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निर्वाचन आयोग के आयुक्त ने की राजनैतिक दलों के प्रतिनिधियों के साथ बैठक
जयपुर। राज्य निर्वाचन आयोग के आयुक्त पीएस मेहरा ने कहा कि नवंबर माह में होने वाले नगर निकाय चुनाव को स्वतंत्र-निष्पक्ष और शांतिपूर्ण तरीके से सम्पन्न करवाने के साथ में राजनैतिक दल बेहतर भूमिका निभाते हैं। उन्होंने कहा कि सभी दल चुनावी प्रक्रिया के दौरान आचार संहिता का भी कड़ाई से पालन करवाएं।
मेहरा मंगलवार को शासन सचिवालय परिसर में आयोजित राजनैतिक दलों के प्रतिनिधियों के साथ बैठक को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि 18 अक्टूबर को मतदाता सूचियों का अंतिम प्रकाशन कर दिया गया है लेकिन फिर भी कोई मतदाता किन्हीं कारणों से मतदाता सूची में अपना नाम जुड़वाने से वंचित रह गया हो तो नामांकन की तिथि से 10 पूर्व तक आवेदन कर सकता है। उन्होंने बताया कि मतदाता सूची में नाम, मतदान केंद्र, भाग संख्या आदि की जानकारी एक क्लिक पर उपलब्ध करवाने के लिए आयोेग एसएमएस सुविधा भी उपलब्ध करवाई है। इसका प्रचार-प्रसार भी किया जा रहा है।
आयुक्त ने बताया कि मतदाता सूचियों के अंतिम प्रकाशन के बाद 49 नगर निकायों में होने वाले चुनाव में कुल 32 लाख 99 हजार 337 मतदाता अपने मताधिकार का इस्तेमाल कर सकेंगे। इनमें 17 लाख 1 हजार 92 पुरुष, 15 लाख 97 हजार 998 महिला और 47 तृतीय लिंग मतदाता हैं। उन्होंने कहा कि इसमें 2 हजार 105 वार्ड और 3 हजार 479 मतदान केंद्र हैं।
आयोग के आयुक्त ने कहा कि चुनाव में आदर्श आचार संहिता की पालना राजनैतिक दलों के सहयोग से बेहतर तरीके से हो सकती है। इस दौरान आयोग द्वारा चुनाव चिन्ह के लिए जारी की गई अधिसूचना, पोस्ट-बैनर आदि के निर्बंधन या प्रतिबंध के लिए आयोग द्वारा जारी अधिसूचना, नगर पालिका अध्यक्ष का चुनाव प्रत्यक्ष रीति के स्थान पर अप्रत्यक्ष होने संबंधी नियमों के संशोधन, निर्वाचनों में अभ्यर्थियों के लिए निरर्हर्ता की जानकारी, राजनैतिक दलों की राज्य इकाई का अध्यक्ष और जहां राज्य इकाई का अध्यक्ष पद नहीं है वहां सचिव का नाम और उसके नमूने के हस्ताक्षर आयोग एवं संबंधित रिटर्निंग अधिकारियों को प्रेषित करने सहित कई अन्य विषयों पर विस्तार से चर्चा की गई।
चर्चा के दौरान सभी राजनीतिक दलों के प्रतिनिधियों ने आश्वस्त किया कि वे निर्वाचन आयोग से प्राप्त सूचनाओं को पार्टी के कार्यकर्ताओं तक समय सीमा पहुंचाकर और उन्हें चुनावी प्रक्रिया के बारे में पूर्ण रूप से जागरूक करने का प्रयास करेंगे। इस दौरान कई राजनैतिक दलों के प्रतिनिधियों ने आयोग को कुछ सुझाव भी दिए।
इस दौरान आयोग के उप सचिव अशोक जैन सहित कई अधिकारीगण मौजूद थे।
इससे पूर्व आयुक्त ने कार्मिक, सामान्य प्रशासन और स्वायत्त शासन विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों से निर्वाचन कार्य में नियोजित होने वाले अधिकारियों के रिक्त पद भरने, पर्यवेक्षकों की नियुक्ति के लिए अधिकारियों की सूची उपलब्ध कराने, गत चार वर्षों में से तीन वर्ष से अधिक ठहराव अथवा गृह जिले में पदस्थापित अधिकारियों के स्थानांतरण करने, निर्वाचन कार्य के लिए कार्मिकों की उपलब्धता, आचार संहिता के प्रावधानों को लागू करने आदि कई विषयों पर विस्तार से चर्चा की और आवश्यक निर्देश भी दिए।
मेहरा मंगलवार को शासन सचिवालय परिसर में आयोजित राजनैतिक दलों के प्रतिनिधियों के साथ बैठक को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि 18 अक्टूबर को मतदाता सूचियों का अंतिम प्रकाशन कर दिया गया है लेकिन फिर भी कोई मतदाता किन्हीं कारणों से मतदाता सूची में अपना नाम जुड़वाने से वंचित रह गया हो तो नामांकन की तिथि से 10 पूर्व तक आवेदन कर सकता है। उन्होंने बताया कि मतदाता सूची में नाम, मतदान केंद्र, भाग संख्या आदि की जानकारी एक क्लिक पर उपलब्ध करवाने के लिए आयोेग एसएमएस सुविधा भी उपलब्ध करवाई है। इसका प्रचार-प्रसार भी किया जा रहा है।
आयुक्त ने बताया कि मतदाता सूचियों के अंतिम प्रकाशन के बाद 49 नगर निकायों में होने वाले चुनाव में कुल 32 लाख 99 हजार 337 मतदाता अपने मताधिकार का इस्तेमाल कर सकेंगे। इनमें 17 लाख 1 हजार 92 पुरुष, 15 लाख 97 हजार 998 महिला और 47 तृतीय लिंग मतदाता हैं। उन्होंने कहा कि इसमें 2 हजार 105 वार्ड और 3 हजार 479 मतदान केंद्र हैं।
आयोग के आयुक्त ने कहा कि चुनाव में आदर्श आचार संहिता की पालना राजनैतिक दलों के सहयोग से बेहतर तरीके से हो सकती है। इस दौरान आयोग द्वारा चुनाव चिन्ह के लिए जारी की गई अधिसूचना, पोस्ट-बैनर आदि के निर्बंधन या प्रतिबंध के लिए आयोग द्वारा जारी अधिसूचना, नगर पालिका अध्यक्ष का चुनाव प्रत्यक्ष रीति के स्थान पर अप्रत्यक्ष होने संबंधी नियमों के संशोधन, निर्वाचनों में अभ्यर्थियों के लिए निरर्हर्ता की जानकारी, राजनैतिक दलों की राज्य इकाई का अध्यक्ष और जहां राज्य इकाई का अध्यक्ष पद नहीं है वहां सचिव का नाम और उसके नमूने के हस्ताक्षर आयोग एवं संबंधित रिटर्निंग अधिकारियों को प्रेषित करने सहित कई अन्य विषयों पर विस्तार से चर्चा की गई।
चर्चा के दौरान सभी राजनीतिक दलों के प्रतिनिधियों ने आश्वस्त किया कि वे निर्वाचन आयोग से प्राप्त सूचनाओं को पार्टी के कार्यकर्ताओं तक समय सीमा पहुंचाकर और उन्हें चुनावी प्रक्रिया के बारे में पूर्ण रूप से जागरूक करने का प्रयास करेंगे। इस दौरान कई राजनैतिक दलों के प्रतिनिधियों ने आयोग को कुछ सुझाव भी दिए।
इस दौरान आयोग के उप सचिव अशोक जैन सहित कई अधिकारीगण मौजूद थे।
इससे पूर्व आयुक्त ने कार्मिक, सामान्य प्रशासन और स्वायत्त शासन विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों से निर्वाचन कार्य में नियोजित होने वाले अधिकारियों के रिक्त पद भरने, पर्यवेक्षकों की नियुक्ति के लिए अधिकारियों की सूची उपलब्ध कराने, गत चार वर्षों में से तीन वर्ष से अधिक ठहराव अथवा गृह जिले में पदस्थापित अधिकारियों के स्थानांतरण करने, निर्वाचन कार्य के लिए कार्मिकों की उपलब्धता, आचार संहिता के प्रावधानों को लागू करने आदि कई विषयों पर विस्तार से चर्चा की और आवश्यक निर्देश भी दिए।
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