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बिहार : AES की रोकथाम के लिए चाहिए बारिश, अब तक गई 154 बच्चों की जान

khaskhabar.com : रविवार, 30 जून 2019 7:23 PM (IST)
बिहार : AES की रोकथाम के लिए चाहिए बारिश, अब तक गई 154 बच्चों की जान
पटना। चिकित्सकों, विशेषज्ञों, चिकित्सा अधिकारियों और बच्चों के माता-पिता के बीच इस बात पर सहमति दिखती है कि मानसून बिहार के मुजफ्फरपुर जिले में एक्यूट एंसेफेलाइटिस सिंड्रोम (एईएस) के मामलों में कमी लाएगा। इस रहस्यमय बीमारी से राज्य में अब तक 154 बच्चों की जान गई है। एक हफ्ता पहले मानसून ने बिहार में प्रवेश किया है।

मुजफ्फरपुर सहित राज्य के अधिकांश हिस्सों में हल्की से मद्धिम बारिश हुई, जिससे किसानों से ज्यादा चिकित्सकों, चिकित्सा अधिकारियों और एईएस से प्रभावित बच्चों के माता-पिता खुश हुए। वे मानते हैं कि मुजफ्फरपुर और पड़ोसी जिलों में पसरे एईएस के प्रकोप की रोकथाम में दवाओं से ज्यादा बारिश कारगर होगी और 100 से ज्यादा उन बच्चों के लिए मददगार साबित होगी, जिनका उपचार अभी भी अस्पतालों में चल रहा है।

उनकी हालत तेजी से सुधारेगी। मुजफ्फरपुर स्थित सरकारी अस्पताल श्रीकृष्ण मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल (एसकेएमसीएच) में शिशुरोग विभाग के प्रमुख गोपाल शंकर सहनी ने कहा कि बारिश होने और वातावरण ठंडा हो जाने के कारण बड़ी संख्या में आ रहे एईएस के नए मामलों में पिछले कुछ दिनों में काफी कमी आई है। जून में एईएस के कारण सिर्फ मुजफ्फरपुर में 132 बच्चों की मौत हो गई। चिकित्सक और चिकित्सा अधिकारी इस बीमारी व मौत के कारणों के संदर्भ में अभी भी किसी ठोस नतीजे पर नहीं पहुंचे हैं।

राज्य और केंद्र की सरकारें भी इस बीमारी के निदान के बारे में अब तक अनभिज्ञ हैं। एक चिकित्सा अधिकारी ने कहा कि बीमारी की पहचान अभी तक नहीं हो पाई है। अतीत में राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय चिकित्सा विशेषज्ञों द्वारा किए गए कई शोधकार्यो के बावजूद कारण एक रहस्य बना हुआ है। लेकिन एक चीज स्पष्ट है कि वे इस बात को लेकर आश्वस्त हैं कि बारिश से रोग का प्रकोप थमेगा।

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