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लावारिस बुजुर्ग महिला का अंतिम संस्कार कर डीएम ने कायम की मिसाल
फैजाबाद। उत्तर प्रदेश के फैजाबाद जिलाधिकारी अनिल कुमार पाठक ने एक माह पहले सोहावल तहसील के पास घायल अवस्था में सड़क के किनारे पड़ी दर्द से कराह रही एक बूढ़ी महिला को उठाकर हॉस्पिटल पहुंचाया। कुछ दिन तक महिला का इलाज चला, लेकिन वह बच नहीं सकी। दोनों एक दूसरे के लिए अनजान थे लेकिन एक महीने तक हॉस्पिटल में रहने के दौरान दोनों के बीच एक इमोशनल रिश्ता बन गया। इसी लगाव की वजह से महिला की मौत के बाद उस पाठक ने महिला की चिता को आग दी और उसका अंतिम संस्कार किया। पाठक ने हिंदू रीति रिवाजों के मुताबिक उनका दाह संस्कार किया।
फैजाबाद जिलाधिकारी अनिल कुमार पाठक ने महिला को न सिर्फ जिला अस्पताल पहुंचाया बल्कि उसके टूटे हुए जबड़े को सही करने के लिए लखनऊ से सर्जन भी बुलाए। महिला को ठीक करने की कोशिश तो हुई लेकिन उन्हें बचाया नहीं जा सकाा।
पाठक ने कहा, 'एक इंसान के तौर पर यह मेरी जिम्मेदारी थी। वह एक महीने तक हॉस्पिटल में रहीं लेकिन ना ही कोई उनसे मिलने आया और ना ही किसी ने पुलिस में उनकी गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज कराई।'
फैजाबाद जिलाधिकारी अनिल कुमार पाठक ने महिला को न सिर्फ जिला अस्पताल पहुंचाया बल्कि उसके टूटे हुए जबड़े को सही करने के लिए लखनऊ से सर्जन भी बुलाए। महिला को ठीक करने की कोशिश तो हुई लेकिन उन्हें बचाया नहीं जा सकाा।
पाठक ने कहा, 'एक इंसान के तौर पर यह मेरी जिम्मेदारी थी। वह एक महीने तक हॉस्पिटल में रहीं लेकिन ना ही कोई उनसे मिलने आया और ना ही किसी ने पुलिस में उनकी गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज कराई।'
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