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तूफान और आग से झुलसा धौलपुर, 10 की मौत, 29 घायल
धौलपुर। जिले में फिर एक बार चक्रवाती तूफान ने तबाही का कहर ढाया है। बीती रात करीब 8 बजे आए तूफान में 10 लोगों की मौत हो गई, जबकि 29 लोग घायल हो गए। मृतकों में चार महिला व एक तीन वर्षीय बालिका और चार पुरुष हैं। सभी घायलों का जिला अस्पताल और सीएचसी में उपचार चल रहा है। जिले के बसेड़ी उपखंड के गांव लेबड़ापुरा, क्यारपुरा और पिपरीपुरा में तेज तूफान के दौरान लगी आग से सैकड़ों मकान खाक हो गए। देर रात 12:45 बजे आग पर ग्रामीणों ने काबू पाने का प्रयास किया, लेकिन मौके पर दमकल नहीं पहुंचने से ग्रामीण आग बुझाने के लिए घंटों तक जूझते रहे।
जानकारी के मुताबिक बुधवार रात लेबड़ापुरा गांव में व्यक्ति खेत में पड़े कूड़े को जला रहा था। इसके कुछ देर बाद ही करीब 130 किलोमीटर की रफ्तार से आए तूफान के साथ आग गांव में प्रवेश कर गई। देखते ही देखते आधे से ज्यादा गांव में आग फैल गई। आग से ग्रामीणों में अफरा-तफरी मच गई। चारों ओर कोहराम और चीत्कार मच गई। लोग बदहवास अपने प्राण बचाने के साथ-साथ घरों से बच्चों एवं महिलाओं को सुरक्षित निकालने के लिए भागदौड़ करते रहे। इस दौरान आग की तेज लपटें तेज हवा के कारण घरों और मकानों को पार करती हुईं आसपास रखे ईंधन-कंडा के बटोरे तक पहुंच गई। घरों के आसपास रखे ईंधन ने आग में बारूद का काम करते हुए कुशवाहा बस्ती के लगभग 50 घरों को अपनी चपेट में ले लिया। आग की आसमान छूती लपटें देखकर आसपास के गांवों के ग्रामीणों ने भी मौके पर पहुंचकर आग बुझाने में जुट गए, लेकिन तेज आंधी के चलते आग पर काबू नहीं पाया जा सका। देखते ही देखते कुशवाह बस्ती के करीब 50 घरों में रखा सामान जलकर खाक हो गया। बाद में बसेड़ी थाना प्रभारी अजय सिंह मीणा और तहसील प्रशासन मौके पर पहुंचे।
रास्ते में अटकी दमकल
आग बुझाने के लिे दमकल की गाड़ी धौलपुर से लेबड़ापुरा के लिए रवाना की गई, लेकिन सैपऊ-बसेड़ी मार्ग पर रास्ते में बिजली के खंभे और पेड़ टूट कर गिरने से दमकल सैपऊ से आगे नहीं बढ़ सकी। घटनास्थल पर दमकल नहीं पहुंचने पर ग्रामीणों में आक्रोश हो गया। बाद में दमकल की गाड़ी को जैसे तैसे खेतों से होकरर घटनास्थल तक ले जाया गया।
27 भेड़ें और 3 बकिरयों की मौत
सैंपऊ के मढ़ी मोहल्ला स्थित रामप्रकाश पुत्र बदरिया बघेल के पशु बाड़े की दीवार ढहने से मलबे के नीचे दबने से 27 भेड़ और तीन बकरियों की मौत हो गई। इससे पूर्व गत दिवस आए तेज अंधड़ के दौरान रामप्रकाश की 39 भेड़-बकरियों की मौत हो गई थी। महीने भर में रामप्रकाश के यहां दो बार हुए हादसे के कारण कोहराम मचा हुआ है।
पेड़ और बिजली के खंभे धराशायी
तेज अंधड़ और तूफान के तांडव ने ऐसा तबाही का मंजर दिखाया है, जिसमें 10 लोगों की मौत हो चुकी है। वहीं 29 लोग घायल हुए हैं। सड़कों पर बिजली के खंभे और सैकड़ों पेड़ धराशायी हो गए। लोगों के अनाज, कपडे, बर्तन सहित गृहस्थी का सारा सामान बर्बाद हो गया। प्रशासन ने सभी तहसील और उपखंडों में हल्का पटवारियों को सर्वे कराने की निर्देश दिए हैं।
मृतकों के नाम
मृतकों में गांव निधेरा निवासी 55 वर्षीय बच्चू सिंह, डोंगरपुर निवासी 45 वर्षीय मुकेश, बसई लालू निवासी तीन वर्षीय निधि, डरुआ पुरा निवासी 65 वर्षीय श्रीलाल और 60 वर्षीय प्रेमवती, अलीगढ़ निवासी 11 वर्षीय सन्नी, कोलारी निवासी 55 वर्षीय गणपत और 25 वर्षीय रेवती, अम्बेडकर कॉलोनी में 40 वर्षीय हसीना और 45 वर्षीय आशा की मौत हो गई। तूफान से अभी तक विद्युत ओर इंटरनेट सेवाएं बाधित है। जिला प्रशासन ने मृतकों के आश्रितों को चार लाख रुपए देने की घोषणा की है और राजस्व अधिकारियो को जिलेभर में हुए नुकसान का सर्वे करने के निर्देश दिए हैं।
जानकारी के मुताबिक बुधवार रात लेबड़ापुरा गांव में व्यक्ति खेत में पड़े कूड़े को जला रहा था। इसके कुछ देर बाद ही करीब 130 किलोमीटर की रफ्तार से आए तूफान के साथ आग गांव में प्रवेश कर गई। देखते ही देखते आधे से ज्यादा गांव में आग फैल गई। आग से ग्रामीणों में अफरा-तफरी मच गई। चारों ओर कोहराम और चीत्कार मच गई। लोग बदहवास अपने प्राण बचाने के साथ-साथ घरों से बच्चों एवं महिलाओं को सुरक्षित निकालने के लिए भागदौड़ करते रहे। इस दौरान आग की तेज लपटें तेज हवा के कारण घरों और मकानों को पार करती हुईं आसपास रखे ईंधन-कंडा के बटोरे तक पहुंच गई। घरों के आसपास रखे ईंधन ने आग में बारूद का काम करते हुए कुशवाहा बस्ती के लगभग 50 घरों को अपनी चपेट में ले लिया। आग की आसमान छूती लपटें देखकर आसपास के गांवों के ग्रामीणों ने भी मौके पर पहुंचकर आग बुझाने में जुट गए, लेकिन तेज आंधी के चलते आग पर काबू नहीं पाया जा सका। देखते ही देखते कुशवाह बस्ती के करीब 50 घरों में रखा सामान जलकर खाक हो गया। बाद में बसेड़ी थाना प्रभारी अजय सिंह मीणा और तहसील प्रशासन मौके पर पहुंचे।
रास्ते में अटकी दमकल
आग बुझाने के लिे दमकल की गाड़ी धौलपुर से लेबड़ापुरा के लिए रवाना की गई, लेकिन सैपऊ-बसेड़ी मार्ग पर रास्ते में बिजली के खंभे और पेड़ टूट कर गिरने से दमकल सैपऊ से आगे नहीं बढ़ सकी। घटनास्थल पर दमकल नहीं पहुंचने पर ग्रामीणों में आक्रोश हो गया। बाद में दमकल की गाड़ी को जैसे तैसे खेतों से होकरर घटनास्थल तक ले जाया गया।
27 भेड़ें और 3 बकिरयों की मौत
सैंपऊ के मढ़ी मोहल्ला स्थित रामप्रकाश पुत्र बदरिया बघेल के पशु बाड़े की दीवार ढहने से मलबे के नीचे दबने से 27 भेड़ और तीन बकरियों की मौत हो गई। इससे पूर्व गत दिवस आए तेज अंधड़ के दौरान रामप्रकाश की 39 भेड़-बकरियों की मौत हो गई थी। महीने भर में रामप्रकाश के यहां दो बार हुए हादसे के कारण कोहराम मचा हुआ है।
पेड़ और बिजली के खंभे धराशायी
तेज अंधड़ और तूफान के तांडव ने ऐसा तबाही का मंजर दिखाया है, जिसमें 10 लोगों की मौत हो चुकी है। वहीं 29 लोग घायल हुए हैं। सड़कों पर बिजली के खंभे और सैकड़ों पेड़ धराशायी हो गए। लोगों के अनाज, कपडे, बर्तन सहित गृहस्थी का सारा सामान बर्बाद हो गया। प्रशासन ने सभी तहसील और उपखंडों में हल्का पटवारियों को सर्वे कराने की निर्देश दिए हैं।
मृतकों के नाम
मृतकों में गांव निधेरा निवासी 55 वर्षीय बच्चू सिंह, डोंगरपुर निवासी 45 वर्षीय मुकेश, बसई लालू निवासी तीन वर्षीय निधि, डरुआ पुरा निवासी 65 वर्षीय श्रीलाल और 60 वर्षीय प्रेमवती, अलीगढ़ निवासी 11 वर्षीय सन्नी, कोलारी निवासी 55 वर्षीय गणपत और 25 वर्षीय रेवती, अम्बेडकर कॉलोनी में 40 वर्षीय हसीना और 45 वर्षीय आशा की मौत हो गई। तूफान से अभी तक विद्युत ओर इंटरनेट सेवाएं बाधित है। जिला प्रशासन ने मृतकों के आश्रितों को चार लाख रुपए देने की घोषणा की है और राजस्व अधिकारियो को जिलेभर में हुए नुकसान का सर्वे करने के निर्देश दिए हैं।
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