Fake call centre busted in Kanpur, 4 held for duping US citizens.-m.khaskhabar.com
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कानपुर में फर्जी कॉल सेंटर का भंडाफोड़, अमेरिकी नागरिकों को ठगने के आरोप में 4 गिरफ्तार

khaskhabar.com : गुरुवार, 15 जुलाई 2021 12:18 PM (IST)
कानपुर में फर्जी कॉल सेंटर का भंडाफोड़, अमेरिकी नागरिकों को ठगने के आरोप में 4 गिरफ्तार
कानपुर। कानपुर के काकादेव इलाके में एक फर्जी अंतरराष्ट्रीय कॉल सेंटर चलाने और 12,000 अमेरिकी नागरिकों का डेटा हैक करके कम से कम 9 लाख डॉलर (67 करोड़ रुपये) ठगने के आरोप में चार लोगों को गिरफ्तार किया गया है। गिरफ्तारियां बुधवार को की गईं और गिरोह का सरगना पुणे विश्वविद्यालय से सॉफ्टवेयर इंजीनियर है और मोबाइल हैकिंग का विशेषज्ञ है।

पुलिस ने गिरोह के कॉल सेंटर पर छापा मारा और कई फोन, कंप्यूटर हार्ड डिस्क और एटीएम कार्ड बरामद किए।

पुलिस कमिश्नर असीम अरुण ने कहा कि धोखेबाज कॉल सेंटर के जरिए लोगों के मोबाइल फोन हैक कर अमेरिका में लोगों को डॉलर में ठग रहे थे। मास्टरमाइंड मुनेंद्र शर्मा पुणे यूनिवर्सिटी का सॉफ्टवेयर इंजीनियर है और नोएडा का रहने वाला है, संजीव फिरोजाबाद का रहने वाला है, प्रतापगढ़ निवासी जिकरुल्ला और बिहार निवासी सूरज सुमन भी गिरोह में शामिल हैं।

अधिकारी ने बताया कि पुलिस ने उनके पास से 27 हार्ड डिस्क, विभिन्न बैंकों के छह एटीएम कार्ड, पासपोर्ट, आधार कार्ड, ड्राइविंग लाइसेंस, पांच एंड्रॉइड फोन, अमेरिकन एक्सप्रेस बैंक डेबिट कार्ड, दो पैन कार्ड, होटल ताज सदस्यता कार्ड बरामद किया है।

अधिकारी के अनुसार, जैसे ही अमेरिकी नागरिक किसी भी साइट पर ब्लिंकिंग विज्ञापनों पर क्लिक करते थे, जैसे मोटापा कम करना, पेट कम करना, घुटनों को मजबूत करना, लंबाई बढ़ाना या बालों का गिरना बंद करना, तो उनके मोबाइल पर एक मैलवेयर अपलोड हो जाता था। पॉप-अप संदेश बार-बार स्क्रीन पर दिखने लगते थे, जिससे मोबाइल उपयोगकर्ता को असुविधा होगी। कष्टप्रद पॉप अप के साथ एक हेल्पलाइन नंबर आएगा और जैसे ही पीड़ित ने नंबर पर कॉल किया और गिरोह वायरस को साफ करने और अपनी सेवा देने के लिए डॉलर में शुल्क मांगता था।

अधिकारी ने कहा कि उपयोगकर्ता ने निर्दिष्ट खाते में धन हस्तांतरित किया, जिसके बाद उसे तकनीकी सहायता के लिए कुछ ऐप डाउनलोड करने के लिए कहा गया था। जैसे ही उपयोगकर्ता ने ऐप डाउनलोड किया, फोन हैक हो गया।

चूंकि कॉल करने वाले का मोबाइल पहले ही हैक हो चुका था, इसलिए गैंगस्टर रिमोट एक्सेस पर अकाउंट डिटेल्स के एचटीएमएल में जाकर कोडिंग बदल देते थे।

पुलिस ने कहा कि इसके बाद वे यूजर के फोन पर ऑनलाइन ट्रांजेक्शन के फर्जी मैसेज भेजते थे। इस मैसेज में रकम रिफंड की जाने वाली रकम से कई गुना ज्यादा दिखाई गई, जबकि हकीकत में कोई रकम ट्रांसफर नहीं हुई। उसी समय, उपयोगकर्ता को लगे कि उसे और अधिक पैसा वापस कर दिया गया है।

--आईएएनएस

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