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पवना देवी बनी प्रेरणास्रोत, कई बाधाओं को पार कर बनाई अलग पहचान
धर्मशाला। कांगड़ा जिला के पालमपुर तहसील के बल्हा गांव निवासी पवना देवी ने दृढ़निश्चय व आत्मविश्वास के बल पर अपनी अलग पहचान बनाई है। जब उसके पास कुछ काम नहीं था तो लोन लेकर डेयरी फार्मिंग शुरू की। जिदंगी की तमाम बाधाओं को पार कर पवना देवी ने अपने घर की आर्थिक स्थिति को बदला और अपनी मेहनत के बल पर आज वे क्षेत्र के लोगों के लिए प्रेरणास्रोत बन गई हैं।
आपको बता दें कि पवना शादी के बाद जब बल्हा गांव में अपने ससुराल आई थीं, उस समय घर की आर्थिक स्थिति कमजोर थी। पति खेती-बाड़ी करते थे तो उन्होंने भी इसमें हाथ बंटाना शुरू कर दिया, लेकिन दोनों मिलकर भी परिवार का सही ढंग से गुजर-बसर करने लायक भी नहीं कमा सके। सास-ससुर की जिम्मेदारी के साथ दो बेटों की पढ़ाई-लिखाई का खर्चा भी सामने था।
ऐसे में पवना को एक सहेली से पंजाब नेशनल बैंक के धर्मशाला स्थित ग्रामीण स्वरोजगार प्रशिक्षण संस्थान द्वारा चलाए गए उद्यमिता जागरूकता शिविर में प्रशिक्षण कार्यक्रमों के बारे में जानकारी मिली। उन्होंने तुरन्त 6 दिन के डेयरी फार्मिंग के प्रशिक्षण के लिए आवेदन किया। ग्रामीण स्वरोजगार प्रशिक्षण संस्थान द्वारा उद्यमिता विकास का प्रशिक्षण पाकर उनके कौशल में वृद्धि हुई।
पवना बताती हैं कि उन्होंने प्रशिक्षण के बाद मरांडा की पीएनबी बैंक शाखा से 50 हजार का ऋण लिया, रिश्तेदारों ने भी मदद की। इसके बाद उन्होंने डेयरी फार्मिंग का कार्य शुरू किया। आज उनके पास उन्नत नस्ल की 4 गायें हैं और वे लगभग एक क्विंटल दूध आसपास के गांवों में बेच रहे हैं और हर महीने 20 से 25 हजार रुपए कमा रहे हैं। अरविंद का कहना है कि पवना के आत्मविश्वास ने उनके परिवार की जिंदगी बदल दी है।
पंजाब नेशनल बैंक ग्रामीण स्वरोजगार प्रशिक्षण संस्थान के निदेशक कमल प्रकाश बताते हैं कि संस्थान जरूरतमंद एवं इच्छुक लोगों को स्वरोजगार आरम्भ करने के लिए निशुल्क प्रशिक्षण देता है, ताकि वे आर्थिक रूप से सुदृढ़ एवं आत्मनिर्भर हो सकें। उन्होंने बताया कि प्रशिक्षण की समाप्ति पर प्रशिक्षणार्थियों को प्रमाण-पत्र दिए जाते हैं, जिसके द्वारा वे स्वरोजगार के लिए जिला कांगड़ा के किसी भी बैंक से ऋण प्राप्त करने के लिए आवेदन कर सकते हैं।
जिलाधीश कांगड़ा संदीप कुमार का कहना है कि सभी जिलावासियों विशेषकर युवाओं एवं महिलाओं को स्वरोजगार अपनाने के लिए प्रोत्साहित करने एवं आत्मनिर्भर बनाने पर बल दिया जा रहा है। प्रशासन के इन प्रयासों में पंजाब नेशनल बैंक के ग्रामीण स्वरोजगार प्रशिक्षण जैसे संस्थान महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं, जो बेहद सराहनीय है।
आपको बता दें कि पवना शादी के बाद जब बल्हा गांव में अपने ससुराल आई थीं, उस समय घर की आर्थिक स्थिति कमजोर थी। पति खेती-बाड़ी करते थे तो उन्होंने भी इसमें हाथ बंटाना शुरू कर दिया, लेकिन दोनों मिलकर भी परिवार का सही ढंग से गुजर-बसर करने लायक भी नहीं कमा सके। सास-ससुर की जिम्मेदारी के साथ दो बेटों की पढ़ाई-लिखाई का खर्चा भी सामने था।
ऐसे में पवना को एक सहेली से पंजाब नेशनल बैंक के धर्मशाला स्थित ग्रामीण स्वरोजगार प्रशिक्षण संस्थान द्वारा चलाए गए उद्यमिता जागरूकता शिविर में प्रशिक्षण कार्यक्रमों के बारे में जानकारी मिली। उन्होंने तुरन्त 6 दिन के डेयरी फार्मिंग के प्रशिक्षण के लिए आवेदन किया। ग्रामीण स्वरोजगार प्रशिक्षण संस्थान द्वारा उद्यमिता विकास का प्रशिक्षण पाकर उनके कौशल में वृद्धि हुई।
पवना बताती हैं कि उन्होंने प्रशिक्षण के बाद मरांडा की पीएनबी बैंक शाखा से 50 हजार का ऋण लिया, रिश्तेदारों ने भी मदद की। इसके बाद उन्होंने डेयरी फार्मिंग का कार्य शुरू किया। आज उनके पास उन्नत नस्ल की 4 गायें हैं और वे लगभग एक क्विंटल दूध आसपास के गांवों में बेच रहे हैं और हर महीने 20 से 25 हजार रुपए कमा रहे हैं। अरविंद का कहना है कि पवना के आत्मविश्वास ने उनके परिवार की जिंदगी बदल दी है।
पंजाब नेशनल बैंक ग्रामीण स्वरोजगार प्रशिक्षण संस्थान के निदेशक कमल प्रकाश बताते हैं कि संस्थान जरूरतमंद एवं इच्छुक लोगों को स्वरोजगार आरम्भ करने के लिए निशुल्क प्रशिक्षण देता है, ताकि वे आर्थिक रूप से सुदृढ़ एवं आत्मनिर्भर हो सकें। उन्होंने बताया कि प्रशिक्षण की समाप्ति पर प्रशिक्षणार्थियों को प्रमाण-पत्र दिए जाते हैं, जिसके द्वारा वे स्वरोजगार के लिए जिला कांगड़ा के किसी भी बैंक से ऋण प्राप्त करने के लिए आवेदन कर सकते हैं।
जिलाधीश कांगड़ा संदीप कुमार का कहना है कि सभी जिलावासियों विशेषकर युवाओं एवं महिलाओं को स्वरोजगार अपनाने के लिए प्रोत्साहित करने एवं आत्मनिर्भर बनाने पर बल दिया जा रहा है। प्रशासन के इन प्रयासों में पंजाब नेशनल बैंक के ग्रामीण स्वरोजगार प्रशिक्षण जैसे संस्थान महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं, जो बेहद सराहनीय है।
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