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विधायक से बोली डायरेक्टर- जब बात ही नहीं सुननी तो फिर क्यों बुलाते हो बैठकें
हनुमानगढ़। जिला परिषद की साधारण सभा की मंगलवार को हुई बैठक हंगामे की भेंट चढक़र रह गई। इसमें कई बार ऐसा मौका आया जब डायरेक्टर, विधायक व अधिकारी आपस में उलझ पड़े।
खेदासरी डायरेक्टर कौशल्या देवी की ओर से उठाए गए मुद्दे पर सदन में विवाद हो गया। कौशल्या देवी ने कहा कि गांव में सडक़ें नहीं हैं। वह इस मुद्दे को पहली बैठक से उठाती आ रही है। बैठक में आदेश हो जाता है, लेकिन उसकी पालना नहीं होती। इस पर मंच पर बैठे नोहर विधायक अभिषेक मटोरिया ने जब खेदासरी डायरेक्टर की ओर से उठाया गया मुद्दा समझ न आने की बात कही गई तो सदन में विवाद हो गया। खेदासरी डायरेक्टर ने आक्रोश भरे लहजे में कहा कि जब डायरेक्टर की बात ही नहीं सुननी तो फिर बैठकें बुलाने का क्या फायदा। समस्या हल होना तो दूर उन्हें ढंग से सुना भी नहीं जाता। उन्होंने आगे से बैठक में अपने गांव की किसी भी समस्या को नहीं उठाने की बात कही। इसका तीन-चार अन्य डायरेक्टरों ने भी समर्थन किया तथा उन्होंने हंगामा शुरू कर दिया। इसी बीच विधायक मटोरिया की कही एक बात ने खेदासरी डायरेक्टर के गुस्से को और बढ़ा दिया। इस पर उखड़े अन्य डायरेक्टरों ने कौशल्या देवी का पक्ष लेते हुए विधायक मटोरिया को कहा कि वे बात को दबाएं नहीं, बल्कि उसका समाधान करवाने का प्रयास करें। इस दौरान काफी देर तक सदन में हंगामा होता रहा।
खेदासरी डायरेक्टर कौशल्या देवी की ओर से उठाए गए मुद्दे पर सदन में विवाद हो गया। कौशल्या देवी ने कहा कि गांव में सडक़ें नहीं हैं। वह इस मुद्दे को पहली बैठक से उठाती आ रही है। बैठक में आदेश हो जाता है, लेकिन उसकी पालना नहीं होती। इस पर मंच पर बैठे नोहर विधायक अभिषेक मटोरिया ने जब खेदासरी डायरेक्टर की ओर से उठाया गया मुद्दा समझ न आने की बात कही गई तो सदन में विवाद हो गया। खेदासरी डायरेक्टर ने आक्रोश भरे लहजे में कहा कि जब डायरेक्टर की बात ही नहीं सुननी तो फिर बैठकें बुलाने का क्या फायदा। समस्या हल होना तो दूर उन्हें ढंग से सुना भी नहीं जाता। उन्होंने आगे से बैठक में अपने गांव की किसी भी समस्या को नहीं उठाने की बात कही। इसका तीन-चार अन्य डायरेक्टरों ने भी समर्थन किया तथा उन्होंने हंगामा शुरू कर दिया। इसी बीच विधायक मटोरिया की कही एक बात ने खेदासरी डायरेक्टर के गुस्से को और बढ़ा दिया। इस पर उखड़े अन्य डायरेक्टरों ने कौशल्या देवी का पक्ष लेते हुए विधायक मटोरिया को कहा कि वे बात को दबाएं नहीं, बल्कि उसका समाधान करवाने का प्रयास करें। इस दौरान काफी देर तक सदन में हंगामा होता रहा।
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