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ईस्टर्न पेरीफेरल एक्सप्रेस पर चोरों का आतंक, उड़ा ले गए सामान
बागपत। 27 मई को यूपी के बागपत में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने केन्द्र सरकार की महत्वकांक्षी योजना यानी ईस्टर्न पेरीफेरल एक्सप्रेस वे का उद्घाटन किया था। लेकिन अभी उसके उद्घाटन को एक महीना भी नहीं बीता कि चोरों की नजर उस पर पड़ गई। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के ड्रीम प्रोजेक्ट ईस्टर्न पेरीफेरल एक्सप्रेस-वे के उद्घाटन के 20 दिन के अंदर ही चोर करीब ढाई करोड़ के माल पर हाथ साफ कर चुके हैं। चोरों ने सोलर पैनल हो या फव्वारा, एक्सप्रेसवे की बाड़ हो या साज-सज्जा का सामान तक उड़ा ले गए।
ईस्टर्न पेरीफेरल एक्सप्रेसवे देश का पहला सौर-ऊर्जा संचालित 135 किमी लंबे हाईवे पर करीब 4000 किलोवाट सौर-ऊर्जा से जगमगा रहा था। लेकिन चोर इस तरह के सोलर पैनल को ही उखाड़ ले गए हैं। कहीं पैनल नहीं उखाड़ पाए तो वहां इस तरह के बॉक्स में रखी कन्वर्टर बैटरी को ही चुरा ले गए।
बागपत से डासना के बीच करीब 50 किमी में इस तरह 250 सोलर पैनल लगाए गए थे, जिनमें आधे से ज्यादा सोलर पैनल या बैटरी चोरी हो चुके हैं। एक सोलर पैनल की कीमत डेढ़ लाख के करीब है। इस सोलर पैनल का काम ऊर्जा को इस बैटरी में संचित करती थी, जिससे इस तरह के अंडर पास में रोशनी करना था, ताकि अंडरपास से गुजरने वाले राहगीरों को अंधेरे का सामना न करना पड़े। सोलर पैनल ही नहीं इसके जरिए अंडर पास को रोशनी देने वाली मरकरी लाइट ही चोरी हो चुकी है। इस तरह की मरकरी मावी कलां गांव जाने वाले इस अंडर पास में लगी थी, लेकिन अब यहां इसका नामो निशान ही नहीं है।
यहां चार मर्करी लगी थी दो बार कंपनी वालों ने लगाया कि लेकिन सब चोरी हो गई। बैटरी भी चोर उठा ले गए। मर्करी लाइट के साथ-साथ प्लास्टिक पाइप काटकर कई मीटर तक बिजली के तार भी चोर चुरा ले गए। ईस्टर्न पेरीफेरल एक्सप्रेस वे पर चोरी के एक से बढक़र एक नमूने दिखाई दिए। ईस्टर्न पेरीफेरल की सुंदरता को बढ़ाने के लिए करीब 40 लाख रुपए के ये फव्वारे लगाए गए हैं। कभी इस तरह के फव्वारे यहां भी लगे थे। अब चोरी हुए फव्वारों की गिनती का काम चल रहा है। यह बागपत की सीमा पर है। इस तरह के बड़े फाउंटेन को यहां लगाया गया था लेकिन एक भी फाउंटेन को यहां चोरों ने नहीं छोड़ा। इस तरह की लाइटें भी उखाड़ ले गए।
चपरासी सोमदत्त का कहना है कि रात के वक्त चोरी होती है। हमने खबर दी तब दो घंटे बाद यहां पुलिस आई थी। ईस्टर्न पेरीफेरल एक्सप्रेस वे में ऐतिहासिक स्मारकों के इस तरह के 36 मिनिएचर लगाए गए हैं। यहां कभी इस तरह का वीर जवान ज्योति का मिनिएचर था, लेकिन जयपुर से करीब 6 लाख रुपए में आए वीरजवान ज्योति को ही चोरी कर लिया गया।
एक्सप्रेसवे को हराभरा रखने के लिए पौधे लगाए हैं। इसे भी चोर उखाड़ कर ले गए, लेकिन ईस्टर्न पेरीफेरल एक्सप्रेस वे में हो रही चोरी से महज पैसों का नुकसान नहीं बल्कि ये चोरी जानलेवा साबित हो रही है।
एक्सप्रेस वे में आवारा पशु न आए। इसके लिए इस तरह की लोहे की चारदीवारी लगाई गई है लेकिन कई जगह से लोहे के तार इस तरह से गायब है। इस चोरी के कारण आवारा पशु सडक़ों पर आ जाते हैं जो इस तरह की खतरनाक दुर्घटनाओं का कारण बनते हैं। बता दे, बीते 2 जून यहां एक हादसा हुआ, जिसमें चार लोग घायल हो गए और एक की मौत हो गई।
ईस्टर्न पेरीफेरल एक्सप्रेसवे देश का पहला सौर-ऊर्जा संचालित 135 किमी लंबे हाईवे पर करीब 4000 किलोवाट सौर-ऊर्जा से जगमगा रहा था। लेकिन चोर इस तरह के सोलर पैनल को ही उखाड़ ले गए हैं। कहीं पैनल नहीं उखाड़ पाए तो वहां इस तरह के बॉक्स में रखी कन्वर्टर बैटरी को ही चुरा ले गए।
बागपत से डासना के बीच करीब 50 किमी में इस तरह 250 सोलर पैनल लगाए गए थे, जिनमें आधे से ज्यादा सोलर पैनल या बैटरी चोरी हो चुके हैं। एक सोलर पैनल की कीमत डेढ़ लाख के करीब है। इस सोलर पैनल का काम ऊर्जा को इस बैटरी में संचित करती थी, जिससे इस तरह के अंडर पास में रोशनी करना था, ताकि अंडरपास से गुजरने वाले राहगीरों को अंधेरे का सामना न करना पड़े। सोलर पैनल ही नहीं इसके जरिए अंडर पास को रोशनी देने वाली मरकरी लाइट ही चोरी हो चुकी है। इस तरह की मरकरी मावी कलां गांव जाने वाले इस अंडर पास में लगी थी, लेकिन अब यहां इसका नामो निशान ही नहीं है।
यहां चार मर्करी लगी थी दो बार कंपनी वालों ने लगाया कि लेकिन सब चोरी हो गई। बैटरी भी चोर उठा ले गए। मर्करी लाइट के साथ-साथ प्लास्टिक पाइप काटकर कई मीटर तक बिजली के तार भी चोर चुरा ले गए। ईस्टर्न पेरीफेरल एक्सप्रेस वे पर चोरी के एक से बढक़र एक नमूने दिखाई दिए। ईस्टर्न पेरीफेरल की सुंदरता को बढ़ाने के लिए करीब 40 लाख रुपए के ये फव्वारे लगाए गए हैं। कभी इस तरह के फव्वारे यहां भी लगे थे। अब चोरी हुए फव्वारों की गिनती का काम चल रहा है। यह बागपत की सीमा पर है। इस तरह के बड़े फाउंटेन को यहां लगाया गया था लेकिन एक भी फाउंटेन को यहां चोरों ने नहीं छोड़ा। इस तरह की लाइटें भी उखाड़ ले गए।
चपरासी सोमदत्त का कहना है कि रात के वक्त चोरी होती है। हमने खबर दी तब दो घंटे बाद यहां पुलिस आई थी। ईस्टर्न पेरीफेरल एक्सप्रेस वे में ऐतिहासिक स्मारकों के इस तरह के 36 मिनिएचर लगाए गए हैं। यहां कभी इस तरह का वीर जवान ज्योति का मिनिएचर था, लेकिन जयपुर से करीब 6 लाख रुपए में आए वीरजवान ज्योति को ही चोरी कर लिया गया।
एक्सप्रेसवे को हराभरा रखने के लिए पौधे लगाए हैं। इसे भी चोर उखाड़ कर ले गए, लेकिन ईस्टर्न पेरीफेरल एक्सप्रेस वे में हो रही चोरी से महज पैसों का नुकसान नहीं बल्कि ये चोरी जानलेवा साबित हो रही है।
एक्सप्रेस वे में आवारा पशु न आए। इसके लिए इस तरह की लोहे की चारदीवारी लगाई गई है लेकिन कई जगह से लोहे के तार इस तरह से गायब है। इस चोरी के कारण आवारा पशु सडक़ों पर आ जाते हैं जो इस तरह की खतरनाक दुर्घटनाओं का कारण बनते हैं। बता दे, बीते 2 जून यहां एक हादसा हुआ, जिसमें चार लोग घायल हो गए और एक की मौत हो गई।
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