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मातमी माहौल में मनाया मोहर्रम
संगरूर। हज़रत इमाम हुसैन की शहादत को समर्पित मुहर्रम का त्योहार आज देश दुनिया
साथ-साथ पंजाब प्रांत में भी बड़े ही मातमी महौल में मनाया गया। सूबे भर में से बड़ी
संख्या में जिला संगरूर के मालेरकोटला में इकट्ठे हुए शिया भाईचारे के लोगो ने मातमी
जुलूस निकालकर इमाम हुसैन की शहादत को याद किया। इस दौरान भाईचारे की औरतों ने काले लिबास दाल कर इमाम हुसैन पर हुए ज़ुल्म
के प्रति शोक प्रकटाया और मातम मनाया।
इस्लाम धर्म के आखिरी पैग़ंबर हज़रत मुहम्मद साहिब
के दोहते इमाम हुसैन और उन के 72 साथियों को करबला के मैदान में तब शहीद कर दिया गया
था जब वह खुदा की इबादत में मसरूफ़ थे। इमाम
हुसैन इंसानियत के समर्थक थे और उन्होंने ज़ालिम शासक यजीद की अगुवायी को नामंजूर कर
दिया था। इस घटना को आज बेशक 14 सौ साल बीत चुके है परन्तु इमाम हुसैन को मानने वाले शिया भाईचारे के
लोग आज भी मातमी जुलूस निकालकर उन की शहादत को याद करते है।
पंजाब और हरियाणा के इलावा हिमाचल प्रदेश से बड़ी संख्या में शिया भाईचारे के लोग आज मुहर्रम के दिन जिला संगरूर के मालेरकोटला में इकट्ठे हुए। उन्होंने न सिर्फ़ मातमी जुलूस में शिरकत की बल्कि अपने जिस्म पर जंजीरों और ख़ंजरों के साथ वार कर मातम मनाया। इस मौके महिलायों ने भी काले लिबास पहन कर शोक प्रकट किया।
पंजाब और हरियाणा के इलावा हिमाचल प्रदेश से बड़ी संख्या में शिया भाईचारे के लोग आज मुहर्रम के दिन जिला संगरूर के मालेरकोटला में इकट्ठे हुए। उन्होंने न सिर्फ़ मातमी जुलूस में शिरकत की बल्कि अपने जिस्म पर जंजीरों और ख़ंजरों के साथ वार कर मातम मनाया। इस मौके महिलायों ने भी काले लिबास पहन कर शोक प्रकट किया।
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