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राजनीतिक द्वेषता के चलते कांग्रेस सरकार ने दीनदयाल स्मारक धानक्या को किया बंद - कर्नल राज्यवर्धन
जयपुर ।पूर्व केन्द्रीय मंत्री और सांसद जयपुर ग्रामीण कर्नल राज्यवर्धन ने भाजपा सरकार द्वारा धानक्या में बनाए गये दीनदयाल स्मारक को प्रदेश की कांग्रेस सरकार द्वारा बंद किये जाने पर कडा रोष जताया है। उन्होंने कहा कांग्रेस सरकार ने राजनीतिक द्वेषता के चलते धानक्या में दीनदयाल स्मारक को बंद किया है।
उन्होंने कहा पंडित दीनदयाल उपाध्याय ने एकात्मक मानववाद जैसा विचार दुनिया के सामने रखा, उनके राजनीतिक मूल्यों, आदर्शों और सिद्वांतो से आज का युवा प्रेरणा लेता है। पं. दीनदयाल उपाध्याय जी के बारे में जानने और उनके स्मारक को देखने के लिए काफी संख्या में जनता आती थी। ऐसे महान व्यक्ति की स्मृति में बने स्मारक को बंद करना समाज व देश के लिए हितकारी नहीं है।कर्नल राज्यवर्धन ने कहा प्रदेश की वर्तमान कांग्रेस सरकार ने बजट का रोना रोकर इस स्मारक पर ताला लगा दिया जो कि अनुचित है क्योंकि पूर्व की भाजपा सरकार ने इस स्मारक पर होने वाला पूरा खर्च वहन किया और इस स्मारक की देखरेख की जिम्मेदारी कला एवं संस्कृति विभाग को सौंपी थी। स्मारक में एक दर्जन कर्मचारी भी लगाए गये थे। गहलोत सरकार ने मार्च माह में इन कर्मचारियों को हटाकर स्मारक पर ताले लगवा दिए जिससे जनता के लिए बनाया गया स्मारक दुर्दशा का शिकार हो रहा है।
उन्होंने कहा धानक्या पं. दीनदयाल उपाध्याय जी की जन्मस्थली है। यहां पर 12 करोड़ की लागत से 4400 वर्गमीटर क्षेत्रफल में बने 60 फिट उंचे चार मंजिला स्मारक में दीनदयाल उपाध्याय की 15 फिट उंची मूर्ति लगवाई गई है तथा उनके जीवन से जुडी सभी घटनाओं को भित्ती चित्रों एवं अन्य तरीकों से प्रदर्शित किया गया है जिससे आम आदमी को उनके जीवन से प्रेरणा मिल सकें।कर्नल राज्यवर्धन ने राज्य सरकार से जनहित में दीनदयाल उपाध्याय स्मारक को दोबारा चालू करने की मांग की है ।
उन्होंने कहा पंडित दीनदयाल उपाध्याय ने एकात्मक मानववाद जैसा विचार दुनिया के सामने रखा, उनके राजनीतिक मूल्यों, आदर्शों और सिद्वांतो से आज का युवा प्रेरणा लेता है। पं. दीनदयाल उपाध्याय जी के बारे में जानने और उनके स्मारक को देखने के लिए काफी संख्या में जनता आती थी। ऐसे महान व्यक्ति की स्मृति में बने स्मारक को बंद करना समाज व देश के लिए हितकारी नहीं है।कर्नल राज्यवर्धन ने कहा प्रदेश की वर्तमान कांग्रेस सरकार ने बजट का रोना रोकर इस स्मारक पर ताला लगा दिया जो कि अनुचित है क्योंकि पूर्व की भाजपा सरकार ने इस स्मारक पर होने वाला पूरा खर्च वहन किया और इस स्मारक की देखरेख की जिम्मेदारी कला एवं संस्कृति विभाग को सौंपी थी। स्मारक में एक दर्जन कर्मचारी भी लगाए गये थे। गहलोत सरकार ने मार्च माह में इन कर्मचारियों को हटाकर स्मारक पर ताले लगवा दिए जिससे जनता के लिए बनाया गया स्मारक दुर्दशा का शिकार हो रहा है।
उन्होंने कहा धानक्या पं. दीनदयाल उपाध्याय जी की जन्मस्थली है। यहां पर 12 करोड़ की लागत से 4400 वर्गमीटर क्षेत्रफल में बने 60 फिट उंचे चार मंजिला स्मारक में दीनदयाल उपाध्याय की 15 फिट उंची मूर्ति लगवाई गई है तथा उनके जीवन से जुडी सभी घटनाओं को भित्ती चित्रों एवं अन्य तरीकों से प्रदर्शित किया गया है जिससे आम आदमी को उनके जीवन से प्रेरणा मिल सकें।कर्नल राज्यवर्धन ने राज्य सरकार से जनहित में दीनदयाल उपाध्याय स्मारक को दोबारा चालू करने की मांग की है ।
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