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जर्मनी कंट्री सेशन के दौरान पराली की सभ्य संभाल समेत सहयोग के अन्य अहम क्षेत्रों पर हुई चर्चा
महोली/चंडीगढ़। प्रोग्रेसिव पंजाब निवेश सम्मेलन -2019 के दौरान ‘पंजाब और जर्मनी के विकास के लिए हिस्सेदारी’ विषय पर हुए सेशन के दौरान देश में पराली के रख-रखाव की गंभीर समस्या समेत पंजाब और यूरोपियन देशों के दरमियान सहयोग के विभिन्न क्षेत्रों पर चर्चा की गई।
अतिरिक्त मुख्य सचिव रवनीत कौर ने अपने स्वागती भाषण में निवेश के लिए पंजाब को सबसे उत्तम करार देते हुए कहा कि यह राज्य विश्व का सबसे बड़ा ट्रैक्टर निर्माण केंद्र होने के साथ-साथ मध्य एशियाई बाज़ार के बहुत नज़दीक है। उन्होंने आगे कहा कि जहां पंजाब में बिजली की दरें सबसे कम केवल 5 रुपए हैं और काम की कोई समस्या भी नहीं है। वहीं राज्य में शानदार सडक़, रेल और हवाई संपर्क, मज़बूत बुनियादी ढांचा, सभी ज़रूरी मंजूरियों संबंधी सिंगल विंडो सिस्टम समेत अमृतसर, जालंधर, लुधियाना और बठिंडा जैसे औद्योगिक कलस्टर भी मौजूद हैं।
रवनीत कौर ने पंजाब और जर्मनी के दरमियान व्यापारिक संबंधों की बात करते हुए कहा कि साल 2018-19 में पंजाब लोहे और स्टील के निर्यात में चौथा सबसे बड़ा और जर्मनी को ऑटो पार्टस निर्यात करने वाला 5वां बड़ा राज्य था। सैशन का संचालन यूरोप की बड़ी औद्योगिक संस्थाओं में से एक वी.डी.एम.ए. के मैनेजिंग डायरेक्टर राजेश नाथ ने किया।
पंजाब और जर्मनी के दरमियान सहयोग संबंधी हुए सेशन में हिस्सा लेने वालों में वरबीओ ग्लोबल के सी.ओ.ओ. डॉ. ओलिवर लुडके, गरोज बैककरट के मैनेजिंग डायरेक्टर डाॅ. ऐंटन रीनफेलडर, क्लास इंडिया के मैनेजिंग डायरेक्टर श्रीराम कानन, हेला इंडिया लाईटनिंग के मैनेजिंग डायरैक्टर रामाशंकर पांडे, बिमर इंडिया प्राईवेट लिमिटड के मैनेजिंग डायरेक्टर नितिन व्यास, थाईसनकरप इंडस्ट्रीज के मैनेजिंग डायरेक्टर और सी.ई.ओ विवेक भाटिया, विबरकोस्टिक के प्रधान जगमिन्दर बावा के अलावा कार्लो ग्रेपल, स्टेफन क्राहल और ग्रेपल परफोरेशन से पंकज गौतम ने पंजाब और जर्मनी के दरमियान सहयोग के विभिन्न क्षेत्रों में अपने -अपने विचार साझे किए।
इस मौके पर बोलते हुए विवेक भाटिया ने कहा कि तकनीकी क्षेत्र में सहयोग पराली के सभ्य प्रयोग में सहायता कर सकता है, जिससे वातावरण को प्रदूषित होने से बचाया जा सकता है। श्रीराम कानन ने अच्छी बिजली सप्लाई के अलावा राज्य में मज़दूर समस्याओं की अनुपस्थिति की प्रशंसा की, जो कि औद्योगिक क्षेत्र के विकास के लिए बहुत ज़रूरी है। उन्होंने कृषि मशीनीकरण को विकास के लिए बेहद महत्वपूर्ण बताया।
अपने विचारों का प्रगटावा करते हुए जगमिन्दर बावा ने राज्य में मानवीय शक्ति की उपलब्धता और पंजाब सरकार द्वारा उद्योग समर्थकीय उठाए गए कदमों की प्रशंसा की।
डा. ऐंटन रीनफेलडर ने कौशल विकास विशेष कर पेशामुखी कौशल का भविष्य के क्षेत्र के तौर पर जि़क्र किया और पंजाब से आए तकनीकी कुशल श्रमिकों की प्रशंसा की।
रामाशंकर पांडे ने ऑटोमोटिव टेक्नोलॉजी पर ज़ोर देते हुए कहा कि इस क्षेत्र में पंजाब-जर्मन सहयोग से शानदार नतीजे हासिल किए जा सकते हैं और साथ ही उन्होंने राज्य के पास मौजूद नयी खोज वाली प्रतिभा की प्रशंसा भी की।
डॉ. ओलिवर लुडके ने एक और सैक्टर बायो टेक्नोलॉजी क्षेत्र पर ध्यान केंद्रित करवाते हुए कहा कि बायो मीथेन जैसे कच्चे माल के उत्पादन से पराली प्रबंधन में मदद मिल सकती है।
इस मौके पर सहयोग के लिए अन्य महत्वपूर्ण क्षेत्रों टेक्स्टाईल, फूड प्रोसेसिंग और मशीनरी पर भी विचार -विमर्श किया गया।
अतिरिक्त मुख्य सचिव रवनीत कौर ने अपने स्वागती भाषण में निवेश के लिए पंजाब को सबसे उत्तम करार देते हुए कहा कि यह राज्य विश्व का सबसे बड़ा ट्रैक्टर निर्माण केंद्र होने के साथ-साथ मध्य एशियाई बाज़ार के बहुत नज़दीक है। उन्होंने आगे कहा कि जहां पंजाब में बिजली की दरें सबसे कम केवल 5 रुपए हैं और काम की कोई समस्या भी नहीं है। वहीं राज्य में शानदार सडक़, रेल और हवाई संपर्क, मज़बूत बुनियादी ढांचा, सभी ज़रूरी मंजूरियों संबंधी सिंगल विंडो सिस्टम समेत अमृतसर, जालंधर, लुधियाना और बठिंडा जैसे औद्योगिक कलस्टर भी मौजूद हैं।
रवनीत कौर ने पंजाब और जर्मनी के दरमियान व्यापारिक संबंधों की बात करते हुए कहा कि साल 2018-19 में पंजाब लोहे और स्टील के निर्यात में चौथा सबसे बड़ा और जर्मनी को ऑटो पार्टस निर्यात करने वाला 5वां बड़ा राज्य था। सैशन का संचालन यूरोप की बड़ी औद्योगिक संस्थाओं में से एक वी.डी.एम.ए. के मैनेजिंग डायरेक्टर राजेश नाथ ने किया।
पंजाब और जर्मनी के दरमियान सहयोग संबंधी हुए सेशन में हिस्सा लेने वालों में वरबीओ ग्लोबल के सी.ओ.ओ. डॉ. ओलिवर लुडके, गरोज बैककरट के मैनेजिंग डायरेक्टर डाॅ. ऐंटन रीनफेलडर, क्लास इंडिया के मैनेजिंग डायरेक्टर श्रीराम कानन, हेला इंडिया लाईटनिंग के मैनेजिंग डायरैक्टर रामाशंकर पांडे, बिमर इंडिया प्राईवेट लिमिटड के मैनेजिंग डायरेक्टर नितिन व्यास, थाईसनकरप इंडस्ट्रीज के मैनेजिंग डायरेक्टर और सी.ई.ओ विवेक भाटिया, विबरकोस्टिक के प्रधान जगमिन्दर बावा के अलावा कार्लो ग्रेपल, स्टेफन क्राहल और ग्रेपल परफोरेशन से पंकज गौतम ने पंजाब और जर्मनी के दरमियान सहयोग के विभिन्न क्षेत्रों में अपने -अपने विचार साझे किए।
इस मौके पर बोलते हुए विवेक भाटिया ने कहा कि तकनीकी क्षेत्र में सहयोग पराली के सभ्य प्रयोग में सहायता कर सकता है, जिससे वातावरण को प्रदूषित होने से बचाया जा सकता है। श्रीराम कानन ने अच्छी बिजली सप्लाई के अलावा राज्य में मज़दूर समस्याओं की अनुपस्थिति की प्रशंसा की, जो कि औद्योगिक क्षेत्र के विकास के लिए बहुत ज़रूरी है। उन्होंने कृषि मशीनीकरण को विकास के लिए बेहद महत्वपूर्ण बताया।
अपने विचारों का प्रगटावा करते हुए जगमिन्दर बावा ने राज्य में मानवीय शक्ति की उपलब्धता और पंजाब सरकार द्वारा उद्योग समर्थकीय उठाए गए कदमों की प्रशंसा की।
डा. ऐंटन रीनफेलडर ने कौशल विकास विशेष कर पेशामुखी कौशल का भविष्य के क्षेत्र के तौर पर जि़क्र किया और पंजाब से आए तकनीकी कुशल श्रमिकों की प्रशंसा की।
रामाशंकर पांडे ने ऑटोमोटिव टेक्नोलॉजी पर ज़ोर देते हुए कहा कि इस क्षेत्र में पंजाब-जर्मन सहयोग से शानदार नतीजे हासिल किए जा सकते हैं और साथ ही उन्होंने राज्य के पास मौजूद नयी खोज वाली प्रतिभा की प्रशंसा भी की।
डॉ. ओलिवर लुडके ने एक और सैक्टर बायो टेक्नोलॉजी क्षेत्र पर ध्यान केंद्रित करवाते हुए कहा कि बायो मीथेन जैसे कच्चे माल के उत्पादन से पराली प्रबंधन में मदद मिल सकती है।
इस मौके पर सहयोग के लिए अन्य महत्वपूर्ण क्षेत्रों टेक्स्टाईल, फूड प्रोसेसिंग और मशीनरी पर भी विचार -विमर्श किया गया।
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