया: प्रतिबंध रहेगा।
यदि कोई भी व्यक्ति फाने या बचे हुए फसली अवशेष जलाता पाया जाता है, तो जिला प्रशासन दोषी व्यक्ति से पर्यावरण को होने वाले नुकसान की भरपाई हेतु जुर्माने व अन्य कानूनी कार्यवाही का भागीदार होगा। उपायुक्त ने किसानों से अपील की कि वे फसल कटाई के बाद गेहूं के बचे हुए अवशेषों को न जलाएं और अपनी नजदीकी नंदीशाला व गौशालाओं में इसे चारे के लिए दें, जो पुण्य का कार्य भी है।
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