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20 प्रतिशत बढ़ा ई-ट्रांजेक्शन, 10 हजार ने ली मोबाइल बैंकिंग
नागौर। नोटबंदी के बाद जिले में इलेक्ट्रॉनिक ट्रांजेक्शन करीब 20 प्रतिशत बढ़ गया है। वहीं करीब दस हजार से अधिक खाताधारकों ने मोबाइल बैंकिंग की सुविधा अपना ली है। इनमें से एक चौथाई लोग इंटरनेट बैंकिंग से जुड़े हैं। बैंक में कैश जमा करवाने और निकालने के दौरान बैंककर्मी भी अब खाताधारकों को मोबाइल बैंकिंग का उपयोग करने की सलाह दे रहे हैंं। इससे प्रतिदिन मोबाइल बैंकिंग के ग्राहक बढ़ रहे हैं। इलेक्ट्रॉनिक वॉलेट के साथ स्वाइपिंग मशीनों से भुगतान बढ़ रहा है। बैंक अधिकारियों ने बताया कि बैंक और एटीएम के बाहर कतार लगी होने के कारण मोबाइल बैंकिंग का इस्तेमाल करने वाले ग्राहक परेशान है। लम्बी कतारों के चलते ग्राहकों को रजिस्ट्रेशन कराने में दिक्कत आ रही है। कुछ लोग डिजिटल बैंकिंग से जुडऩा चाहते हैं, लेकिन कतार के कारण बैंकों में नहीं पहुंच पा रहे हैं। नोटबंदी के करीब 42 दिन बाद मंगलवार को नागौर शहर के बैंकों में पांच सौ के नए नोट मिलना शुरू हो गए। इससे लम्बे समय से खुल्ले पैसे की समस्या से जूझ रहे लोगों को थोड़ी राहत मिली। हालांकि इसके बावजूद अधिकतर एटीएम कैश के बिना खाली रहे। बैंक सूत्रों के मुताबिक करीब 15 करोड़ का कैश आया था, जो मंगलवार को बैंकों में वितरित कर दिया गया। बैंकों के बाहर लोगों की कतार लगी रही। वहीं कलक्ट्रेट के नजदीक स्थित एसबीबीजे के एक एटीएम में दोपहर को कैश खत्म हो गया। वहीं दूसरे एटीएम में तकनीकी खराबी आ गई। इससे लोगों को काफी परेशानी हुई। इस बारे में सहायक अग्रणी जिला प्रबंधक दीपेश माथुर ने बताया सोमवार को करीब 15 करोड़ का कैश आया था, जो बैंकों में वितरित कर दिया है। इससे मंगलवार को बैंकों में कैश की उपलब्धता रही। लोग डिजिटल बैंकिंग से भी जुडऩे लगे हैं।
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