Advertisement
लोकतत्र को मजबूत करने में हर नागरिक अहम भूमिका: अतिरिक्त मुख्य सचिव
पंचकूला। हरियाणा राजस्व विभाग की अतिरिक्त मुख्य सचिव केशनी आनंद अरोड़ा ने कहा कि लोकतत्र को मजबूत करने में हर नागरिक की अपनी अहम भूमिका होती है। आज के युग में पुरुषों के साथ-साथ महिलाओं की भूमिका को बढ़ाना भी हम सबका सामूहिक कर्तव्य है। उन्होंने कहा कि मताधिकार का प्रयोग महिला सशक्तिकरण के लिए भी आवश्यक है। केशनी आनंद अरोड़ा गुरूवार को यहां पंचकूला के सेक्टर-1 स्थित राजकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय में अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस के उपलक्ष्य में निर्वाचन विभाग द्वारा आयोजित मतदाता जागरुकता कार्यक्रम को बतौर मुख्यातिथि संबोधित कर रही थी।
उन्होंने मतदान के क्षेत्र में महिलाओं की बढती हुई भागीदारी पर प्रसन्नता जाहिर की और इसमें और अधिक प्रोत्साहन की आवश्यकता पर बल दिया। उन्होंने कहा कि वर्ष 1962 में महिलाओं का मतदान प्रतिशत 47.6 प्रतिशत था जो 2014 में बढ़ कर 65.6 प्रतिशत हो गया है। उन्होंने कहा कि भारत विश्व का सबसे बड़ा लोकतं़त्र है और भारत में महिलाओं को मत करने का अधिकार बहुत पहले मिल गया था जबकि ग्रीस में 1952 और स्वीटजरलैंड में 1971 में महिलाओं को वोट करने का अधिकार प्राप्त हुआ था।
उन्होंने कहा कि एक मतदाता के तौर पर हमारा यह कर्तव्य बनता है कि हम वोट जरुर बनवाएं और वोट डालें। इसके साथ ही सबसे बड़़ा कर्तव्य सही व्यक्ति या सही पार्टी को वोट डालना है ताकि लोकतांत्रिक व्यवस्था सही तरीके से चलती रही। उन्होंने कहा कि निर्वाचन आयोग का लक्ष्य भी है कि इस बार सौ प्रतिशत मतदान होना चाहिए। उन्होंने कहा कि भारत निर्वाचन आयोग को 2.8 लाख महिलाओं के नाम मतदाता सूचियों से काटने पड़े थे क्योंकि मतदाता सूचियों में महिलाओं का सीधे तौर पर नाम दर्ज नही होने की बजाय उनकी पहचान पिता अथवा या पति के नाम से थी। उन्होंने महिलाओं से अपील करते हुए कहा कि मतदाता सूची में महिलाएं अपना नाम दर्ज करवाएं और अपनी पहचान से अपना वोट डालें। महिलाओं को पुरुषों से आगे बढक़र वोट डालना है।
उन्होंने मतदान के क्षेत्र में महिलाओं की बढती हुई भागीदारी पर प्रसन्नता जाहिर की और इसमें और अधिक प्रोत्साहन की आवश्यकता पर बल दिया। उन्होंने कहा कि वर्ष 1962 में महिलाओं का मतदान प्रतिशत 47.6 प्रतिशत था जो 2014 में बढ़ कर 65.6 प्रतिशत हो गया है। उन्होंने कहा कि भारत विश्व का सबसे बड़ा लोकतं़त्र है और भारत में महिलाओं को मत करने का अधिकार बहुत पहले मिल गया था जबकि ग्रीस में 1952 और स्वीटजरलैंड में 1971 में महिलाओं को वोट करने का अधिकार प्राप्त हुआ था।
उन्होंने कहा कि एक मतदाता के तौर पर हमारा यह कर्तव्य बनता है कि हम वोट जरुर बनवाएं और वोट डालें। इसके साथ ही सबसे बड़़ा कर्तव्य सही व्यक्ति या सही पार्टी को वोट डालना है ताकि लोकतांत्रिक व्यवस्था सही तरीके से चलती रही। उन्होंने कहा कि निर्वाचन आयोग का लक्ष्य भी है कि इस बार सौ प्रतिशत मतदान होना चाहिए। उन्होंने कहा कि भारत निर्वाचन आयोग को 2.8 लाख महिलाओं के नाम मतदाता सूचियों से काटने पड़े थे क्योंकि मतदाता सूचियों में महिलाओं का सीधे तौर पर नाम दर्ज नही होने की बजाय उनकी पहचान पिता अथवा या पति के नाम से थी। उन्होंने महिलाओं से अपील करते हुए कहा कि मतदाता सूची में महिलाएं अपना नाम दर्ज करवाएं और अपनी पहचान से अपना वोट डालें। महिलाओं को पुरुषों से आगे बढक़र वोट डालना है।
ये भी पढ़ें - अपने राज्य / शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
Advertisement
Advertisement
पंचकुला़
हरियाणा से
सर्वाधिक पढ़ी गई
Advertisement