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बीस सूत्री कार्यक्रम में बदलाव कर और मजबूत किए जाने के प्रयास जरूरी- बीसूका उपाध्यक्ष
जयपुर । बीस सूत्री कार्यक्रम की राज्यस्तरीय क्रियान्वयन एवं समन्वय
समिति के उपाध्यक्ष डॉ. चंद्रभान ने कहा कि आज से 47 वर्ष पूर्व सन् 1975
में गरीबी और आर्थिक शोषण को कम करने और समाज के कमजोर वर्ग के उत्थान के
लिए प्रारंभ किए गए बीस सूत्री कार्यक्रम को वर्तमान परिप्रेक्ष्य में
बदलाव कर मजबूत किए जाने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि हम आजादी के 75 वर्ष
का उत्सव मना रहे हैं और हर जरूरतमंद को मुख्यधारा से जोड़ने का हर संभव
प्रयास कर रहे हैं ताकि उन्हें एहसास हो कि हम आजाद देश के रहवासी हैं।
डॉ. चंद्रभान बुधवार को यहां शासन सचिवालय में प्रदेश के सभी जिलों के मुख्य आयोजना अधिकारियों के साथ बीस सूत्री कार्यक्रम की समीक्षा के लिए आयोजित बैठक की अध्यक्षता कर रहे थे।
उन्होंने कहा कि वर्तमान में बढ़ती आबादी के साथ गरीबों की संख्या भले ही बढ़ी हो लेकिन आज आम आदमी भूखा नहीं सो रहा है। प्रदेश की प्रभावी फ्लैगशिप योजनाओं से जरूरतमंद को अनाज, मनरेगा से काम, निशुल्क दवा, निशुल्क जांच और निशुल्क स्वास्थ्य सुविधाएं, घर बैठे पानी जैसी सुविधाएं मिल रही हैं। उन्होंने कहा कि देश में मध्यमवर्ग, उच्च मध्यम वर्ग और अमीरों की संख्या भी बढ़ी है।
डॉ. चंद्रभान ने कहा कि गरीबी, अशिक्षा, असमानता, बेरोजगारी का सबसे प्रमुख कारण जनसंख्या विस्फोट है। उन्होंने कहा कि इस मुद्दे पर देश में बहस और नई आर्थिक नीति का निर्माण जरूरी है।
बीसूका उपाध्यक्ष ने कहा कि बीस सूत्री कार्यक्रमों की गहनता से मॉनिटरिंग के लिए वे राज्य के 18 जिलों में गए हैं। उन्होंने कहा कि शेष जिलों का दौरा भी वे जल्द करेंगे। उन्होंने कहा कि आने वाले सालों में गरीबी को पूरी तरह से हटाने के लिए बीस सूत्री कार्यक्रम की सही प्लानिंग, क्रियान्वित और जिलों में पद स्थापित सभी मुख्य आयोजना अधिकारियों के मध्य समन्वय आवश्यक है। उन्होंने सभी जिला अधिकारियों को निर्देश देते हुए कहा कि बीसूका को प्रभावी बनाने के सुझाव दें। साथ ही कार्यक्रम के तहत होने वाले कार्यों का भौतिक सत्यापन करें और ऎसी व्यूह रचना तैयार करें जिससे योजनाओं को जमीनी स्तर पर लागू किया जा सके।
डॉ. चंद्रभान ने बीस सूत्री कार्यक्रम के अंतर्गत गठित जिला प्रथम एवं द्वितीय स्तरीय समितियों की मासिक बैठक समय पर आयोजित करने के निर्देश दिए।
डॉ. चंद्रभान बुधवार को यहां शासन सचिवालय में प्रदेश के सभी जिलों के मुख्य आयोजना अधिकारियों के साथ बीस सूत्री कार्यक्रम की समीक्षा के लिए आयोजित बैठक की अध्यक्षता कर रहे थे।
उन्होंने कहा कि वर्तमान में बढ़ती आबादी के साथ गरीबों की संख्या भले ही बढ़ी हो लेकिन आज आम आदमी भूखा नहीं सो रहा है। प्रदेश की प्रभावी फ्लैगशिप योजनाओं से जरूरतमंद को अनाज, मनरेगा से काम, निशुल्क दवा, निशुल्क जांच और निशुल्क स्वास्थ्य सुविधाएं, घर बैठे पानी जैसी सुविधाएं मिल रही हैं। उन्होंने कहा कि देश में मध्यमवर्ग, उच्च मध्यम वर्ग और अमीरों की संख्या भी बढ़ी है।
डॉ. चंद्रभान ने कहा कि गरीबी, अशिक्षा, असमानता, बेरोजगारी का सबसे प्रमुख कारण जनसंख्या विस्फोट है। उन्होंने कहा कि इस मुद्दे पर देश में बहस और नई आर्थिक नीति का निर्माण जरूरी है।
बीसूका उपाध्यक्ष ने कहा कि बीस सूत्री कार्यक्रमों की गहनता से मॉनिटरिंग के लिए वे राज्य के 18 जिलों में गए हैं। उन्होंने कहा कि शेष जिलों का दौरा भी वे जल्द करेंगे। उन्होंने कहा कि आने वाले सालों में गरीबी को पूरी तरह से हटाने के लिए बीस सूत्री कार्यक्रम की सही प्लानिंग, क्रियान्वित और जिलों में पद स्थापित सभी मुख्य आयोजना अधिकारियों के मध्य समन्वय आवश्यक है। उन्होंने सभी जिला अधिकारियों को निर्देश देते हुए कहा कि बीसूका को प्रभावी बनाने के सुझाव दें। साथ ही कार्यक्रम के तहत होने वाले कार्यों का भौतिक सत्यापन करें और ऎसी व्यूह रचना तैयार करें जिससे योजनाओं को जमीनी स्तर पर लागू किया जा सके।
डॉ. चंद्रभान ने बीस सूत्री कार्यक्रम के अंतर्गत गठित जिला प्रथम एवं द्वितीय स्तरीय समितियों की मासिक बैठक समय पर आयोजित करने के निर्देश दिए।
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