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हर विधानसभा में एक खेल मैदान बनेगा-सरवीन चौधरी
धर्मशाला। शहरी विकास, आवास एवं नगर नियोजन मंत्री सरवीन चौधरी ने कहा कि
प्रदेश सरकार मुख्यमंत्री खेल विकास योजना शुरू करने जा रही है जिसके
अन्तर्गत राज्य सरकार प्रत्येक विधानसभा क्षेत्र में एक खेल का मैदान
विकसित करेगी। वर्तमान वित्त वर्ष में इस योजना के लिए 6.80 करोड़ रुपए बजट
का प्रावधान किया गया है। वे आज शाहपुर विधानसभा क्षेत्र के शिक्षा खंड रैत
के अन्तर्गत राजकीय उच्च पाठशाला प्रेई में आयोजित तीन दिवसीय अंडर-14
खेल-कूद प्रतियोगिता के शुभारंभ अवसर पर बतौर मुख्यातिथि शिरकत करते हुए
बोल रही थीं।
इस तीन दिवसीय खेल-कूद प्रतियोगिता में 24 स्कूलों के 400 प्रतिभागी भाग ले रहे हैं जिसमें 266 छात्र तथा 134 छात्राएं शामिल हैं। शहरी विकास मंत्री ने कहा कि सरकार का प्रयास है कि युवा विकास एवं कल्याण सरकार के विकास कार्यक्रमों का अभिन्न अंग हो। सरकार युवा शक्ति को हिमाचल के विकास का महत्वपूर्ण घटक मानती है। उन्होंने कहा कि हमारे प्रदेश के युवा हर क्षेत्र में अपना एवं प्रदेश का नाम रोशन कर रहे हैं और सरकार युवा प्रतिभाओं को उत्थान के भरपूर अवसर प्रदान करने के लिए कृतसंकल्प है।
शहरी विकास मंत्री ने अध्यापकों से विद्यार्थियों को गुणात्मक शिक्षा प्रदान करने के साथ-साथ उनके व्यक्तित्व विकास का आह्वान करते हुए कहा कि युवा देश के भविष्य निर्माता हैं और उनकी बहुमुखी प्रतिभा को निखारा जाना चाहिए। उन्होंने बच्चों के मानसिक, शारीरिक तथा बौद्धिक विकास के लिए शिक्षा के साथ-साथ खेलों तथा अन्य सांस्कृतिक गतिविधियों में सक्रिय भागीदारी की आवश्यकता पर बल दिया।
इस तीन दिवसीय खेल-कूद प्रतियोगिता में 24 स्कूलों के 400 प्रतिभागी भाग ले रहे हैं जिसमें 266 छात्र तथा 134 छात्राएं शामिल हैं। शहरी विकास मंत्री ने कहा कि सरकार का प्रयास है कि युवा विकास एवं कल्याण सरकार के विकास कार्यक्रमों का अभिन्न अंग हो। सरकार युवा शक्ति को हिमाचल के विकास का महत्वपूर्ण घटक मानती है। उन्होंने कहा कि हमारे प्रदेश के युवा हर क्षेत्र में अपना एवं प्रदेश का नाम रोशन कर रहे हैं और सरकार युवा प्रतिभाओं को उत्थान के भरपूर अवसर प्रदान करने के लिए कृतसंकल्प है।
शहरी विकास मंत्री ने अध्यापकों से विद्यार्थियों को गुणात्मक शिक्षा प्रदान करने के साथ-साथ उनके व्यक्तित्व विकास का आह्वान करते हुए कहा कि युवा देश के भविष्य निर्माता हैं और उनकी बहुमुखी प्रतिभा को निखारा जाना चाहिए। उन्होंने बच्चों के मानसिक, शारीरिक तथा बौद्धिक विकास के लिए शिक्षा के साथ-साथ खेलों तथा अन्य सांस्कृतिक गतिविधियों में सक्रिय भागीदारी की आवश्यकता पर बल दिया।
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