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सपने टूट गए, नहीं मिली नौकरी, महंगा मोबाइल सस्ते में बेचा
गुरदासपुर।
सठियाली में यूबीडीसी नहर में सेल्फी लेते डूबने का ड्रामा रचने वाली दोनों
युवतियां अमृतसर में मिली हैं। दोनों खूब पैसा कमाना चाहती थीं और इसलिए
नौकरी की तलाश में गई थीं। वे चंडीगढ़ हाेते हुए दिल्ली चली गईं। वहां
नौकरी नहीं मिली आैर सारे पैसे खत्म हो गए तो अपना कीमती मोबाइल बेचकर
दोनों वापस आईं।
लवप्रीत माही व निशा ने बताया कि वे 14 जुलाई को सठियाली पुल से एक ट्रक पर लिफ्ट लेकर श्रीहरगोबिंदपुर पहुंचीं। वहां से बस लेकर चंडीगढ़ और उसके बाद ट्रेन से नई दिल्ली चली गईं। तीन दिन दिल्ली में रहने के बाद उनके पैसे खत्म हो गए, तो अपना कीमती मोबाइल तीन हजार रुपये में बेच दिया।
दाेनों ने बताया कि इसके बाद 17 जुलाई की शाम को वे ट्रेन से अमृतसर आ गईं। यहां पहुंचकर दोनों थाना कोतवाली गईं और पूरी कहानी पुलिस को बताई। फिर अमृतसर पुलिस उन दोनों को घर पहुंचाया।
लवप्रीत ने बताया 'मैं और निशा कोई अच्छी नौकरी हासिल कर अपने पैरों पर खड़ा होना चाहती थीं। पर दिल्ली पहुंचकर हमारे पैसे खत्म हो गए और हम दोनों को कहीं नौकरी नहीं मिली। इसके बाद हमें अपनी गलती का अहसास हुआ और घर लौट आईं।'
बता दें कि 14 जुलाई को नजदीकी गांव सठियाली की इन युवतियों के लापता होने के बाद हंगामा हो गया था। उनकी छोटी बहन ने लोगों को बताया कि दोनों के सेल्फी लेते समय नहर में गिर गईं अौर उसमें बह गईं। उनकी तलाश में पुलिस बल समेत गोताखोरों की मदद ली गई। बाद में पता चला कि वे नहर में नहीं गिरीं बल्कि वहां से कहीं भाग गई हैैं।
नहीं की गई कोई कानूनी कार्रवाई
'' अमृतसर पुलिस से दोनों के अमृतसर में होने के बारे में सूचना मिलने के बाद गुरदासपुर के एसएसपी भूपेंद्रजीत सिंह विर्क के ध्यान में सारा मामला लाया गया और बाद में दोनों को उनके परिजनों को सौंप दिया गया। युवतियों के भविष्य को ध्यान में रखते हुए उनके खिलाफ कोई कानूनी कार्रवाई नहीं की गई है।
लवप्रीत माही व निशा ने बताया कि वे 14 जुलाई को सठियाली पुल से एक ट्रक पर लिफ्ट लेकर श्रीहरगोबिंदपुर पहुंचीं। वहां से बस लेकर चंडीगढ़ और उसके बाद ट्रेन से नई दिल्ली चली गईं। तीन दिन दिल्ली में रहने के बाद उनके पैसे खत्म हो गए, तो अपना कीमती मोबाइल तीन हजार रुपये में बेच दिया।
दाेनों ने बताया कि इसके बाद 17 जुलाई की शाम को वे ट्रेन से अमृतसर आ गईं। यहां पहुंचकर दोनों थाना कोतवाली गईं और पूरी कहानी पुलिस को बताई। फिर अमृतसर पुलिस उन दोनों को घर पहुंचाया।
लवप्रीत ने बताया 'मैं और निशा कोई अच्छी नौकरी हासिल कर अपने पैरों पर खड़ा होना चाहती थीं। पर दिल्ली पहुंचकर हमारे पैसे खत्म हो गए और हम दोनों को कहीं नौकरी नहीं मिली। इसके बाद हमें अपनी गलती का अहसास हुआ और घर लौट आईं।'
बता दें कि 14 जुलाई को नजदीकी गांव सठियाली की इन युवतियों के लापता होने के बाद हंगामा हो गया था। उनकी छोटी बहन ने लोगों को बताया कि दोनों के सेल्फी लेते समय नहर में गिर गईं अौर उसमें बह गईं। उनकी तलाश में पुलिस बल समेत गोताखोरों की मदद ली गई। बाद में पता चला कि वे नहर में नहीं गिरीं बल्कि वहां से कहीं भाग गई हैैं।
नहीं की गई कोई कानूनी कार्रवाई
'' अमृतसर पुलिस से दोनों के अमृतसर में होने के बारे में सूचना मिलने के बाद गुरदासपुर के एसएसपी भूपेंद्रजीत सिंह विर्क के ध्यान में सारा मामला लाया गया और बाद में दोनों को उनके परिजनों को सौंप दिया गया। युवतियों के भविष्य को ध्यान में रखते हुए उनके खिलाफ कोई कानूनी कार्रवाई नहीं की गई है।
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