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व्यायाम और आहार स्वस्थ शरीर के दो आधार: डॉ. नीरज के. पवन
जयपुर। रजिस्ट्रार, सहकारिता डॉ. नीरज के. पवन ने कहा कि जीवन के किसी भी कार्यक्षेत्र में स्वस्थ शरीर सर्वाधिक प्राथमिक आवश्यकता है। व्यायाम और आहार स्वस्थ शरीर के दो आधार हैं। स्वस्थ शरीर ही समस्त सामाजिक जीवन का आधार है, इसलिए हमें शरीर का सम्मान करना चाहिए। इसके लिए क्या खाना है यह जानने के सााथ, यह जानना भी आवश्यक है कि क्या नहीं खाना है।
डॉ. पवन मंगलवार को यहां सहकार भवन में निरोगी राजस्थान योजना के तहत सहकारिता विभाग के अधिकारियों, निरीक्षकों एवं कर्मिकों हेतु स्वस्थ जीवनशैली पर सहकारी प्रबंध संस्थान, जयपुर के तत्वावधान में आयोजित सेमिनार को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि जीवन के प्रति सकारात्मक दृष्टि अनेक समस्याओं का इलाज है।
उन्होंने विभाग के समस्त अधिकारियों एवं कार्मिकों का आह्रान किया कि राजकीय कार्यों की अधिकता को तनाव का कारण न बनने दें तथा ऑफिस व पारिवारिक जीवन में स्पष्ट विभाजन रखे, घर का तनाव ऑफिस नहीं लाना है तथा ऑफिस का तनाव घर लेकर नहीं जाना है।
सेमिनार में विषय विशेषज्ञ शिखर प्रजापति ने बताया कि प्रतिदिन न्यूनतम आधा घण्टा या दस हजार कदम पैदल घूमना आवश्यक है। उन्होंने बताया कि भोजन में तेल एवं चीनी का प्रयोग न्यूनतम करना चाहिए। अधिक नमक का प्रयोग उच्च रक्त चाप व हृदय रोग को आंमत्रण देना है। उन्होंने बताया कि गरम पानी पीना अनेक शारीरिक व्याधिेयों का समाधान है।
उन्होंने बताया कि हमें आहार में फलों का प्रयोग अधिकाधिक करना चहिए। साथ ही यह भी ध्यान रखना चाहिए कि किसी भी फल को खाना उसका जूस पीने से अधिक लाभदायक है। फलों में उपस्थित फाइबर हमारे पाचन तंत्र को फायदा पहुंचाते हैं। इस दृष्टि से भेाजन में सलाद का प्रयोग भी अधिक करना चाहिए।
सेमिनार के दूसरे सत्र में योग एवं प्राकृतिक चिकित्सक डॉ. किरण गुप्ता ने प्राकृतिक आहार एवं स्वस्थ जीवन शैली पर प्रकाश डाला। सेमिनार के अन्त में सहकारी प्रबंध संस्थान के निदेशक डॉ. किशोर कुमार ने आगुन्तक अधिकारियों एवं कर्मचारियों को धन्यवाद ज्ञापित किया। संस्थान के व्याख्याता बी.एस. रोहिल्ला एवं महेश वर्मा भी उपस्थित रहे।
डॉ. पवन मंगलवार को यहां सहकार भवन में निरोगी राजस्थान योजना के तहत सहकारिता विभाग के अधिकारियों, निरीक्षकों एवं कर्मिकों हेतु स्वस्थ जीवनशैली पर सहकारी प्रबंध संस्थान, जयपुर के तत्वावधान में आयोजित सेमिनार को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि जीवन के प्रति सकारात्मक दृष्टि अनेक समस्याओं का इलाज है।
उन्होंने विभाग के समस्त अधिकारियों एवं कार्मिकों का आह्रान किया कि राजकीय कार्यों की अधिकता को तनाव का कारण न बनने दें तथा ऑफिस व पारिवारिक जीवन में स्पष्ट विभाजन रखे, घर का तनाव ऑफिस नहीं लाना है तथा ऑफिस का तनाव घर लेकर नहीं जाना है।
सेमिनार में विषय विशेषज्ञ शिखर प्रजापति ने बताया कि प्रतिदिन न्यूनतम आधा घण्टा या दस हजार कदम पैदल घूमना आवश्यक है। उन्होंने बताया कि भोजन में तेल एवं चीनी का प्रयोग न्यूनतम करना चाहिए। अधिक नमक का प्रयोग उच्च रक्त चाप व हृदय रोग को आंमत्रण देना है। उन्होंने बताया कि गरम पानी पीना अनेक शारीरिक व्याधिेयों का समाधान है।
उन्होंने बताया कि हमें आहार में फलों का प्रयोग अधिकाधिक करना चहिए। साथ ही यह भी ध्यान रखना चाहिए कि किसी भी फल को खाना उसका जूस पीने से अधिक लाभदायक है। फलों में उपस्थित फाइबर हमारे पाचन तंत्र को फायदा पहुंचाते हैं। इस दृष्टि से भेाजन में सलाद का प्रयोग भी अधिक करना चाहिए।
सेमिनार के दूसरे सत्र में योग एवं प्राकृतिक चिकित्सक डॉ. किरण गुप्ता ने प्राकृतिक आहार एवं स्वस्थ जीवन शैली पर प्रकाश डाला। सेमिनार के अन्त में सहकारी प्रबंध संस्थान के निदेशक डॉ. किशोर कुमार ने आगुन्तक अधिकारियों एवं कर्मचारियों को धन्यवाद ज्ञापित किया। संस्थान के व्याख्याता बी.एस. रोहिल्ला एवं महेश वर्मा भी उपस्थित रहे।
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